Luke - लूका 9 | View All

1. फिर उस ने बारहों को बुलाकर उन्हें सब दुष्टात्माओं और बिमारियों को दूर करने की सामर्थ और अधिकार दिया।

1. পরে তিনি সেই বারো জনকে একত্র ডাকিয়া তাঁহাদিগকে সমস্ত ভূতের উপরে, এবং রোগ ভাল করিবার জন্য, শক্তি ও কর্ত্তৃত্ব দিলেন;

2. और उन्हें परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने, और बिमारों को अच्छा करने के लिये भेजा।

2. আর ঈশ্বরের রাজ্য প্রচার করিতে এবং আরোগ্য করিতে তাঁহাদিগকে প্রেরণ করিলেন।

3. और उस ने उससे कहा, मार्ग के लिये कुछ न लेना: न तो लाठी, न झोली, न रोटी, न रूपये और न दो दो कुरते।

3. আর তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, পথের জন্য কিছুই লইও না, যষ্টিও না, ঝুলিও না, খাদ্যও না, টাকাও না; দুই দুইটা আঙ্‌রাখাও লইও না।

4. और जिस किसी घर में तुम उतरो, वहीं रहो; और वहीं से विदा हो।

4. আর তোমরা যে কোন বাটীতে প্রবেশ কর, তথায় থাকিও, এবং তথা হইতে প্রস্থান করিও।

5. जो कोई तुम्हें ग्रहण न करेगा उस नगर से निकलते हुए अपने पांवों की धूल झाड़ डालो, कि उन पर गवाही हो।

5. আর যে সকল লোক তোমাদিগকে গ্রহণ না করে, সেই নগর হইতে প্রস্থান করিবার সময়ে তাহাদের বিরুদ্ধে সাক্ষ্যের জন্য তোমাদের পায়ের ধূলা ঝাড়িয়া ফেলিও।

6. सो वे निकलकर गांव गांव सुसमाचार सुनाते, और हर कहीं लोगों को चंगा करते हुए फिरते रहे।।

6. পরে তাঁহারা প্রস্থান করিয়া চারিদিকে গ্রামে গ্রামে যাইতে লাগিলেন, সর্ব্বত্র সুসমাচার প্রচার এবং আরোগ্য দান করিতে লাগিলেন।

7. और देश की चौथाई का राजा हेरोदेस यह सब सुनकर घबरा गया, क्योंकि कितनों ने कहा, कि यूहन्ना मरे हुओं में से जी उठा है।

7. আর, যাহা যাহা হইতেছিল, হেরোদ রাজা সমস্তই শুনিতে পাইলেন; এবং তিনি বড় অস্থির হইলেন, কারণ কেহ কেহ বলিত, যোহন মৃতদের মধ্য হইতে উঠিয়াছেন;

8. और कितनों ने यह, कि एलिरयाह दिखाई दिया है: औरों ने यह, कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है।

8. আর কেহ কেহ বলিত, এলিয় দর্শন দিয়াছেন; এবং আর কেহ কেহ বলিত, পূর্ব্বকালীন ভাববাদিগণের এক জন উঠিয়াছেন।

9. परन्तु हेरोदेस ने कहा, युहन्ना का तो मैं ने सिर कटवाया अब यह कौन है, जिस के विषय में ऐसी बातें सुनता हूं? और उस ने उसे देखने की इच्छा की।।

9. আর হোরোদ কহিলেন, যোহনের ত আমিই মস্তক ছেদন করিয়াছি; কিন্তু ইনি কে, যাঁহার বিষয়ে এরূপ কথা শুনিতে পাইতেছি? আর তিনি তাঁহাকে দেখিবার চেষ্টা করিতে লাগিলেন।

10. फिर प्रेरितों ने लौटकर जो कुछ उन्हों ने किया था, उस को बता दिया, और वह उन्हें अलग करके बैतसैदा नाम एक नगर को ले गया।

10. পরে প্রেরিতেরা যাহা যাহা করিয়াছিলেন, ফিরিয়া আসিয়া তাহার বৃত্তান্ত যীশুকে কহিলেন। আর তিনি তাঁহাদিগকে সঙ্গে লইয়া বিরলে বৈৎসৈদা নামক নগরে গেলেন।

11. यह जानकर भीड़ उसके पीछे हो ली: और वह आनन्द के साथ उन से मिला, और उन से परमेश्वर के राज्य की बातें करने लगा: और जो चंगे होना चाहते थे, उन्हें चंगा किया।

