John - यूहन्ना 8 | View All

1. परन्तु यीशु जैतून के पहाड़ पर गया।

1. [পরে তাহারা প্রত্যেকে আপন আপন গৃহে গেল, কিন্তু যীশু জৈতুন পর্ব্বতে গেলেন।

2. और भोर को फिर मन्दिर में आया, और सब लोग उसके पास आए; और वह बैठकर उन्हें उपदेश देने लगा।

2. আর প্রত্যূষে তিনি পুনর্ব্বার ধর্ম্মধামে আসিলেন; এবং সমুদয় লোক তাঁহার নিকটে আসিল; আর তিনি বসিয়া তাহাদিগকে উপদেশ দিতে লাগিলেন।

3. तब शास्त्री और फरीसी एक स्त्री को लाए, जो व्यभिचार में पकड़ी गई थी, और उस को बीच में खड़ी करके यीशु से कहा।

3. তখন অধ্যাপক ও ফরীশীগণ ব্যভিচারে ধৃতা একটী স্ত্রীলোককে তাঁহার নিকটে আনিল, ও মধ্যস্থানে দাঁড় করাইয়া তাঁহাকে কহিল,

4. हे गुरू, यह स्त्री व्यभिचार करते ही पकड़ी गई है।

4. হে গুরু, এই স্ত্রীলোকটা ব্যভিচারে, সেই ক্রিয়াতেই, ধরা পড়িয়াছে।

5. व्यवस्था में मूसा ने हमें आज्ञा दी है कि ऐसी स्त्रियों कों पत्थरवाह करें: सो तू इस स्त्री के विषय में क्या कहता है?
लैव्यव्यवस्था 20:10, व्यवस्थाविवरण 22:22

5. ব্যবস্থায় মোশি এ প্রকার লোককে পাথর মারিবার আজ্ঞা আমাদিগকে দিয়াছেন; তবে আপনি কি বলেন?

6. उन्हों ने उस को परखने के लिये यह बात कही ताकि उस पर दोष लगाने के लिये कोई बात पाएं, परन्तु यीशु झुककर उंगली से भूमि पर लिखने लगा।

6. তাহারা তাঁহার পরীক্ষাভাবেই এই কথা কহিল, যেন তাঁহার নামে দোষারোপ করিবার সূত্র পাইতে পারে। কিন্তু যীশু হেঁট হইয়া অঙ্গুলি দ্বারা ভূমিতে লিখিতে লাগিলেন।

7. जब वे उस से पूछते रहे, तो उस ने सीधे होकर उन से कहा, कि तूुम में जो निष्पाप हो, वही पहिले उसको पत्थर मारे।
व्यवस्थाविवरण 17:7

7. পরে তাহারা যখন পুনঃ পুনঃ তাঁহাকে জিজ্ঞাসা করিতে লাগিল তিনি মাথা তুলিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, তোমাদের মধ্যে যে নিষ্পাপ, সেই প্রথমে ইহাকে পাথর মারুক।

8. और फिर झुककर भूमि पर उंगली से लिखने लगा।

8. পরে তিনি পুনর্ব্বার হেঁট হইয়া অঙ্গুলি দিয়া ভূমিতে লিখিতে লাগিলেন।

9. परन्तु वे यह सुनकर बड़ों से लेकर छोटों तक एक एक करके निकल गए, और यीशु अकेला रह गया, और स्त्री वहीं बीच में खड़ी रह गई।

9. তখন তাহারা ইহা শুনিয়া, এবং আপন আপন সংবেদ দ্বারা দোষীকৃত হইয়া, একে একে বাহিরে গেল, প্রাচীন লোক অবধি আরম্ভ করিয়া শেষ জন পর্য্যন্ত গেল; তাহাতে কেবল যীশু অবশিষ্ট থাকিলেন, আর সেই স্ত্রীলোকটী মধ্যস্থানে দাঁড়াইয়াছিল।

10. यीशु ने सीधे होकर उस से कहा, हे नारी, वे कहां गए? क्या किसी ने तुझ पर दंड की आज्ञा न दी।

10. তখন যীশু মাথা তুলিয়া, স্ত্রীলোকটী ছাড়া আর কাহাকেও দেখিতে না পাইয়া, তাহাকে কহিলেন, হে নারি, যাহারা তোমার নামে অভিযোগ করিয়াছিল, তাহারা কোথায়? কেহ কি তোমাকে দোষী করে নাই?

