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1. फिर जाते हुए उस ने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्धा था।
1. And as he passed on, he saw a man blind from birth.
2. और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?निर्गमन 20:5, यहेजकेल 18:20
2. And his disciples asked him, saying, Rabbi, who sinned, this [man] or his parents, that he should be born blind?
3. यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों।
3. Jesus answered, Neither has this [man] sinned nor his parents, but that the works of God should be manifested in him.
4. जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता।
4. I must work the works of him that has sent me while it is day. [The] night is coming, when no one can work.
5. जब तक मैं जंगल में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं।यशायाह 49:6
5. As long as I am in the world, I am [the] light of the world.
6. यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर।
6. Having said these things, he spat on the ground and made mud of the spittle, and put the mud, as ointment, on his eyes.
7. उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया।2 राजाओं 5:10
7. And he said to him, Go, wash in the pool of Siloam, which is interpreted, Sent. He went therefore and washed, and came seeing.
8. तब पड़ोसी और जिन्हों ने पिहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे; क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था?
8. The neighbours therefore, and those who used to see him before, that he was a beggar, said, Is not this he that was sitting and begging?
9. कितनों ने कहा, यह वही है: औरों ने कहा, नहीं; परन्तु उसके समान है: उस ने कहा, मैं वही हूं।
9. Some said, It is he; others said, No, but he is like him: *he* said, It is I.
10. तब वे उस से पूछने लगे, तेरी आंखें क्योंकर खुल गई?
10. They said therefore to him, How have thine eyes been opened?
11. उस ने उत्तर दिया, कि यीशु नाम एक व्यक्ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आंखों पर लगाकर मुझ से कहा, कि शीलोह में जाकर धो ले; सो मैं गया, और धोकर देखने लगा।
11. He answered [and said], A man called Jesus made mud and anointed mine eyes, and said to me, Go to Siloam and wash: and having gone and washed, I saw.
12. उन्हों ने उस से पूछा; वह कहां है? उस ने कहा; मैं नहीं जानता।।
12. They said therefore to him, Where is he? He says, I do not know.
13. लोग उसे जो पहिले अन्धा था फरीसियों के पास ले गए।
13. They bring him who was before blind to the Pharisees.
14. जिस दिन यीशु ने मिट्टी सानकर उस की आंखे खोली थी वह सब्त का दिन था।
14. Now it was sabbath when Jesus made the mud and opened his eyes.
15. फिर फरीसियों ने भी उस से पूछा; तेरी आंखें किस रीति से खुल गई? उस न :उन से कहा; उस ने मेरी आंखो पर मिट्टी लगाई, फिर मैं ने धो लिया, और अब देखता हूं।
15. The Pharisees therefore also again asked him how he received his sight. And he said to them, He put mud upon mine eyes, and I washed, and I see.
16. इस पर कई फरीसी कहने लगे; यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता। औरों ने कहा, पापी मनुष्य क्योंकर ऐसे चिन्ह दिखा सकता है? सो उन में फूट पड़ी।
16. Some of the Pharisees therefore said, This man is not of God, for he does not keep the sabbath. Others said, How can a sinful man perform such signs? And there was a division among them.
17. उन्हों ने उस अन्धे से फिर कहा, उस ने जो तेरी आंखे खोली, तू उसके विषय में क्या कहता है? उस ने कहा, यह भविष्यद्वक्ता है।
17. They say therefore again to the blind [man], What dost thou say of him, that he has opened thine eyes? And he said, He is a prophet.
18. परन्तु यहूदियों को विश्वास न हुआ कि यह अन्धा था और अब देखता है जब तक उन्हों ने उसके माता- पिता को जिस की आंखे खुल गई थी, बुलाकर।
18. The Jews therefore did not believe concerning him that he was blind and had received sight, until they had called the parents of him that had received sight.
19. उन से न पूछा, कि क्या यह तुम्हारा पुत्रा है, जिसे तुम कहते हो कि अन्धा जन्मा था? फिर अब क्योंकर देखता है?
19. And they asked them saying, This is your son, of whom ye say that he was born blind: how then does he now see?
20. उसके माता- पिता ने उत्तर दिया; हम तो जानते हैं कि यह हमारा पुत्रा है, और अन्धा जन्मा था।
20. His parents answered [them] and said, We know that this is our son, and that he was born blind;
21. परन्तु हम यह नहीं जानते हैं कि अब क्योंकर देखता है; और न यह जानते हैं, कि किस ने उस की आंखे खोलीं; वह सयाना है; उसी से पूछ लो; वह अपने विषय में आप कह देगा।
21. but how he now sees we do not know, or who has opened his eyes we do not know. *He* is of age: ask *him*; *he* will speak concerning himself.
22. ये बातें उसके माता- पिता ने इसलिये कहीं क्योंकि वे यहूदियों से डरते थे; क्योकि यहूदी एका कर चुके थे, कि यदि कोई कहे कि वह मसीह है, तो आराधनालय से निकाला जाए।
22. His parents said these things because they feared the Jews, for the Jews had already agreed that if any one confessed him [to be the] Christ, he should be excommunicated from the synagogue.
