36. क्योंकि इन दिनों से पहले थियूदास यह कहता हुआ उठा, कि मैं भी कुछ हूं; और कोई चार सौ मनुष्य उसके साथ हो लिये, परन्तु वह मारा गया; और जितने लोग उसे मानते थे, सब तित्तर बित्तर हुए और मिट गए।
36. Before these days rose up one Theudas boasting(boosting) himself, to whom resorted a number of men, about a four hundred, which was slain, and they all which believed(enclined unto) him were scattered abroad, and brought to nought.