11. কিন্তু লোকেরা তাহা জানিতে পারিয়া তাঁহার পশ্চাৎ গমন করিল, আর তিনি তাহাদিগকে সদয় ভাবে গ্রহণ করিয়া তাহাদের কাছে ঈশ্বরের রাজ্যের বিষয় কথা কহিলেন, এবং যাহাদের সুস্থ হইবার প্রয়োজন ছিল, তাহাদিগকে সুস্থ করিলেন।

12. जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गावों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं।

12. পরে দিবা অবসান হইতে লাগিল, আর সেই বারো জন নিকটে আসিয়া তাঁহাকে কহিলেন, আপনি এই লোকসমূহকে বিদায় করুন, যেন ইহারা চারিদিকে গ্রামে ও পল্লীতে গিয়া রাত্রিবাস করে ও খাদ্য দ্রব্য দেখিয়া লয়, কেননা এখানে আমরা নির্জ্জন স্থানে আছি।

13. उस ने उन से कहा, तुम ही उन्हें खाने को दो: उन्हों ने कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि हम जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें, तो हो सकता है: वे लोग तो पांच हजार पुरूषों के लगभग थे।

13. কিন্তু তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, তোমরাই ইহাদিগকে আহার দেও। তাঁহারা বলিলেন, পাঁচখানা রুটী ও দুইটী মাছের অধিক আমাদের কাছে নাই; তবে কি আমরা গিয়া এই সমস্ত লোকের জন্য খাদ্য কিনিয়া আনিতে পারিব?

14. जब उस ने अपने चेलों से कहा, उन्हें पचास पचास करके पांति में बैठा दो।

14. কারণ তাহারা অনুমান পাঁচ সহস্র পুরুষ ছিল। তখন তিনি আপন শিষ্যদিগকে কহিলেন, পঞ্চাশ পঞ্চাশ জন করিয়া উহাদিগকে সারি সারি বসাইয়া দেও।

15. उन्हों ने ऐसा ही किया, और सब को बैठा दिया।

15. তাঁহারা সেইরূপ করিলেন, সকলকে বসাইয়া দিলেন।

16. तब उस ने वे पांच रोटियां और दो मछली लीं, और स्वर्ग की और देखकर धन्यवाद किया, और तोड़ तोड़कर चेलों को देता गया, कि लोगों को परोसें।

16. পরে তিনি সেই পাঁচখানা রুটী ও দুইটী মাছ লইয়া স্বর্গের দিকে ঊর্দ্ধদৃষ্টি করিয়া সেইগুলিকে আশীর্ব্বাদ করিলেন, ও ভাঙ্গিলেন; আর লোকদের সম্মুখে রাখিবার জন্য শিষ্যগণকে দিতে লাগিলেন।

17. सो सब खाकर तृप्त हुए, और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरी भरकर उठाई।।
2 राजाओं 4:44

17. তাহাতে সকলে আহার করিয়া তৃপ্ত হইল, এবং তাহারা যাহা অবশিষ্ট রাখিল, সেই সকল গুঁড়াগাঁড়া কুড়াইলে পর বারো ডালা হইল।

18. जब वह एकान्त में प्रार्थना कर रहा था, और चेले उसके साथ थे, तो उस ने उन से पूछा, कि लोग मुझे क्या कहते हैं?

18. একদা তিনি বিজনে প্রার্থনা করিতেছিলেন, শিষ্যগণ তাঁহার সঙ্গে ছিলেন; আর তিনি তাঁহাদিগকে জিজ্ঞাসা করিলেন, আমি কে, এ বিষয়ে লোকসমূহ কি বলে?

19. उन्हों ने उत्तर दिया, युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला, और कोई कोई एलिरयाह, और कोई यह कि पुराने भविष्यद्वक्ताओं में से कोई जी उठा है।

19. তাঁহারা উত্তর করিয়া কহিলেন, যোহন বাপ্তাইজক; কিন্তু কেহ কেহ বলে, আপনি এলিয়; আর কেহ কেহ বলে, পূর্ব্বকালীন ভাববাদিগণের এক জন উঠিয়াছেন।

20. उस ने उन से पूछा, परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? पतरस ने उत्तर दिया, परमेश्वर का मसीह।

20. তখন তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, কিন্তু তোমরা কি বল, আমি কে? পিতর উত্তর করিয়া কহিলেন, ঈশ্বরের সেই খ্রীষ্ট।

