John - यूहन्ना 9 | View All

1. फिर जाते हुए उस ने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्धा था।

1. And as Jesus passed by, he saw a man which was blind from his birth.

2. और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?
निर्गमन 20:5, यहेजकेल 18:20

2. And his disciples asked him, saying, Master, who did sin, this man, or his parents, that he was born blind?

3. यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों।

3. Jesus answered, Neither has this man sinned, nor his parents: but that the works of God should be made manifest in him.

4. जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता।

4. I must work the works of him that sent me, while it is day: the night comes, when no man can work.

5. जब तक मैं जंगल में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं।
यशायाह 49:6

5. As long as I am in the world, I am the light of the world.

6. यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर।

6. When he had thus spoken, he spat on the ground, and made clay of the spittle, and he anointed the eyes of the blind man with the clay,

7. उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया।
2 राजाओं 5:10

7. And said to him, Go, wash in the pool of Siloam, (which is by interpretation, Sent.) He went his way therefore, and washed, and came seeing.

8. तब पड़ोसी और जिन्हों ने पिहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे; क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था?

8. The neighbors therefore, and they which before had seen him that he was blind, said, Is not this he that sat and begged?

9. कितनों ने कहा, यह वही है: औरों ने कहा, नहीं; परन्तु उसके समान है: उस ने कहा, मैं वही हूं।

9. Some said, This is he: others said, He is like him: but he said, I am he.

10. तब वे उस से पूछने लगे, तेरी आंखें क्योंकर खुल गई?

10. Therefore said they to him, How were your eyes opened?

11. उस ने उत्तर दिया, कि यीशु नाम एक व्यक्ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आंखों पर लगाकर मुझ से कहा, कि शीलोह में जाकर धो ले; सो मैं गया, और धोकर देखने लगा।

11. He answered and said, A man that is called Jesus made clay, and anointed my eyes, and said to me, Go to the pool of Siloam, and wash: and I went and washed, and I received sight.

12. उन्हों ने उस से पूछा; वह कहां है? उस ने कहा; मैं नहीं जानता।।

12. Then said they to him, Where is he? He said, I know not.

13. लोग उसे जो पहिले अन्धा था फरीसियों के पास ले गए।

13. They brought to the Pharisees him that aforetime was blind.

14. जिस दिन यीशु ने मिट्टी सानकर उस की आंखे खोली थी वह सब्त का दिन था।

14. And it was the sabbath day when Jesus made the clay, and opened his eyes.

15. फिर फरीसियों ने भी उस से पूछा; तेरी आंखें किस रीति से खुल गई? उस न :उन से कहा; उस ने मेरी आंखो पर मिट्टी लगाई, फिर मैं ने धो लिया, और अब देखता हूं।

15. Then again the Pharisees also asked him how he had received his sight. He said to them, He put clay on my eyes, and I washed, and do see.

16. इस पर कई फरीसी कहने लगे; यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता। औरों ने कहा, पापी मनुष्य क्योंकर ऐसे चिन्ह दिखा सकता है? सो उन में फूट पड़ी।

16. Therefore said some of the Pharisees, This man is not of God, because he keeps not the sabbath day. Others said, How can a man that is a sinner do such miracles? And there was a division among them.

17. उन्हों ने उस अन्धे से फिर कहा, उस ने जो तेरी आंखे खोली, तू उसके विषय में क्या कहता है? उस ने कहा, यह भविष्यद्वक्ता है।

17. They say to the blind man again, What say you of him, that he has opened your eyes? He said, He is a prophet.

18. परन्तु यहूदियों को विश्वास न हुआ कि यह अन्धा था और अब देखता है जब तक उन्हों ने उसके माता- पिता को जिस की आंखे खुल गई थी, बुलाकर।

18. But the Jews did not believe concerning him, that he had been blind, and received his sight, until they called the parents of him that had received his sight.

19. उन से न पूछा, कि क्या यह तुम्हारा पुत्रा है, जिसे तुम कहते हो कि अन्धा जन्मा था? फिर अब क्योंकर देखता है?

19. And they asked them, saying, Is this your son, who you say was born blind? how then does he now see?

20. उसके माता- पिता ने उत्तर दिया; हम तो जानते हैं कि यह हमारा पुत्रा है, और अन्धा जन्मा था।

20. His parents answered them and said, We know that this is our son, and that he was born blind:

21. परन्तु हम यह नहीं जानते हैं कि अब क्योंकर देखता है; और न यह जानते हैं, कि किस ने उस की आंखे खोलीं; वह सयाना है; उसी से पूछ लो; वह अपने विषय में आप कह देगा।

21. But by what means he now sees, we know not; or who has opened his eyes, we know not: he is of age; ask him: he shall speak for himself.

22. ये बातें उसके माता- पिता ने इसलिये कहीं क्योंकि वे यहूदियों से डरते थे; क्योकि यहूदी एका कर चुके थे, कि यदि कोई कहे कि वह मसीह है, तो आराधनालय से निकाला जाए।

22. These words spoke his parents, because they feared the Jews: for the Jews had agreed already, that if any man did confess that he was Christ, he should be put out of the synagogue.

