John - यूहन्ना 2 | View All

1. फिर उस से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि तुम स्वर्ग को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को ऊपर जाते और मनुष्य के पुत्रा के ऊपर उतरते देखोगे।।

1. আর তৃতীয় দিবসে গালীলের কান্না নগরে এক বিবাহ হইল, এবং যীশুর মাতা সেখানে ছিলেন;

2. फिर तीसरे दिन गलील के काना में किसी का ब्याह था, और यीशु की माता भी वहां थी।

2. আর সেই বিবাহে যীশুর ও তাঁহার শিষ্যগণেরও নিমন্ত্রণ হইয়াছিল।

3. और यीशु और उसके चेले भी उस ब्याह में नेवते गए थे।

3. পরে দ্রাক্ষারসের অকুলান হইলে যীশুর মাতা তাঁহাকে কহিলেন, উহাদের দ্রাক্ষারস নাই।

4. जब दाखरस घट गया, तो यीशु की माता ने उस से कहा, कि उन के पास दाखरस नहीं रहा।

4. যীশু তাঁহাকে বলিলেন, হে নারি, আমার সঙ্গে তোমার বিষয় কি? আমার সময় এখনও উপস্থিত হয় নাই।

5. यीशु ने उस से कहा, हे महिला मुझे तुझ से क्या काम? अभी मेरा समय नहीं आया।
उत्पत्ति 41:55

5. তাঁহার মাতা পরিচারকদিগকে কহিলেন, ইনি তোমাদিগকে যাহা কিছু বলেন, তাহাই কর।

6. उस की माता ने सेवकों से कहा, जो कुद वह तुम से कहे, वही करना।

6. সেখানে যিহূদীদের শুচীকরণ রীতি অনুসারে পাথরের ছয়টা জালা বসান ছিল, তাহার এক একটাতে দুই তিন মণ করিয়া জল ধরিত।

7. वहां यहूदियों के शुद्ध करने की रीति के अनुसार पत्थर के छ: मटके धरे थे, जि में दो दो, तीन तीन मन समाता था।

7. যীশু তাহাদিগকে বলিলেন, ঐ সকল জালায় জল পূর। তাহারা সেগুলি কাণায় কাণায় পূর্ণ করিল।

8. यीशु ने उन से कहा, अब निकालकर भोज के प्रधान के पास ले जाओ।

8. পরে তিনি তাহাদিগকে বলিলেন, এখন উহা হইতে কিছু তুলিয়া ভোজাধ্যক্ষের নিকটে লইয়া যাও। তাহারা লইয়া গেল।

9. वे ले गए, जब भोज के प्रधान ने वह पानी चखा, जो दाखरस बन गया था, और नहीं जानता था, कि वह कहां से आया हे, (परन्तु जिन सेवकों ने पानी निकाला था, वे जानते थे) तो भोज के प्रधान ने दूल्हे को बुलाकर, उस से कहा।

9. ভোজাধ্যক্ষ যখন সেই জল, যাহা দ্রাক্ষারস হইয়া গিয়াছিল, আস্বাদন করিলেন, আর তাহা কোথা হইতে আসিল, তাহা জানিতেন না—কিন্তু যে পরিচারকেরা জল তুলিয়াছিল, তাহারা জানিত—তখন ভোজাধ্যক্ষ বরকে ডাকিয়া কহিলেন,

10. हर एक मनुष्य पहिले अच्छा दाखरस देता है और जब लोग पीकर छक जाते हैं, तब मध्यम देता है; परन्तु तू ने अच्छा दाखरस अब तक रख छोड़ा है।

10. সকল লোকেই প্রথমে উত্তম দ্রাক্ষারস পরিবেষণ করে, এবং যথেষ্ট পান করা হইলে পর তাহা অপেক্ষা কিছু মন্দ পরিবেষণ করে; তুমি উত্তম দ্রাক্ষারস এখন পর্য্যন্ত রাখিয়াছ।

11. यीशु ने गलील के काना में अपना यह पहिला चिन्ह दिखाकर अपनी महिमा प्रगट की और उसके चेलों ने उस पर विश्वास किया।।

11. এইরূপে যীশু গালীলের কান্নাতে এই প্রথম চিহ্নকার্য্য সাধন করিলেন, নিজ মহিমা প্রকাশ করিলেন; আর তাঁহার শিষ্যেরা তাঁহাতে বিশ্বাস করিলেন।

12. इस के बाद वह और उस की माता और उसके भाई और उसके चेले कफरनहूम को गए और वहां कुछ दिन रहे।।

12. পরে তিনি, তাঁহার মাতা ও ভ্রাতৃগণ এবং তাঁহার শিষ্যগণ কফরনাহূমে নামিয়া গেলেন, আর সেখানে বেশী দিন থাকিলেন না।