11. उसा ने कहा, हे प्रभु, किसी ने नहीं: यीशु ने कहा, मैं भी तुझ पर दंड की आज्ञा नहीं देता; जा, और फिर पाप न करना।।

11. সে কহিল, না, প্রভু, কেহ করে নাই। তখন যীশু তাহাকে বলিলেন, আমিও তোমাকে দোষী করি না; যাও, এখন অবধি আর পাপ করিও না।]

12. तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।
यशायाह 49:6

12. যীশু আবার লোকদের কাছে কথা কহিলেন, তিনি বলিলেন, আমি জগতের জ্যোতি; যে আমার পশ্চাৎ আইসে, সে কোন মতে অন্ধকারে চলিবে না, কিন্তু জীবনের দীপ্তি পাইবে।

13. फरीसियों ने उस से कहा; तू अपनी गवाही आप देता है; तेरी गवाही ठीक नहीं।

13. তাহাতে ফরীশীরা তাঁহাকে কহিল, তুমি আপনার বিষয়ে আপনি সাক্ষ্য দিতেছ; তোমার সাক্ষ্য সত্য নহে।

14. यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि यदि मैं अपनी गवाही आप देता हूं, तौभी मेरी गवाही ठीक है, क्योंकि मैं जानता हूं, कि मैं कहां से आया हूं और कहां को जाता हूं? परन्तु तुम नहीं जानते कि मैं कहां से आता हूं या कहां को जाता हूं।

14. যীশু উত্তর করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, যদিও আমি আপনার বিষয়ে আপনি সাক্ষ্য দিই, তথাপি আমার সাক্ষ্য সত্য; কারণ আমি কোথা হইতে আসিয়াছি, কোথায়ই বা যাইতেছি, তাহা জানি; কিন্তু আমি কোথা হইতে আসি, কোথায়ই বা যাইতেছি তাহা তোমরা জান না।

15. तुम शरीर के अनुसार न्याय करते हो; मैं किसी का न्याय नहीं करता।

15. তোমরা মাংস অনুসারে বিচার করিতেছ; আমি কাহারও বিচার করি না।

16. और यदि मैं न्याय करूं भी, तो मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अकेला नहीं, परन्तु मैं हूं, और पिता है जिस ने मुझे भेजा।

16. আর যদিও আমি বিচার করি, আমার বিচার সত্য, কেননা আমি একা নহি, কিন্তু আমি আছি, এবং পিতা আছেন, যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন।

17. और तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है; कि दो जनों की गवाही मिलकर ठीक होती है।
व्यवस्थाविवरण 17:6, व्यवस्थाविवरण 19:15

17. আর তোমাদের ব্যবস্থাতেও লিখিত আছে, দুই জনের সাক্ষ্য সত্য ।

18. एक तो मैं आप अपनी गवाही देता हूं, और दूसरा पिता मेरी गवाही देता है जिस ने मुझे भेजा।

18. আমি আপনি আমার বিষয়ে সাক্ষ্য দিই, আর পিতা, যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তিনি আমার বিষয়ে সাক্ষ্য দেন।

19. उन्हों ने उस से कहा, तेरा पिता कहां है? यीशु ने उत्तर दिया, कि न तुम मुझे जानते, तो मेरे पिता को भी जानते।

19. তখন তাহারা তাঁহাকে বলিল, তোমার পিতা কোথায়? যীশু উত্তর করিলেন, তোমরা আমাকেও জান না, আমার পিতাকেও জান না; যদি আমাকে জানিতে, আমার পিতাকেও জানিতে।

