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1. इन बातों के बाद यीशु गलील में फिरता रहा, क्योंकि यहूदी उसे मार डालने का यत्न कर रहे थे, इसलिये वह यहूदिया में फिरना न चाहता था।
1. এই সকলের পরে যীশু গালীলে ভ্রমণ করিলেন, কেননা যিহূদিগণ তাঁহাকে বধ করিবার চেষ্টা করায় তিনি যিহূদিয়াতে ভ্রমণ করিতে ইচ্ছা করিলেন না।
2. और यहूदियों का मण्डपों का पर्ब्ब निकट था।लैव्यव्यवस्था 23:34
2. এক্ষণে যিহূদীদের কুটীরবাস পর্ব্ব সন্নিকট হইল।
3. इसलिये उसके भाइयों ने उस से कहा, यहां से कूच करके यहूदिया में चला जा, कि जो काम तू करता है, उन्हें तेरे चेले भी देखें।
3. অতএব তাঁহার ভ্রাতৃগণ তাঁহাকে কহিল, এখান হইতে প্রস্থান কর, যিহূদিয়াতে চলিয়া যাও; যেন তুমি যাহা যাহা করিতেছ, তোমার সেই সকল কার্য্য তোমার শিষ্যেরাও দেখিতে পায়।
4. क्योंकि ऐसा कोई न होगा जो प्रसिद्ध होना चाहे, और छिपकर काम करे: यदि तू यह काम करता है, तो अपने तई जगत पर प्रगट कर।
4. কারণ এমন কেহ নাই যে, গোপনে কর্ম্ম করে, আর আপনি সপ্রকাশ হইতে চেষ্টা করে। তুমি যখন এই সকল কর্ম্ম করিতেছ, তখন আপনাকে জগতের কাছে প্রকাশ কর।
5. क्योंकि उसके भाई भी उस पर विश्वास नहीं करते थे।
5. —কারণ তাঁহার ভ্রাতারাও তাঁহাতে বিশ্বাস করিত না।
6. तब यीशु ने उन से कहा, मेरा समय अभी नहीं आया; परन्तु तुम्हारे लिये सब समय है।
6. —তখন যীশু তাহাদিগকে কহিলেন, আমার সময় এখনও আইসে নাই, কিন্তু তোমাদের সময় সর্ব্বদাই উপস্থিত।
7. जगत तुम से बैर नहीं कर सकता, परन्तु वह मुझ से बैर करता है, क्योंकि मैं उसके विरोध में यह गवाही देता हूं, कि उसके काम बुरे हैं।
7. জগৎ তোমাদিগকে ঘৃণা করিতে পারে না, কিন্তু আমাকে ঘৃণা করে, কারণ আমি তাহার বিষয়ে এই সাক্ষ্য দিই যে, তাহার কর্ম্ম মন্দ।
8. तुम पर्ब्ब में जाओ: मैं अभी इस पर्ब्ब में नहीं जाता; क्योंकि अभी तक मेरा समय पूरा नहीं हुआ।
8. তোমরাই পর্ব্বে যাও; আমি এখনও এই পর্ব্বে যাইতেছি না, কেননা আমার সময় এখনও সম্পূর্ণ হয় নাই।
9. वह उन से ये बातें कहकर गलील ही में रह गया।।
9. তাহাদিগকে এই কথা বলিয়া তিনি গালীলে রহিলেন।
10. परन्तु जब उसके भाई पर्ब्ब में चले गए, तो वह आप ही प्रगट में नहीं, परन्तु मानों गुप्त होकर गया।
10. কিন্তু তাঁহার ভ্রাতৃগণ পর্ব্বে গেলে পর তিনিও গেলেন, প্রকাশ্যরূপে নয়, কিন্তু এক প্রকার গোপনে।
11. तो यहूदी पर्ब्ब में उसे यह कहकर ढूंढ़ने लगे कि वह कहां है?
11. তাহাতে যিহূদিগণ পর্ব্বে তাঁহার অন্বেষণ করিল, আর কহিল, সেই ব্যক্তি কোথায়?