13. यहूदियों का फसह का पर्ब्ब निकट था और यीशु यरूशलेम को गया।

13. তখন যিহূদীদের নিস্তারপর্ব্ব সন্নিকট ছিল, আর যীশু যিরূশালেমে গেলেন।

14. और उस ने मन्दिर में बैल और भेड़ और कबूतर के बेचनेवालों ओर सर्राफों को बैठे हुए पाया।

14. পরে তিনি ধর্ম্মধামের মধ্যে দেখিলেন, লোকে গো, মেষ ও কপোত বিক্রয় করিতেছে, এবং পোদ্দারেরা বসিয়া আছে;

15. और रस्सियों का कोड़ा बनाकर, सब भेड़ों और बैलों को मन्दिर से निकाल दिया, और सर्राफों के पैसे बिथरा दिए, और पीढ़ों को उलट दिया।

15. তখন তৃণ দ্বারা এক গাছা কশা প্রস্তুত করিয়া গো, মেষ সমস্তই ধর্ম্মধাম হইতে বাহির করিয়া দিলেন, এবং পোদ্দারদের মুদ্রা ছড়াইয়া ও মেজ উল্টাইয়া ফেলিলেন;

16. और कबूतर बेचनेवालों से कहा; इन्हें यहां से ले जाओ: मेरे पिता के भवन को व्योपार का घर मत बनाओ।

16. আর যাহারা কপোত বিক্রয় করিতেছিল, তাহাদিগকে কহিলেন, এ স্থান হইতে এ সকল লইয়া যাও; আমার পিতার গৃহকে বাণিজ্যের গৃহ করিও না।

17. तब उसके चेलों को स्मरण आया कि लिखा है, `तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी'।
भजन संहिता 69:9

17. তাঁহার শিষ্যগণের মনে পড়িল যে, লেখা আছে, “তোমার গৃহনিমিত্তক উদ্যোগ আমাকে গ্রাস করিবে।”

18. इस पर यहूदियों ने उस से कहा, तू जो यह करता है तो हमें कौन सा चिन्ह दिखाता हे?

18. তখন যিহূদীরা উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিল, তুমি আমাদিগকে কি চিহ্ন দেখাইতেছ যে এই সকল করিতেছ?

19. यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि इस मन्दिर को ढा दो, और मैं उसे तीन दिन में खड़ा कर दूंगा।

19. যীশু উত্তর করিয়া তাহাদিগকে কহিলেন, তোমরা এই মন্দির ভাঙ্গিয়া ফেল, আমি তিন দিনের মধ্যে ইহা উঠাইব।

20. यहूदियों ने कहा; इस मन्दिर के बनाने में छियालीस वर्ष लगे हें, और क्या तू उसे तीन दिन में खड़ा कर देगा?

20. তখন যিহূদীরা কহিল, এই মন্দির নির্ম্মাণ করিতে ছেচল্লিশ বৎসর লাগিয়াছে; তুমি কি তিন দিনের মধ্যে ইহা উঠাইবে?

21. परन्तु उस ने अपनी देह के मन्दिर के विषय में कहा था।

21. কিন্তু তিনি আপন দেহরূপ মন্দিরের বিষয় বলিতেছিলেন।

22. सो जब वह मुर्दों में से जी उठा तो उसके चेलों को स्मरण आया, कि उस ने यह कहा था; और उन्हों ने पवित्रा शास्त्रा और उस वचन की जो यीशु ने कहा था, प्रतीति की।।

22. অতএব যখন তিনি মৃতগণের মধ্য হইতে উঠিলেন, তখন তাঁহার শিষ্যদিগের মনে পড়িল যে, তিনি এই কথা বলিয়াছিলেন; আর তাঁহারা শাস্ত্রে এবং যীশুর কথিত বাক্যে বিশ্বাস করিলেন।

23. जब वह यरूशलेम में फसह के समय पर्ब्ब में था, तो बहुतों ने उन चिन्हों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया।

23. তিনি নিস্তারপর্ব্বের সময়ে যখন যিরূশালেমে ছিলেন, তখন যে সকল চিহ্ন-কার্য্য সাধন করিলেন, তাহা দেখিয়া অনেকে তাঁহার নামে বিশ্বাস করিল।

24. परन्तु यीशु ने अपने आप को उन के भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था।

24. কিন্তু যীশু আপনি তাহাদের উপরে আপনার সম্বন্ধে বিশ্বাস করিলেন না, কারণ তিনি সকলকে জানিতেন,

25. और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है?
1 शमूएल 16:7

25. এবং কেহ যে মনুষ্যের বিষয়ে সাক্ষ্য দেয়, ইহাতে তাঁহার প্রয়োজন ছিল না; কেননা মনুষ্যের অন্তরে কি আছে, তাহা তিনি আপনি জানিতেন।



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