20. ये बातें उस ने मन्दिर में उपदेश देते हुए भण्डार घर में कहीं, और किसी ने उसे न पकड़ा; क्योंकि उसका समय अब तक नहीं आया था।।

20. এই সকল কথা তিনি ধর্ম্মধামে উপদেশ দিবার সময়ে ভাণ্ডার-গৃহে কহিলেন; এবং কেহ তাঁহাকে ধরিল না, কারণ তখনও তাঁহার সময় উপস্থিত হয় নাই।

21. उस ने फिर उन से कहा, मैं जाता हूं और तुम मुझे ढूंढ़ोगे और अपने आप में मरोगे: जहां मैं जाता हूं, वहां तुम नहीं आ सकते।

21. পরে তিনি আবার তাহাদিগকে কহিলেন, আমি যাইতেছি, আর তোমরা আমার অন্বেষণ করিবে, ও তোমাদের পাপে মরিবে; আমি যেখানে যাইতেছি, সেখানে তোমরা আসিতে পার না।

22. इस पर यहूदियों ने कहा, क्या वह अपने आप को मार डालेगा, जो कहता है; कि जहां मैं जाता हूं वहां तुम नहीं आ सकते?

22. তখন যিহূদীরা বলিল, এ কি আত্মঘাতী হইবে, তাই বলিতেছে, আমি যেখানে যাইতেছি, সেখানে তোমরা আসিতে পার না।

23. उस ने उन से कहा, तुम नीचे के हो, मैं ऊपर का हूं; तुम संसार के हो, मैं संसार का नहीं।

23. তিনি তাহাদিগকে কহিলেন, তোমরা অধঃস্থানের, আমি ঊর্দ্ধস্থানের; তোমরা এ জগতের, আমি এ জগতের নহি।

24. इसलिये मैं ने तुम से कहा, कि तुम अपने पापों में मरोगे; क्योंकि यदि तुम विश्वास न करोगे कि मैं वहीं हूं, तो अपने पापों में मरोगे।

24. এই জন্য তোমাদিগকে বলিলাম যে, তোমরা তোমাদের পাপসমূহে মরিবে; কেননা যদি বিশ্বাস না কর যে, আমিই তিনি, তবে তোমাদের পাপসমূহে মরিবে।

25. उन्हों ने उस से कहा, तू कौन है? यीशु ने उन से कहा, वही हूं जो प्रारम्भ से तुम से कहता आया हूं।

25. তখন তাহারা কহিল, তুমি কে? যীশু তাহাদিগকে বলিলেন, তাহাই ত প্রথম হইতে তোমাদিগকে বলিতেছি ।

26. तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना और निर्णय करना है परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है; और जो मैं ने उस से सुना हे, वही जगत से कहहा हूं।

26. তোমাদের বিষয়ে বলিবার ও বিচার করিবার অনেক কথা আমার আছে; যাহা হউক, যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তিনি সত্য, এবং আমি তাঁহার নিকটে যাহা যাহা শুনিয়াছি, তাহাই জগৎকে বলিতেছি।

27. वे न समझे कि हम से पिता के विषय में कहता है।

27. —তিনি যে তাহাদিগকে পিতার বিষয় বলিতেছিলেন, ইহা তাহারা বুঝিল না।

28. तब यीशु ने कहा, कि जब तुम मनुष्य के पुत्रा को ऊंचे पर चढ़ाओगे, तो जानोगे कि मैं वही हूं, और अपने आप से कुछ नहीं करता, परन्तु जैसे पिता ने मुझे सिखाया, वैसे ही ये बातें कहता हूं।

28. —তখন যীশু কহিলেন, যখন তোমরা মনুষ্যপুত্রকে উচ্চে উঠাইবে, তখন জানিবে যে, আমিই তিনি, আর আমি আপনা হইতে কিছুই করি না, কিন্তু পিতা আমাকে যেমন শিক্ষা দিয়াছেন, তদনুসারে এই সকল কথা কহি।

