12. तब उस ने अपने नेवता देनेवाले से भी कहा, जब तू दिन का या रात का भोज करे, तो अपने मित्रों या भाइयों या कुटुम्बियों या धनवान पड़ोसियों को न बुला, कहीं ऐसा न हो, कि वे भी तुझे नेवता दें, और तेरा बदला हो जाए।
12. Then said he also to him that invited him, When thou makest a dinner or a supper, call not thy friends nor thy brethren neither thy kinsmen nor [thy] rich neighbours, lest they also invite thee again, and a recompense be made thee.