9. वे ले गए, जब भोज के प्रधान ने वह पानी चखा, जो दाखरस बन गया था, और नहीं जानता था, कि वह कहां से आया हे, (परन्तु जिन सेवकों ने पानी निकाला था, वे जानते थे) तो भोज के प्रधान ने दूल्हे को बुलाकर, उस से कहा।
9. ভোজাধ্যক্ষ যখন সেই জল, যাহা দ্রাক্ষারস হইয়া গিয়াছিল, আস্বাদন করিলেন, আর তাহা কোথা হইতে আসিল, তাহা জানিতেন না—কিন্তু যে পরিচারকেরা জল তুলিয়াছিল, তাহারা জানিত—তখন ভোজাধ্যক্ষ বরকে ডাকিয়া কহিলেন,