29. और मेरा भेजनेवाला मेरे साथ है; उस ने मुझे अकेला नहीं छोड़ा; क्योंकि मैं सर्वदा वही काम करता हूं, जिस से वह प्रसन्न होता है।

29. আর যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তিনি আমার সঙ্গে সঙ্গে আছেন; তিনি আমাকে একা ছাড়িয়া দেন নাই, কেননা আমি সর্ব্বদা তাঁহার সন্তোষজনক কার্য্য করি।

30. वह ये बातें कह ही रहा था, कि बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया।।

30. তিনি এই সকল কথা কহিলে অনেকে তাঁহাতে বিশ্বাস করিল।

31. तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।

31. অতএব যে যিহূদীরা তাঁহাকে বিশ্বাস করিল, তাহাদিগকে যীশু কহিলেন, তোমরা যদি আমার বাক্যে স্থির থাক, তাহা হইলে সত্যই তোমরা আমার শিষ্য;

32. और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्रा करेगा।

32. আর তোমরা সেই সত্য জানিবে, এবং সেই সত্য তোমাদিগকে স্বাধীন করিবে।

33. उन्हों ने उस को उत्तर दिया; कि हम तो इब्राहीम के वंश से हैं और कभी किसी के दास नहीं हुए; फिर तू क्योंकर कहता है, कि तुम स्वतंत्रा हो जाओगे?
Neh-h 9 36

33. তাহারা তাঁহাকে উত্তর করিল, আমরা অব্রাহামের বংশ, কখনও কাহারও দাস হই নাই; আপনি কেমন করিয়া বলিতেছেন যে, তোমাদিগকে স্বাধীন করা যাইবে?

34. यीशु ने उन को उत्तर दिया; मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है।

34. যীশু তাহাদিগকে উত্তর করিলেন, সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, যে কেহ পাপাচরণ করে, সে পাপের দাস।

35. और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्रा सदा रहता है।
निर्गमन 21:2, व्यवस्थाविवरण 15:12

35. আর দাস বাটীতে চিরকাল থাকে না; পুত্র চিরকাল থাকেন।

36. सो यदि पुत्रा तुम्हें स्वतंत्रा करेगा, तो सचमुच तुम स्वतंत्रा हो जाओगे।

36. অতএব পুত্র যদি তোমাদিগকে স্বাধীন করেন, তবে তোমরা প্রকৃতরূপে স্বাধীন হইবে।

37. मैं जानता हूं कि तुम इब्राहीम के वंश से हो; तौभी मेरा वचन तुम्हारे हृदय में जगह नहीं पाता, इसलिये तुम मुझे मार डालना चाहते हो।

37. আমি জানি, তোমরা অব্রাহামের বংশ; কিন্তু আমাকে বধ করিতে চেষ্টা করিতেছ, কারণ আমার বাক্য তোমাদের অন্তরে স্থান পায় না।

38. मैं वही कहता हूं, जो अपने पिता के यहां देखा है; और तुम वही करते रहते हो जो तुमने अपने पिता से सुना है।

38. আমার পিতার কাছে আমি যাহা যাহা দেখিয়াছি, তাহাই বলিতেছি; আর তোমাদের পিতার কাছে তোমরা যাহা যাহা শুনিয়াছ, তাহাই করিতেছ।

39. उन्हों ने उन को उत्तर दिया, कि हमारा पिता तो इब्राहीम है: यीशु ने उन से कहा; यदि तुम इब्राहीम के सन्तान होते, तो इब्राहीम के समान काम करते।

39. তাহারা উত্তর করিয়া তাঁহাকে বলিল, আমাদের পিতা অব্রাহাম। যীশু তাহাদিগকে বলিলেন, তোমরা যদি অব্রাহামের সন্তান হইতে, তবে অব্রাহামের কর্ম্ম করিতে।

40. परन्तु अब तुम मुझ ऐसे मनुष्य को मार डालना चाहते हो, जिस ने तुम्हें वह सत्य वचन बताया जो परमेश्वर से सुना, यह तो इब्राहीम ने नहीं किया था।