21. तब उस ने उन्हें चिताकर कहा, कि यह किसी से न कहना।

21. তখন তিনি তাঁহাদিগকে দৃঢ়রূপে বলিয়া দিলেন ও আজ্ঞা করিলেন, এ কথা কাহাকেও বলিও না;

22. और उस ने कहा, मनुष्य के पुत्रा के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरनिए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें, और वह तीसरे दिन जी उठे।

22. তিনি কহিলেন, মনুষ্যপুত্রকে অনেক দুঃখ ভোগ করিতে হইবে, প্রাচীনবর্গ, প্রধান যাজকগণ ও অধ্যাপকগণ কর্ত্তৃক অগ্রাহ্য হইতে হইবে, এবং হত হইতে হইবে; আর তৃতীয় দিবসে উঠিতে হইবে।

23. उस ने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले।

23. আর তিনি সকলকে বলিলেন, কেহ যদি আমার পশ্চাৎ আসিতে ইচ্ছা করে, তবে সে আপনাকে অস্বীকার করুক, প্রতিদিন আপন ক্রুশ তুলিয়া লউক, এবং আমার পশ্চাদগামী হউক।

24. क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिय अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।

24. কেননা যে কেহ আপন প্রাণ রক্ষা করিতে ইচ্ছা করে, সে তাহা হারাইবে; কিন্তু যে কেহ আমার নিমিত্ত আপন প্রাণ হারায়, সেই তাহা রক্ষা করিবে।

25. यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे, और अपना प्राण खो दे, या उस की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?

25. কারণ মনুষ্য যদি সমুদয় জগৎ লাভ করিয়া আপনাকে নষ্ট করে কিম্বা হারায়, তবে তাহার লাভ কি হইল?

26. जो कोई मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा; मनुष्य का पुत्रा भी जब अपनी, और अपने पिता की, और पवित्रा स्वर्ग दूतों की, महिमा सहित आएगा, तो उस से लजाएगा।

26. কেননা যে কেহ আমাকে ও আমার বাক্যকে লজ্জার বিষয় জ্ঞান করে, মনুষ্যপুত্র যখন আপনার প্রতাপে এবং পিতার ও পবিত্র দূতগণের প্রতাপে আসিবেন, তখন তিনি তাহাকে লজ্জার বিষয় জ্ঞান করিবেন।

27. मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कोई कोई ऐसे हैं कि जब तक परमेश्वर का राज्य न देख लें, तब तक मृत्यु का स्वाद न चखेंगे।

27. কিন্তু আমি তোমাদিগকে সত্য কহিতেছি, যাহারা এখানে দাঁড়াইয়া রহিয়াছে, তাহাদের মধ্যে এমন কএক জন আছে, যাহারা, যে পর্য্যন্ত ঈশ্বরের রাজ্য না দেখিবে, সেই পর্য্যন্ত কোন মতে মৃত্যুর আস্বাদ পাইবে না।

28. इन बातों के कोई आठ दिन बाद वह पतरस और यूहन्ना और याकूब को साथ लेकर प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर गया।

28. এই সকল কথা বলিবার পরে অনুমান আট দিন গত হইলে তিনি পিতর, যোহন ও যাকোবকে সঙ্গে লইয়া প্রার্থনা করিবার জন্য পর্ব্বতে উঠিলেন।

29. जब वह प्रार्थना कर ही रहा था, तो उसके चेहरे का रूप बदल गया: और उसका वस्त्रा श्वेत होकर चमकने लगा।

29. আর তিনি প্রার্থনা করিতেছেন, এমন সময়ে তাঁহার মুখের দৃশ্য অন্যরূপ হইল, এবং তাঁহার বস্ত্র শুভ্র ও চাক্‌চক্যময় হইল।

30. और देखो, मूसा और एलिरयाह, ये दो पुरूष उसके साथ बातें कर रहे थे।

30. আর দেখ, দুই জন পুরুষ তাঁহার সহিত কথোপকথন করিতে লাগিলেন;

31. ये महिमा सहित दिखाई दिए; और उसके मरने की चर्चा कर रहे थे, जो यरूशलेम में होनवाला था।

31. তাঁহারা মোশি ও এলিয়; তাঁহারা সপ্রতাপে দেখা দিয়া, তাঁহার সেই যাত্রার বিষয় কথা কহিতে লাগিলেন, যাহা তিনি যিরূশালেমে সমাপন করিতে উদ্যত ছিলেন।

