24. मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।
24. verily, verily, I say to you, if the grain of the wheat, having fallen to the earth, may not die, itself remaineth alone; and if it may die, it doth bear much fruit;