12. और लोगों में उसके विषय चुपके चुपके बहुत सी बातें हुईं: कितने कहते थे; वह भला मनुष्य है: और कितने कहते थे; नहीं, वह लोगों को भरमाता है।
12. আর সমাগত লোকেরা তাঁহার বিষয়ে ফুস্ ফুস্ করিয়া অনেকে কথা কহিতে লাগিল। কেহ কেহ বলিল, তিনি ভাল লোক; আর কেহ কেহ বলিল, তাহা নয়, বরং সে লোকসমূহকে ভুলাইতেছে।
13. तौभी यहूदियों के भय के मारे कोई व्यक्ति उसके विषय में खुलकर नहीं बोलता था।
13. কিন্তু যিহূদিগণের ভয়ে কেহ তাঁহার বিষয়ে প্রকাশ্যরূপে কিছু বলিল না।
14. और जब पर्ब्ब के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा।
14. পর্ব্বের মধ্য সময়ে যীশু ধর্ম্মধামে গেলেন, এবং উপদেশ দিতে লাগিলেন।
15. तब यहूदियों ने अचम्भा करके कहा, कि इसे बिन पढ़े विद्या कैसे आ गई?
15. তাহাতে যিহূদীরা আশ্চর্য্য জ্ঞান করিয়া কহিল, এ ব্যক্তি শিক্ষা না করিয়া কি প্রকারে শাস্ত্রজ্ঞ হইয়া উঠিল?
16. यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मेरा उपदेश मेरा नहीं, परन्तु मेरे भेजनेवाले का है।
16. যীশু তাহাদিগকে উত্তর করিয়া কহিলেন, আমার উপদেশ আমার নহে, কিন্তু যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তাঁহার।
17. यदि कोई उस की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि वह परमेश्वर की ओर से है, या मैं अपनी ओर से कहता हूं।
17. যদি কেহ তাঁহার ইচ্ছা পালন করিতে ইচ্ছা করে, সে এই উপদেশের বিষয়ে জানিতে পারিবে, ইহা ঈশ্বর হইতে হইয়াছে, না আমি আপনা হইতে বলি।
18. जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बढ़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजनेवाले की बड़ाई चाहता है वही सच्चा है, और उस में अधर्म नहीं।
18. যে আপনা হইতে বলে, সে আপনারই গৌরব চেষ্টা করে; কিন্তু যিনি আপন প্রেরণকর্ত্তার গৌরব চেষ্টা করেন, তিনি সত্যবাদী, আর তাঁহাতে কোন অধর্ম্ম নাই।
19. क्या मूसा ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? तौभी तुम में से काई व्यवस्था पर नहीं चलता। तुम क्यों मुझे मार डालना चाहते हो?
19. মোশি তোমাদিগকে কি ব্যবস্থা দেন নাই? তথাপি তোমাদের মধ্যে কেহই সেই ব্যবস্থা পালন করে না। কেন আমাকে বধ করিতে চেষ্টা করিতেছ?
20. लोगों ने उत्तर दिया; कि तुझ में दुष्टात्मा है; कौन तुझे मार डालना चाहता है?
20. লোকসমূহ উত্তর করিল, তোমাকে ভূতে পাইয়াছে, কে তোমাকে বধ করিতে চেষ্টা করিতেছে?
21. यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि मैं ने एक काम किया, और तुम सब अचम्भा करते हो।
21. যীশু উত্তর করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, আমি একটী কার্য্য করিয়াছি, আর সে জন্য তোমরা সকলে আশ্চর্য্য বোধ করিতেছ।
22. इसी कारण मूसा ने तुम्हें खतने की आज्ञा दी है (यह नहीं कि वह मूसा की ओर से है परन्तु बाप- दादों से चली आई है), और तुम सब्त के दिन को मनुष्य का खतना करते हो।उत्पत्ति 17:10-13, लैव्यव्यवस्था 12:3
22. মোশি তোমাদিগকে ত্বক্ছেদবিধি দিয়াছেন—তাহা যে মোশি হইতে হইয়াছে, এমন নয়, পিতৃপুরুষদের হইতে হইয়াছে—এবং তোমরা বিশ্রামবারে মনুষ্যের ত্বক্ছেদ করিয়া থাক।
23. जब सब्त के दिन मनुष्य का खतना किया जाता है ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल न जाए, तो तुम मुझ पर क्यों इसलिये क्रोध करते हो, कि मैं ने सब्त के दिन एक मनुष्य को पूरी रीति से चंगा किया।
23. মোশির ব্যবস্থা লঙ্ঘন যেন না হয়, তজ্জন্য যদি বিশ্রামবারে মানুষে ত্বক্ছেদ প্রাপ্ত হয়, তবে আমি বিশ্রামবারে একটী মানুষকে সর্ব্বাঙ্গীণ সুস্থ করিয়াছি বলিয়া আমার উপরে কি ক্রোধ করিতেছ?
