Luke - लूका 15 | View All

1. सब चुंगी लेनेवाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें।

1. Now the tax collectors and sinners were all drawing near to hear him.

2. और फरीसी और शास्त्री कुडकुडाकर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।।

2. And the Pharisees and the scribes murmured, saying, 'This man receives sinners and eats with them.'

3. तब उस ने उन से यह दृष्टान्त कहा।

3. So he told them this parable:

4. तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे?
यहेजकेल 34:11, यहेजकेल 34:16

4. 'What man of you, having a hundred sheep, if he has lost one of them, does not leave the ninety-nine in the wilderness, and go after the one which is lost, until he finds it?

5. और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है।

5. And when he has found it, he lays it on his shoulders, rejoicing.

6. और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे करके कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।

6. And when he comes home, he calls together his friends and his neighbors, saying to them, `Rejoice with me, for I have found my sheep which was lost.'

7. मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।।

7. Just so, I tell you, there will be more joy in heaven over one sinner who repents than over ninety-nine righteous persons who need no repentance.

8. या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिस के पास दस सिक्के हों, और उन में से एक खो जाए; तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बुहारकर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे?

8. 'Or what woman, having ten silver coins, if she loses one coin, does not light a lamp and sweep the house and seek diligently until she finds it?

9. और जब मिल जाता है, तो वह अपने सखियों और पड़ोसिनियों को इकट्ठी करके कहती है, कि मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्का मिल गया है।

9. And when she has found it, she calls together her friends and neighbors, saying, `Rejoice with me, for I have found the coin which I had lost.'

10. मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है।।

10. Just so, I tell you, there is joy before the angels of God over one sinner who repents.'

11. फिर उस ने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्रा थे।

11. And he said, 'There was a man who had two sons;

12. उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उस ने उन को अपनी संपत्ति बांट दी।

12. and the younger of them said to his father, `Father, give me the share of property that falls to me.' And he divided his living between them.

13. और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्रा सब कुछ इकट्ठा करके एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी।
नीतिवचन 29:3

13. Not many days later, the younger son gathered all he had and took his journey into a far country, and there he squandered his property in loose living.

14. जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।

14. And when he had spent everything, a great famine arose in that country, and he began to be in want.

15. और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहंा जो पड़ा : उस ने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा।

15. So he went and joined himself to one of the citizens of that country, who sent him into his fields to feed swine.

16. और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था।

16. And he would gladly have fed on the pods that the swine ate; and no one gave him anything.

17. जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहां हूं।

17. But when he came to himself he said, `How many of my father's hired servants have bread enough and to spare, but I perish here with hunger!

18. मैं अब उठकर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है।
भजन संहिता 51:4

18. I will arise and go to my father, and I will say to him, 'Father, I have sinned against heaven and before you;

19. अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्रा कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले।

19. I am no longer worthy to be called your son; treat me as one of your hired servants.''

20. तब वह उठकर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।

20. And he arose and came to his father. But while he was yet at a distance, his father saw him and had compassion, and ran and embraced him and kissed him.

21. पुत्रा न उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्रा कहलाऊं।

21. And the son said to him, `Father, I have sinned against heaven and before you; I am no longer worthy to be called your son.'

22. परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; झट अच्छे से अच्छा वस्त्रा निकालकर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ।

22. But the father said to his servants, `Bring quickly the best robe, and put it on him; and put a ring on his hand, and shoes on his feet;

23.

23. and bring the fatted calf and kill it, and let us eat and make merry;

24. और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनावें।

24. for this my son was dead, and is alive again; he was lost, and is found.' And they began to make merry.

25. क्योंकि मेरा यह पुत्रा मर गया था, फिर जी गया है : खो गय था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।

25. 'Now his elder son was in the field; and as he came and drew near to the house, he heard music and dancing.

26. परन्तु उसका जेठा पुत्रा खेत में था : और जब वह आते हुए घर के निकट पहुंचा, तो उस ने गाने बजाने और नाचने का शब्द सुना।

26. And he called one of the servants and asked what this meant.

27. और उस ने एक दास को बुलाकर पूछा; यह क्या हो रहा है?

27. And he said to him, `Your brother has come, and your father has killed the fatted calf, because he has received him safe and sound.'

28. उस ने उस से कहा, तेरा भाई आया है; और तेरे पिता ने पला हुआ बछड़ा कटवाया है, इसलिये कि उसे भला चंगा पाया है।

28. But he was angry and refused to go in. His father came out and entreated him,

29. यह सुनकर वह क्रोध से भर गया, और भीतर जाना न चाहा : परन्तु उसका पिता बाहर आकर उसे मनाने लगा।

29. but he answered his father, `Lo, these many years I have served you, and I never disobeyed your command; yet you never gave me a kid, that I might make merry with my friends.

30. उस ने पिता को उत्तर दिया, कि देख; मैं इतने वर्ष से तरी सेवा कर रहा हूं, और कभी भी तेरी आज्ञा नहीं टाली, तौभी तू ने मुझे कभी एक बकरी का बच्चा भी न दिया, कि मैं अपने मित्रों के साथ आनन्द करता।

30. But when this son of yours came, who has devoured your living with harlots, you killed for him the fatted calf!'

31. परन्तु जब तेरा यह पुत्रा, जिस ने तेरी संपत्ति वेश्याओं में उड़ा दी है, आया, तो उसके लिये तू ने पला हुआ बछड़ा कटवाया।

31. And he said to him, `Son, you are always with me, and all that is mine is yours.

32. उस ने उस से कहा; पुत्रा, तू सर्वदा मेरे साथ है; और जो कुछ मेरा है वह सब तेरा ही है।

32. It was fitting to make merry and be glad, for this your brother was dead, and is alive; he was lost, and is found.''



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