23. इसी कारण उसके माता- पिता ने कहा, कि वह सयाना है; उसी से पूछ लो।
23. On this account his parents said, He is of age: ask *him*.
24. तब उन्हों ने उस मनुष्य को जो अन्धा था दूसरी बार बुलाकर उस से कहा, परमेश्वर की स्तुति कर; हम तो जानते हैं कि वह मनुष्य पापी है।यहोशू 7:19
24. They called therefore a second time the man who had been blind, and said to him, Give glory to God: we know that this man is sinful.
25. उस ने उत्तर दिया: मैं नहीं जानता कि वह पापी है या नहीं: मैं एक बात जानता हूं कि मैं अन्धा था और अब देखता हूं।
25. He answered therefore, If he is sinful I know not. One thing I know, that, being blind [before], now I see.
26. उन्हों ने उस से फिर कहा, कि उस ने तेरे साथ क्या किया? और किस तेरह तेरी आंखें खोली?
26. And they said to him again, What did he do to thee? how opened he thine eyes?
27. उस ने उन से कहा; मैं तो तुम से कह चुका, और तुम ने ने सुना; अब दूसरी बार क्यों सुनना चाहते हो? क्या तुम भी उसके चेले होना चाहते हो?
27. He answered them, I told you already and ye did not hear: why do ye desire to hear again? do ye also wish to become his disciples?
28. तब वे उसे बुरा- भला कहकर बोले, तू ही उसका चेला है; हम तो मूसा के चेले हैं।
28. They railed at him, and said, Thou art his disciple, but we are disciples of Moses.
29. हम जानते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से बातें कीं; परन्तु इस मनुष्य को नहीं जानते की कहां का है।
29. We know that God spoke to Moses; but [as to] this [man], we know not whence he is.
30. उस ने उन को उत्तर दिया; यह तो अचम्भे की बात है कि तुम नहीं जानते की कहां का है तौभी उस ने मेरी आंखें खोल दीं।
30. The man answered and said to them, Now in this is a wonderful thing, that *ye* do not know whence he is, and he has opened mine eyes.
31. हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता परन्तु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो, और उस की इच्छा पर चलता है, तो वह उस की सुनता है।भजन संहिता 34:15, भजन संहिता 66:18, नीतिवचन 15:29, यशायाह 1:15
31. [But] we know that God does not hear sinners; but if any one be God-fearing and do his will, him he hears.
32. जगत के आरम्भ से यह कभी सुनने में नहीं आया, कि किसी ने भी जन्म के अन्धे की आंखे खोली हों।
32. Since time was, it has not been heard that any one opened the eyes of one born blind.
33. यदि यह व्यक्ति परमेश्वर की ओर से न होता, तो कुछ भी नहीं कर सकता।
33. If this [man] were not of God he would be able to do nothing.
34. उन्हों ने उस को उत्तर दिया, कि तू तो बिलकुल पापों में जन्मा है, तू हमें क्या सिखाता है? और उन्हों ने उसे बाहर निकाल दिया।।भजन संहिता 51:5
34. They answered and said to him, Thou hast been wholly born in sins, and thou teachest us? And they cast him out.
35. यीशु ने सुना, कि उन्हों ने उसे बाहर निकाल दिया है; और जब उसे भेंट हुई तो कहा, कि क्या तू परमेश्वर के पुत्रा पर विश्वास करता है?
35. Jesus heard that they had cast him out, and having found him, he said to him, Thou, dost thou believe on the Son of God?
36. उस ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु; वह कौन है कि मैं उस पर विश्वास करूं?
36. He answered and said, And who is he, Lord, that I may believe on him?
37. यीशु ने उस से कहा, तू ने उसे देखा भी है; और जो तेरे साथ बातें कर रहा है वही है।
37. And Jesus said to him, Thou hast both seen him, and he that speaks with thee is he.
38. उस ने कहा, हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूं: और उसे दंडवत किया।
38. And he said, I believe, Lord: and he did him homage.
39. तब यीशु ने कहा, मैं इस जगत में न्याय के लिये आया हूं, ताकि जो नहीं देखते वे देखें, और जो देखते हैं वे अन्धे हो जाएं।
39. And Jesus said, For judgment am I come into this world, that they which see not may see, and they which see may become blind.
40. जो फरीसी उसके साथ थे, उन्हों ने ये बातें सुन कर उस से कहा, क्या हम भी अन्धे हैं?
40. And [some] of the Pharisees who were with him heard these things, and they said to him, Are we blind also?
41. यीशु ने उन से कहा, यदि तुम अन्धे होते तो पापी न ठहरते परन्तु अब कहते हो, कि हम देखते हैं, इसलिये तुम्हारा पाप बना रहता है।।
41. Jesus said to them, If ye were blind ye would not have sin; but now ye say, We see, your sin remains.