40. কিন্তু ঈশ্বরের কাছে সত্য শুনিয়া তোমাদিগকে জানাইয়াছি যে আমি, আমাকেই বধ করিতে চেষ্টা করিতেছ; অব্রাহাম এরূপ করেন নাই।

41. तुम अपने पिता के समान काम करते हो: उन्हों ने उस से कहा, हम व्यभिचार से नहीं जन्मे; हमारा एक पिता है अर्थात् परमेश्वर।
व्यवस्थाविवरण 32:6, यशायाह 63:16, यशायाह 64:8

41. তোমাদের পিতার কার্য্য তোমরা করিতেছ। তাহারা তাঁহাকে কহিল, আমরা ব্যভিচারজাত নহি; আমাদের একমাত্র পিতা আছেন, তিনি ঈশ্বর।

42. यीशु ने उन से कहा; यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम रखते; क्योंकि मैं परमेश्वर में से निकल कर आया हूं; मैं आप से नहीं आया, परन्तु उसी ने मुझे भेजा।

42. যীশু তাহাদিগকে কহিলেন, ঈশ্বর যদি তোমাদের পিতা হইতেন, তবে তোমরা আমাকে প্রেম করিতে, কেননা আমি ঈশ্বর হইতে বাহির হইয়া আসিয়াছি; আমি ত আপনা হইতে আসি নাই, কিন্তু তিনিই আমাকে প্রেরণ করিয়াছেন।

43. तुम मेरी बात क्यों नहीं समझते? इसलिये कि मेरा वचन सुन नहीं सकते।

43. তোমরা কেন আমার কথা বুঝ না? কারণ এই যে, আমার বাক্য শুনিতে পার না।

44. तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, बरन झूठ का पिता है।
उत्पत्ति 3:4

44. তোমরা আপনাদের পিতা দিয়াবলের, এবং তোমাদের পিতার অভিলাষ সকল পালন করাই তোমাদের ইচ্ছা; সে আদি হইতেই নরঘাতক, সত্যে থাকে নাই, কারণ তাহার মধ্যে সত্য নাই। সে যখন মিথ্যা বলে, তখন আপনা হইতেই বলে, কেননা সে মিথ্যবাদী ও তাহার পিতা।

45. परन्तु मैं जो सच बोलता हूं, इसीलिये तुम मेरी प्रतीति नहीं करते।

45. কিন্তু আমি সত্য বলি, তাই তোমরা আমাকে বিশ্বাস কর না।

46. तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूं, तो तुम मेरी प्रतीति क्यों नहीं करते?

46. তোমাদের মধ্যে কে আমাকে পাপী বলিয়া প্রমাণ করিতে পারে? যদি আমি সত্য বলি, তবে তোমরা কেন আমাকে বিশ্বাস কর না?

47. जो परमेश्वर से होता हे, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो।

47. যে কেহ ঈশ্বরের, সে ঈশ্বরের কথা সকল শুনে; এই জন্যই তোমরা শুন না, কারণ তোমরা ঈশ্বরের নহ।

48. यह सुन यहूदियों ने उस से कहा; क्या हम ठीक नहीं कहते, कि तू सामरी है, और तुझ में दुष्टात्मा है?

48. যিহূদীরা উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিল, আমরা কি ভালই বলি না যে, তুমি একজন শমরীয় ও ভূতগ্রস্ত?