23. इसी कारण उसके माता- पिता ने कहा, कि वह सयाना है; उसी से पूछ लो।

23. Therefore said his parents, He is of age; ask him.

24. तब उन्हों ने उस मनुष्य को जो अन्धा था दूसरी बार बुलाकर उस से कहा, परमेश्वर की स्तुति कर; हम तो जानते हैं कि वह मनुष्य पापी है।
यहोशू 7:19

24. Then again called they the man that was blind, and said to him, Give God the praise: we know that this man is a sinner.

25. उस ने उत्तर दिया: मैं नहीं जानता कि वह पापी है या नहीं: मैं एक बात जानता हूं कि मैं अन्धा था और अब देखता हूं।

25. He answered and said, Whether he be a sinner or no, I know not: one thing I know, that, whereas I was blind, now I see.

26. उन्हों ने उस से फिर कहा, कि उस ने तेरे साथ क्या किया? और किस तेरह तेरी आंखें खोली?

26. Then said they to him again, What did he to you? how opened he your eyes?

27. उस ने उन से कहा; मैं तो तुम से कह चुका, और तुम ने ने सुना; अब दूसरी बार क्यों सुनना चाहते हो? क्या तुम भी उसके चेले होना चाहते हो?

27. He answered them, I have told you already, and you did not hear: why would you hear it again? will you also be his disciples?

28. तब वे उसे बुरा- भला कहकर बोले, तू ही उसका चेला है; हम तो मूसा के चेले हैं।

28. Then they reviled him, and said, You are his disciple; but we are Moses' disciples.

29. हम जानते हैं कि परमेश्वर ने मूसा से बातें कीं; परन्तु इस मनुष्य को नहीं जानते की कहां का है।

29. We know that God spoke to Moses: as for this fellow, we know not from where he is.

30. उस ने उन को उत्तर दिया; यह तो अचम्भे की बात है कि तुम नहीं जानते की कहां का है तौभी उस ने मेरी आंखें खोल दीं।

30. The man answered and said to them, Why herein is a marvelous thing, that you know not from where he is, and yet he has opened my eyes.

31. हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता परन्तु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो, और उस की इच्छा पर चलता है, तो वह उस की सुनता है।
भजन संहिता 34:15, भजन संहिता 66:18, नीतिवचन 15:29, यशायाह 1:15

31. Now we know that God hears not sinners: but if any man be a worshipper of God, and does his will, him he hears.

32. जगत के आरम्भ से यह कभी सुनने में नहीं आया, कि किसी ने भी जन्म के अन्धे की आंखे खोली हों।

32. Since the world began was it not heard that any man opened the eyes of one that was born blind.

33. यदि यह व्यक्ति परमेश्वर की ओर से न होता, तो कुछ भी नहीं कर सकता।

33. If this man were not of God, he could do nothing.

34. उन्हों ने उस को उत्तर दिया, कि तू तो बिलकुल पापों में जन्मा है, तू हमें क्या सिखाता है? और उन्हों ने उसे बाहर निकाल दिया।।
भजन संहिता 51:5

34. They answered and said to him, You were altogether born in sins, and do you teach us? And they cast him out.

35. यीशु ने सुना, कि उन्हों ने उसे बाहर निकाल दिया है; और जब उसे भेंट हुई तो कहा, कि क्या तू परमेश्वर के पुत्रा पर विश्वास करता है?

35. Jesus heard that they had cast him out; and when he had found him, he said to him, Do you believe on the Son of God?

36. उस ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु; वह कौन है कि मैं उस पर विश्वास करूं?

36. He answered and said, Who is he, Lord, that I might believe on him?

37. यीशु ने उस से कहा, तू ने उसे देखा भी है; और जो तेरे साथ बातें कर रहा है वही है।

37. And Jesus said to him, You have both seen him, and it is he that talks with you.

38. उस ने कहा, हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूं: और उसे दंडवत किया।

38. And he said, Lord, I believe. And he worshipped him.

39. तब यीशु ने कहा, मैं इस जगत में न्याय के लिये आया हूं, ताकि जो नहीं देखते वे देखें, और जो देखते हैं वे अन्धे हो जाएं।

39. And Jesus said, For judgment I am come into this world, that they which see not might see; and that they which see might be made blind.

40. जो फरीसी उसके साथ थे, उन्हों ने ये बातें सुन कर उस से कहा, क्या हम भी अन्धे हैं?

40. And some of the Pharisees which were with him heard these words, and said to him, Are we blind also?

41. यीशु ने उन से कहा, यदि तुम अन्धे होते तो पापी न ठहरते परन्तु अब कहते हो, कि हम देखते हैं, इसलिये तुम्हारा पाप बना रहता है।।

41. Jesus said to them, If you were blind, you should have no sin: but now you say, We see; therefore your sin remains.



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