24. मुंह देखकर न्याय न चुकाओ, परन्तु ठीक ठीक न्याय चुकाओ।।लैव्यव्यवस्था 19:15, यशायाह 11:3, यशायाह 11:4
24. দৃশ্য মতে বিচার করিও না, কিন্তু ন্যায্য বিচার কর।
25. तब कितने यरूशलेमी कहने लगे; क्या यह वह नहीं, जिस के मार डालने का प्रयत्न किया जा रहा है।
25. তখন যিরূশালেম-নিবাসীদের মধ্যে কয়েক জন কহিল, এ কি সেই নহে, যাহাকে তাঁহারা বধ করিতে চেষ্টা করেন?
26. परन्तु देखो, वह तो खुल्लमखुल्ला बातें करता है और कोई उस से कुछ नहीं कहता; क्या सम्भव है कि सरदारों ने सच सच जान लिया है; कि यही मसीह है।
26. আর দেখ, এ প্রকাশ্যরূপে কথা কহিতেছে, আর তাঁহারা ইহাকে কিছুই বলেন না; অধ্যক্ষগণ কি বাস্তবিক জানেন যে, এ সেই খ্রীষ্ট?
27. इस को तो हम जानते हैं, कि यह कहां का है; परन्तु मसीह जब आएगा, तो कोई न जानेगा कि वह कहां का है।
27. যাহা হউক, এ কোথা হইতে আসিল, তাহা আমরা জানি; খ্রীষ্ট যখন আইসেন, তখন তিনি কোথা হইতে আসিলেন, তাহা কেহ জানে না।
28. तब यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए पुकार के कहा, तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहां का हूं: मैं तो आप से नहीं आया परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है, उस को तुम नहीं जानते।
28. তখন যীশু ধর্ম্মধামে উপদেশ দিতে দিতে উচ্চৈঃস্বরে কহিলেন, তোমরা ত আমাকে জান, এবং আমি কোথা হইতে আসিয়াছি, তাহাও জান। আর আমি আপনা হইতে আসি নাই; কিন্তু যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তিনি সত্যময়;
29. मैं उसे जानता हूं; क्योंकि मैं उस की ओर से हूं और उसी ने मुझे भेजा है।
29. তোমরা তাঁহাকে জান না; আমিই তাঁহাকে জানি, কেননা আমি তাঁহার নিকট হইতে আসিয়াছি, আর তিনিই আমাকে প্রেরণ করিয়াছেন।
30. इस पर उन्हों ने उसे पकड़ना चाहा तौभी किसी ने उस पर हाथ न डाला, क्योंकि उसका समय अब तक न आया था।
30. এই জন্য লোকেরা তাঁহাকে ধরিতে চেষ্টা করিল, তথাপি কেহ তাঁহার উপরে হস্তক্ষেপ করিল না, কারণ তখনও তাঁহার সময় উপস্থিত হয় নাই।
31. और भीड़ में से बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया, और कहने लगे, कि मसीह जब आएगा, तो क्या इस से अधिक आश्चर्यकर्म दिखाएगा जो इस ने दिखाए?
31. কিন্তু লোকদের মধ্যে অনেকে তাঁহাতে বিশ্বাস করিল, আর কহিল, খ্রীষ্ট যখন আসিবেন, তখন ইহাঁর কৃত কার্য্য অপেক্ষা তিনি কি অধিক চিহ্ন-কার্য্য করিবেন?
