22. नये दाखरस को पुरानी मशकों में कोई नहीं रखता, नहीं तो दाखरस मश्कों को फाड़ देगा, और दाखरस और मश्कें दोनों नष्ट हो जाएंगी; परन्तु दाख का नया रस नई मश्कों में भरा जाता है।।
22. In like wise, no man poureth new wine into old vessels, for if he do the new wine breaketh the vessels, and the wine runneth out, and the vessels are marred. But new wine must be poured into new vessels.