28. तब यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए पुकार के कहा, तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहां का हूं: मैं तो आप से नहीं आया परन्तु मेरा भेजनेवाला सच्चा है, उस को तुम नहीं जानते।
28. Jesus, therefore, cried aloud in the temple, teaching, and saying Both me, ye know, and ye know whence I am, and yet, of myself, have I not come, but he is real, who sent me, whom, ye, know not.