32. पतरस और उसके साथी नींद से भरे थे, और जब अच्छी तरह सचेत हुए, तो उस की महिमा; और उन दो पुरूषों को, जो उसके साथ खड़े थे, देखा।

32. তখন পিতর ও তাঁহার সঙ্গীরা নিদ্রায় ভারাক্রান্ত ছিলেন, কিন্তু জাগিয়া উঠিয়া তাঁহার প্রতাপ এবং ঐ দুই ব্যক্তিকে দেখিলেন, যাঁহারা তাঁহার সহিত দাঁড়াইয়া ছিলেন।

33. जब वे उसके पास से जाने लगे, तो पतरस ने यीशु से कहा; हे स्वामी, हमारा यहां रहना भला है: सो हम तीन मण्डप बनाएं, एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिरयाह के लिये। वह जानता न था, कि क्या कह रहा है।

33. পরে তাঁহারা তাঁহার নিকট হইতে প্রস্থান করিতেছেন, এমন সময়ে পিতর যীশুকে কহিলেন, নাথ, এখানে আমাদের থাকা ভাল; আমরা তিনটী কুটীর নির্ম্মাণ করি; একটী আপনার জন্য, একটী মোশির জন্য, আর একটী এলিয়ের জন্য; কিন্তু তিনি কি বলিলেন, তাহা বুঝিলেন না।

34. वह यह कह ही रहा था, कि एक बादल ने आकर उन्हें छा लिया, और जब वे उस बादल से घिरने लगे, तो डर गए।

34. তিনি এই কথা বলিতেছেন, এমন সময়ে একখানি মেঘ আসিয়া তাঁহাদিগকে ছায়া করিল; তাহাতে তাঁহারা সেই মেঘে প্রবেশ করিলে ইহাঁরা ভীত হইলেন।

35. और उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा पुत्रा और मेरा चुना हुआ है, इस की सुनो।
व्यवस्थाविवरण 18:15, भजन संहिता 2:7, यशायाह 42:1

35. আর সেই মেঘ হইতে এই বাণী হইল, ইনিই আমার পুত্র, আমার মনোনীত, ইহাঁর কথা শুন।

36. यह शब्द होते ही यीशु अकेला पाया गया: और वे चुप रहे, और कुछ देखा था, उस की कोई बात उन दिनों में किसी से न कही।।

36. এই বাণী হইবামাত্র একা যীশুকে দেখা গেল। আর তাঁহারা নীরব রহিলেন, যাহা যাহা দেখিয়াছিলেন, তাহার কিছুই সেই সময়ে কাহাকেও জ্ঞাত করিলেন না।

37. और दूसरे दिन जब वे पहाड़ से उतरे, तो एक बड़ी भीड़ उस से आ मिली।

37. পরদিন তাঁহারা সেই পর্ব্বত হইতে নামিয়া আসিলে বিস্তর লোক তাঁহার সহিত সাক্ষাৎ করিল।

38. और देखो, भीड़ में से एक मनुष्य ने चिल्ला कर कहा, हे गुरू, मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि मेरे पुत्रा पर कृपादृष्टि कर; क्योंकि वह मेरा एकलौता है।

38. আর দেখ, ভিড়ের মধ্য হইতে এক ব্যক্তি উচ্চৈঃস্বরে কহিল, হে গুরু, বিনয় করি, আমার পুত্রের প্রতি দৃষ্টিপাত করুন, কেননা এটী আমার একমাত্র সন্তান।

39. और देख, एक दुष्टात्मा उसे पकड़ता है, और वह एकाएक चिल्ला उठता है; और वह उसे ऐसा मरोड़ता है, कि वह मुंह में फेन भर लाता है; और उसे कुचलकर कठिनाई से छोड़ता है।

39. আর দেখুন, একটা আত্মা ইহাকে আক্রমণ করে, আর এ হঠাৎ চেঁচাইয়া উঠে; এবং সে ইহাকে মুচড়াইয়া ধরে, তাহাতে এ ফেনা বাহির করে, আর সে ইহাকে ক্ষত-বিক্ষত করিয়া কষ্টে ছাড়িয়া যায়।

40. और मै ने तेरे चेलों से बिनती की, कि उसे निकालें; परन्तु वे न निकाल सके।

40. আর আমি আপনার শিষ্যদিগকে নিবেদন করিয়াছিলাম, যেন তাঁহারা এটাকে ছাড়ান, কিন্তু তাঁহারা পারিলেন না।

41. यीशु न उत्तर दिया, हे अविश्वासी और हठिले लोगो, मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूंगा, और तुम्हारी सहूंगा? अपने पुत्रा को यहां ले आ।

41. তখন যীশু উত্তর করিয়া কহিলেন, হে অবিশ্বাসী ও বিপথগামী বংশ, কত কাল আমি তোমাদের নিকটে থাকিব ও তোমাদের প্রতি সহিষ্ণুতা করিব?