32. फरीसियों ने लोगों को उसके विषय में ये बातें चुपके चुपके करते सुना; और महायाजकों और फरीसियों ने उसके पकड़ने को सिपाही भेजे।
32. ফরীশীরা তাঁহার বিষয়ে লোকদিগকে এই সকল কথা ফুস্ ফুস্ করিয়া বলিতে শুনিল; আর প্রধান যাজকেরা ও ফরীশীরা তাঁহাকে ধরিয়া আনিবার নিমিত্ত কয়েকজন পদাতিককে পাঠাইয়া দিল।
33. इस पर यीशु ने कहा, मैं थोड़ी देर तक और तुम्हारे साथ हूं; तब अपने भेजनेवाले के पास चला जाऊंगा।
33. তাহাতে যীশু কহিলেন, আমি এখন অল্প কাল তোমাদের সঙ্গে আছি, তার পর, যিনি আমাকে পাঠাইয়াছেন, তাঁহার নিকটে যাইতেছি।
34. तुम मुझे ढूंढ़ोगे, परन्तु नहीं पाओगे और जहां मैं हूं, वहां तुम नहीं आ सकते।
34. তোমরা আমার অন্বেষণ করিবে, কিন্তু আমাকে পাইবে না; আর আমি যেখানে আছি, সেখানে তোমরা আসিতে পার না।
35. यहूदियों ने आपस में कहा, यह कहां जाएगा, कि हम इसे न पाएंगे: क्या वह उन के पास जाएगा, जो यूनानियों में तित्तर बित्तर होकर रहते हैं, और यूनानियों को भी उपदेश देगा?
35. তখন যিহূদীরা পরস্পর বলিতে লাগিল, এ কোথায় যাইবে যে, আমরা ইহাকে পাইতে পারিব না? এ কি গ্রীকদের মধ্যে ছিন্নভিন্ন লোকদের নিকটে যাইবে, ও গ্রীকদিগকে উপদেশ দিবে?
36. यह क्या बात है जो उस ने कही, कि तुम मुझे ढूंढ़ोगे, परन्तु न पाओगे: और जहां मैं हूं, वहां तुम नहीं आ सकते?
36. এ যে বলিল, ‘আমার অন্বেষণ করিবে, কিন্তু আমাকে পাইবে না, এবং আমি যেখানে আছি, সেখানে তোমরা আসিতে পার না’, এ কি কথা?
37. फिर पर्ब्ब के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई पियासा हो तो मेरे पास आकर पीए।लैव्यव्यवस्था 23:36, यशायाह 55:1
37. শেষ দিন, পর্ব্বের প্রধান দিন, যীশু দাঁড়াইয়া উচ্চৈঃস্বরে কহিলেন, কেহ যদি তৃষ্ণার্ত্ত হয়, তবে আমার কাছে আসিয়া পান করুক।
38. जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रा शास्त्रा में आया है उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेगी।नीतिवचन 18:4, यशायाह 58:11, जकर्याह 14:8
38. যে আমাতে বিশ্বাস করে, শাস্ত্রে যেমন বলে, তাহার অন্তর হইতে জীবন্ত জলের নদী বহিবে।
39. उस ने यह वचन उस आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करनेवाले पाने पर थे; क्योंकि आत्मा अब तक न उतरा था; क्योंकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुंचा था।यशायाह 44:3
39. যাহারা তাঁহাতে বিশ্বাস করিত, তাহারা যে আত্মাকে পাইবে, তিনি সেই আত্মার বিষয়ে এই কথা কহিলেন; কারণ তখনও আত্মা দত্ত হন নাই, কেননা তখনও যীশু মহিমাপ্রাপ্ত হন নাই।
40. तब भीड़ में से किसी किसी ने ये बातें सुन कर कहा, सचमुच यही वह भविष्यद्वक्ता है।व्यवस्थाविवरण 18:15
40. সেই সকল কথা শুনিয়া লোকসমূহের মধ্যে কেহ কেহ বলিল, ইনি সত্যই সেই ভাববাদী।
41. औरों ने कहा; यह मसीह है, परन्तु किसी ने कहा; क्यों? क्या मसीह गलील से आएगा?