49. यीशु ने उत्तर दिया, कि मुझ में दुष्टात्मा नहीं; परन्तु मैं अपने पिता का आदर करता हूं, और तुम मेरा निरादर करते हो।

49. যীশু উত্তর করিলেন, আমি ভূতগ্রস্ত নহি, কিন্তু আপন পিতাকে সমাদর করি, আর তোমরা আমাকে অনাদর কর।

50. परन्तु मैं अपनी प्रतिष्ठा नहीं चाहता, हां, एक तो है जो चाहता है, और न्याय करता है।

50. কিন্তু আমি আপনার গৌরব অন্বেষণ করি না; এক জন আছেন, যিনি অন্বেষণ করেন ও বিচার করেন।

51. मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्त काल तक मृत्यु को न देखेगा।

51. সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, কেহ যদি আমার বাক্য পালন করে, সে কখনও মৃত্যু দেখিবে না।

52. यहूदियों ने उस से कहा, कि अब हम ने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: इब्राहीम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, कि यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्त काल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।

52. যিহূদীরা তাঁহাকে বলিল, এখন জানিলাম, তুমি ভূতগ্রস্ত; অব্রাহাম ও ভাববাদিগণ মরিয়া গিয়াছেন; আর তুমি বলিতেছ, কেহ যদি আমার বাক্য পালন করে, সে কখনও মৃত্যুর আস্বাদ পাইবে না।

53. हमारा पिता इब्राहीम तो मर गया, क्या तू उस से बड़ा है? और भविष्यद्वक्ता भी मर गए, तू अपने आप को क्या ठहराता है।

53. তুমি কি আমাদের পিতৃপুরুষ অব্রাহাম অপেক্ষা বড়? তিনি ত মরিয়াছেন, এবং ভাববাদিগণও মরিয়াছেন; তুমি আপনার বিষয়ে কি বল?

54. यीशु ने उत्तर दिया; यदि मैं आप अपनी महिमा करूं, तो मेरी महिमा कुछ नहीं, परन्तु मेरी महिमा करनेवाला मेरा पिता है, जिसे तुम कहते हो, कि वह हमारा परमेश्वर है।

54. যীশু উত্তর করিলেন, আমি যদি আপনাকে গৌরবান্বিত করি; তবে আমার গৌরব কিছুই নয়; আমার পিতাই আমাকে গৌরবান্বিত করিতেছেন, যাঁহার বিষয় তোমরা বলিয়া থাক যে, তিনি তোমাদের ঈশ্বর;

55. और तुम ने तो उसे नहीं जाना: परन्तु मैं उसे जानता हूं; और यदि कहूं कि मैं उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारी नाईं झूठा ठहरूंगा: परन्तु मैं उसे जानता, और उसके वचन पर चलता हूं।

55. আর তোমরা তাঁহাকে জান নাই; কিন্তু আমি তাঁহাকে জানি; আর আমি যদি বলি যে, তাঁহাকে জানি না, তবে তোমাদেরই ন্যায় মিথ্যাবাদী হইব; কিন্তু আমি তাঁহাকে জানি, এবং তাঁহার বাক্য পালন করি।

56. तुम्हारा पिता इब्राहीम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उस ने देखा, और आनन्द किया।

56. তোমাদের পিতৃপুরুষ অব্রাহাম আমার দিন দেখিবার আশায় উল্লাসিত হইয়াছিলেন, এবং তিনি তাহা দেখিলেন ও আনন্দ করিলেন।

57. यहूदियों ने उस से कहा, अब तक तू पचास वर्ष का नहीं; फिर भी तू ने इब्राहीम को देखा है?

57. তখন যিহূদীরা তাঁহাকে কহিল, তোমার বয়স এখনও পঞ্চাশ বৎসর হয় নাই, তুমি কি অব্রাহামকে দেখিয়াছ?

58. यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि पहिले इसके कि इब्राहीम उत्पन्न हुआ मैं हूं।

58. যীশু তাহাদিগকে কহিলেন, সত্য, সত্য, আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, অব্রাহামের জন্মের পূর্ব্বাবধি আমি আছি।

59. तब उन्हों ने उसे मारने के लिये पत्थर उठाए, परन्तु यीशु छिपकर मन्दिर से निकल गया।।

59. তখন তাহারা তাঁহার উপর ছুড়িয়া মারিবার জন্য পাথর তুলিয়া লইল, যীশু কিন্তু অন্তর্হিত হইলেন, ও ধর্ম্মধাম হইতে বাহিরে গেলেন।



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