42. वह आ ही रहा था कि दुष्टात्मा ने उसे पटककर मरोड़ा, परन्तु यीशु ने अशुद्ध आत्मा को डांटा और लकड़े को अच्छा करके उसके पिता को सौंप दिया।

42. তোমার পুত্রকে এখানে আন। সে আসিতেছে, এমন সময়ে ঐ ভূত তাহাকে ফেলিয়া দিল, ও ভয়ানক মুচড়াইয়া ধরিল। কিন্তু যীশু সেই অশুচি আত্মাকে ধমক্‌ দিলেন, বালকটীকে সুস্থ করিলেন, ও তাহার পিতার কাছে তাহাকে সমর্পণ করিলেন।

43. तब सब लोग परमेश्वर के महासामर्थ से चकित हुए।।

43. তখন সকলে ঈশ্বরের মহিমায় চমৎকৃত হইল।

44. परन्तु जब सब लोग उन सब कामों से जो वह करता था, अचम्भा कर रहे थे, तो उस ने अपने चेलों से कहा; ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें, क्योंकि मनुष्य का पुत़्रा मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाने को है।

44. আর তিনি যে সমস্ত কার্য্য করিতেছিলেন, তাহাতে সকল লোক আশ্চর্য্য জ্ঞান করিলে তিনি আপন শিষ্যগণকে কহিলেন, তোমরা এই সকল বাক্য কর্ণে স্থান দান কর; কেননা সম্প্রতি মনুষ্যপুত্র মনুষ্যদের হস্তে সমর্পিত হইবেন।

45. परन्तु वे इस बात को न समझते थे, और यह उन से छिपी रही; कि वे उसे जानने न पाएं, और वे इस बात के विषय में उस से पूछने से डरते थे।।

45. কিন্তু তাঁহারা এ কথা বুঝিলেন না, এবং ইহা তাঁহাদের হইতে গুপ্ত থাকিল, যাহাতে তাঁহারা বুঝিয়া উঠিতে না পারেন, এবং তাঁহার নিকটে এ কথার বিষয় জিজ্ঞাসা করিতে তাঁহাদের ভয় হইল।

46. फिर उन में यह विवाद होने लगा, कि हम में से बड़ा कौन है?

46. আর তাঁহাদের মধ্যে কে শ্রেষ্ঠ, এই তর্ক তাঁহাদের মধ্যে উপস্থিত হইল।

47. पर यीशु ने उन के मन का विचार जान लिया : और एक बालक को लेकर अपने पास खड़ा किया।

47. তখন যীশু তাঁহাদের হৃদয়ের তর্ক জানিয়া একটী শিশুকে লইয়া আপনার পার্শ্বে দাঁড় করাইলেন, এবং তাঁহাদিগকে কহিলেন,

48. और उन से कहा; जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है क्योंकि जो तुम में सब से छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।

48. যে কেহ আমার নামে এই শিশুটীকে গ্রহণ করে, সে আমাকেই গ্রহণ করে; এবং যে কেহ আমাকে গ্রহণ করে, সে তাঁহাকেই গ্রহণ করে, যিনি আমাকে প্রেরণ করিয়াছেন; কারণ তোমাদের মধ্যে যে ব্যক্তি সর্ব্বাপেক্ষা ক্ষুদ্র, সেই মহান্‌।

49. तब युहन्ना ने कहा, हे स्वामी, हम ने एक मनुष्य को तेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालते देखा, और हम ने उसे मना किया, कयोंकि वह हमारे साथ होकर तेरे पीछे नहीं हो लेता।

49. পরে যোহন কহিলেন, নাথ, আমরা এক ব্যক্তিকে আপনার নামে ভূত ছাড়াইতে দেখিয়াছিলাম, আর তাহাকে বারণ করিতেছিলাম, কারণ সে আমাদের সহানুগামী নয়।

50. यीशु ने उस से कहा, उसे मना मत करो; क्योंकि जो तुम्हारे विरोध में नहीं, वह तुम्हारी ओर है।।

50. কিন্তু যীশু তাঁহাকে বলিলেন, বারণ করিও না, কেননা যে তোমাদের বিপক্ষ নয়, সে তোমাদের সপক্ষ।