41. আর কেহ কেহ বলিল, ইনি সেই খ্রীষ্ট। কিন্তু কেহ কেহ বলিল, কেমন? খ্রীষ্ট কি গালীল হইতে আসিবেন?
42. क्या पवित्रा शास्त्रा में नहीं आया, कि मसीह दाऊद के वंश से और बैतलहम गांव से आएगा जहां दाऊद रहता था?2 शमूएल 7:12-13, भजन संहिता 89:3-4, यशायाह 11:1, यिर्मयाह 23:5-6, यिर्मयाह 33:15, मीका 5:2
42. শাস্ত্রে কি বলে নাই, খ্রীষ্ট দায়ূদের বংশ হইতে, এবং দায়ূদ যেখানে ছিলেন, সেই বৈৎলেহম গ্রাম হইতে আসিবেন?
43. सो उसके कारण लोगों में फूट पड़ी।
43. এই প্রকারে তাঁহাকে লইয়া লোকসমূহের মধ্যে মতভেদ হইল।
44. उन में से कितने उसे पकड़ना चाहते थे, परन्तु किसी ने उस पर हाथ न डाला।।
44. আর তাহাদের কতকগুলি লোক তাঁহাকে ধরিতে বাঞ্ছা করিতেছিল, তথাপি কেহ তাঁহার উপরে হস্তক্ষেপ করিল না।
45. तब सिपाही महायाजकों और फरीसियों के पास आए, और उन्हों ने उन से कहा, तुम उसे क्यों नहीं लाए?
45. তখন পদাতিকেরা প্রধান যাজকদের ও ফরীশীদের নিকটে আসিল। ইহারা তাহাদিগকে বলিল, তাহাকে আন নাই কেন?
46. सिपाहियों ने उत्तर दिया, कि किसी मनुष्य ने कभी ऐसी बातें न की।भजन संहिता 45:2
46. পদাতিকেরা উত্তর করিল, এ ব্যক্তি যেরূপ কথা বলেন, কোন মানুষে কখনও এরূপ কথা কহে নাই।
47. फरीसियों ने उन को उत्तर दिया, क्या तुम भी भरमाए गए हो?
47. ফরীশীরা তাহাদিগকে উত্তর করিল, তোমরাও কি ভ্রান্ত হইলে?
48. क्या सरदारों या फरीसियों में से किसी ने भी उस पर विश्वास किया है?
48. অধ্যক্ষদের মধ্যে কিম্বা ফরীশীদের মধ্যে কি কেহ উহাতে বিশ্বাস করিয়াছেন?
49. परन्तु ये लोग जो व्यवस्था नहीं जानते, स्त्रापित हैं।
49. কিন্তু এই যে লোকসমূহ ব্যবস্থা জানে না, ইহারা শাপগ্রস্ত।
50. नीकुदेमुस ने, (जो पहिले उसके पास आया था और उन में से एक था), उन से कहा।
50. তখন নীকদীম—তাহাদের মধ্যে এক জন, যিনি পূর্ব্বে তাঁহার কাছে আসিয়াছিলেন—তিনি তাহাদিগকে কহিলেন,
51. क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्ति को जब तक पहिले उस की सुनकर जान न ले, कि वह क्या करता है; दोषी ठहराती है?व्यवस्थाविवरण 1:16
51. অগ্রে মানুষের নিজের কথা না শুনিয়া, ও সে কি করে, না জানিয়া, আমাদের ব্যবস্থা কি কাহারও বিচার করে?
52. उन्हों ने उसे उत्तर दिया; क्या तू भी गलील का है ढूंढ़ और देख, कि गलील से कोई भविष्यद्वक्ता प्रगट नहीं होने का।
52. তাহারা উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিল, তুমিও কি গালীলের লোক? অনুসন্ধান করিয়া দেখ, গালীল হইতে কোন ভাববাদীর উদয় হয় না।