29. पौलुस ने कहा, परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि क्या थोड़े में, क्या बहुत में, केवल तू ही नहीं, परन्तु जितने लोग आज मेरी सुनते हैं, इन बन्धनों को छोड़ वे मेरे समान हो जाएं।।
29. পৌল কহিলেন, ঈশ্বরের কাছে এই প্রার্থনা করিতেছি, অল্পে হউক কি অধিকে হউক, কেবল আপনি নন, কিন্তু অন্য যত লোক অদ্য আমার কথা শুনিতেছেন, সকলেই যেন এই বন্ধন ছাড়া আমি যেমন, তেমনি হন।