51. जब उसके ऊपर उठाए जाने के दिन पूरे होने पर थे, जो उस ने यरूशलेम को जाने का विचार दृढ़ किया।

51. আর যখন তাঁহার ঊর্দ্ধে নীত হইবার সময় পূর্ণ হইয়া আসিতেছিল, তখন তিনি একান্ত মনে যিরূশালেমে যাইতে উন্মুখ হইলেন, এবং আপনার অগ্রে দূতগণ প্রেরণ করিলেন।

52. और उस ने अपने आगे दूत भेजे: वे सामरियों के एक गांव में गए, कि उसके लिये जगह तैयार करें।

52. আর তাঁহারা গিয়া শমরীয়দের কোন গ্রামে প্রবেশ করিলেন, যাহাতে তাঁহার জন্য আয়োজন করিতে পারেন।

53. परन्तु उन लोगों ने उसे उतरने न दिया, क्योंकि वह यरूशलेम को जा रहा था।

53. কিন্তু লোকেরা তাঁহাকে গ্রহণ করিল না, কেননা তিনি যিরূশালেমে যাইতে উন্মুখ ছিলেন।

54. यह देखकर उसके चेले याकूब और यूहन्ना ने कहा; हे प्रभु; क्या तू चाहता है, कि हम आज्ञा दें, कि आकाश से आग गिरकर उन्हें भस्म कर दे।
2 राजाओं 1:10

54. তাহা দেখিয়া তাঁহার শিষ্য যাকোব ও যোহন বলিলেন, প্রভো, আপনি কি ইচ্ছা করেন যে, এলিয় যেমন করিয়াছিলেন, তেমনি আমরা বলি, আকাশ হইতে অগ্নি নামিয়া আসিয়া ইহাদিগকে ভস্ম করিয়া ফেলুক?

55. परन्तु उस ने फिरकर उन्हें डांटा और कहा, तुम नहीं जानते कि तुम कैसी आत्मा के हो।

55. কিন্তু তিনি মুখ ফিরাইয়া তাঁহাদিগকে ধমক্‌ দিলেন, আর কহিলেন, তোমরা কি প্রকার আত্মার লোক, তাহা জান না।

56. क्योंकि मनुष्य का पुत्रा लोगों के प्राणों को नाश करने नहीं बरन बचाने के लिये आया है: और वे किसी और गांव में चले गए।।

56. কারণ মনুষ্যপুত্র মনুষ্যদের প্রাণনাশ করিতে আইসেন নাই, কিন্তু রক্ষা করিতে আসিয়াছেন। পরে তাঁহারা অন্য গ্রামে চলিয়া গেলেন।

57. जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा।

57. তাঁহারা পথে যাইতেছেন, এমন সময়ে এক ব্যক্তি তাঁহাকে কহিল, আপনি যে কোন স্থানে যাইবেন, আমি আপনার পশ্চাৎ যাইব।

58. यीशु ने उस से कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्रा को सिर धरने की भी जगह नहीं।

58. যীশু তাহাকে কহিলেন, শৃগালদের গর্ত্ত আছে, এবং আকাশের পক্ষিগণের বাসা আছে, কিন্তু মনুষ্যপুত্রের মস্তক রাখিবার স্থান নাই।

59. उस ने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उस ने कहा; हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं।

59. আর এক জনকে তিনি বলিলেন, আমার পশ্চাৎ আইস। কিন্তু সে কহিল, প্রভু, অগ্রে আমার পিতার কবর দিয়া আসিতে অনুমতি করুন।

60. उस ने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुरदे गाड़ने दे, पर तू जाकर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना।

60. তিনি তাহাকে বলিলেন, মৃতেরাই আপন আপন মৃতদের কবর দিউক; কিন্তু তুমি গিয়া ঈশ্বরের রাজ্য ঘোষণা কর।

61. एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा; पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं।
1 राजाओं 19:20

61. আর এক জন কহিল, প্রভু, আমি আপনার পশ্চাৎ যাইব, কিন্তু অগ্রে নিজ বাটীর লোকদের নিকটে বিদায় লইয়া আসিতে অনুমতি করুন।

62. यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हर पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।।

62. কিন্তু যীশু তাহাকে কহিলেন, যে কোন ব্যক্তি লাঙ্গলে হাত দিয়া পিছনে ফিরিয়া চায়, সে ঈশ্বরের রাজ্যের উপযোগী নয়।



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