Matthew - मत्ती 3 | View All

1. उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर यहूदिया के जंगल में यह प्रचार करने लगा। कि

1. [1] সেই সময়ে যোহন বাপ্তাইজক উপস্থিত হইয়া যিহূদিয়ার প্রান্তরে প্রচার করিতে লাগিলেন;

2. मन फिराओ; क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।

2. তিনি বলিলেন, ‘মন ফিরাও, কেননা স্বর্গ-রাজ্য সন্নিকট হইল।’

3. यह वही है जिस की चर्चा यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा की गई कि जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी करो।
यशायाह 40:3

3. ইনিই সেই ব্যক্তি, যাঁহার বিষয়ে যিশাইয় ভাববাদী দ্বারা এই কথা কথিত হইয়াছিল, “প্রান্তরে এক জনের রব, সে ঘোষণা করিতেছে, তোমরা প্রভুর পথ প্রস্তুত কর, তাঁহার রাজপথ সকল সরল কর।”

4. यह यूहन्ना ऊंट के रोम का वस्त्रा पहिने था, और अपनी कमर में चमड़े का पटुका बान्धे हुए था, और उसका भोजन टिडि्डयां और बनमधु था।
2 राजाओं 1:8

4. যোহন উটের লোমের কাপড় পরিতেন, তাঁহার কটিদেশে চর্ম্মপটুকা, ও তাঁহার খাদ্য পঙ্গপাল ও বনমধু ছিল।

5. तब यरूशलेम के और सारे यहूदिया के, और यरदन के आस पास के सारे देश के लोग उसके पास निकल आए।

5. তখন যিরূশালেম, সমস্ত যিহূদিয়া, এবং যর্দ্দনের নিকটবর্ত্তী সমস্ত অঞ্চলের লোক বাহির হইয়া তাঁহার নিকটে যাইতে লাগিল;

6. और अपने अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उस से बपतिस्मा लिया।

6. আর আপন আপন পাপ স্বীকার করিয়া যর্দ্দন নদীতে তাঁহার দ্বারা বাপ্তাইজিত হইতে লাগিল।

7. जब उस ने बहुतेरे फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उन से कहा, कि हे सांप के बच्चों तुम्हें किस ने जता दिया, कि आनेवाले क्रोध से भागो?

7. কিন্তু অনেক ফরীশী ও সদ্দূকী বাপ্তিস্মের জন্য আসিতেছে দেখিয়া তিনি তাহাদিগকে কহিলেন, হে সর্পের বংশেরা, আগামী কোপ হইতে পলায়ন করিতে তোমাদিগকে কে চেতনা দিল?

8. सो मन फिराव के योग्य फल लाओ।

8. অতএব মন-পরিবর্ত্তনের উপযোগী ফলে ফলবান্‌ হও।

9. और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है।

9. আর ভাবিও না যে, তোমরা মনে মনে বলিতে পার, অব্রাহাম আমাদের পিতা; কেননা আমি তোমাদিগকে বলিতেছি, ঈশ্বর এই সকল পাথর হইতে অব্রাহামের জন্য সন্তান উৎপন্ন করিতে পারেন।

10. और अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा हुआ है, इसलिये जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।

10. আর এখনই গাছগুলির মূলে কুড়ালি লাগান আছে; অতএব যে কোন গাছে উত্তম ফল ধরে না, তাহা কাটিয়া আগুনে ফেলিয়া দেওয়া যায়।

11. मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उस की जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्रा आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।

11. আমি তোমাদিগকে মন-পরিবর্ত্তনের নিমিত্ত জলে বাপ্তাইজ করিতেছি বটে, কিন্তু আমার পশ্চাৎ যিনি আসিতেছেন, তিনি আমা অপেক্ষা শক্তিমান্‌; আমি তাঁহার পাদুকা বহিবারও যোগ্য নহি; তিনি তোমাদিগকে পবিত্র আত্মা ও অগ্নিতে বাপ্তাইজ করিবেন।

12. उसका सूप उस के हाथ में है, और वह अपना खलिहान अच्छी रीति से साफ करेगा, और अपने गेहूं को तो खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जलाएगा जो बुझने की नहीं।।

12. তাঁহার কুলা তাঁহার হস্তে আছে, আর তিনি আপন খামার সুপরিষ্কার করিবেন, এবং আপনার গোম গোলায় সংগ্রহ করিবেন, কিন্তু তুষ অনির্ব্বাণ অগ্নিতে পোড়াইয়া দিবেন।

13. उस समय यीशु मसीह गलील से यरदन के किनारे पर यूहन्ना के पास उस से बपतिस्मा लेने आया।

13. তৎকালে যীশু যোহন দ্বারা বাপ্তাইজিত হইবার জন্য গালীল হইতে যর্দ্দনে তাঁহার কাছে আসিলেন।

14. परन्तु यूहन्ना यह कहकर उसे रोकने लगा, कि मुझे तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यक्ता है, और तू मेरे पास आया है?

14. কিন্তু যোহন তাঁহাকে বারণ করিতে লাগিলেন, বলিলেন, আপনার দ্বারা আমারই বাপ্তাইজিত হওয়া আবশ্যক, আর আপনি আমার কাছে আসিতেছেন?

15. यीशु ने उस को यह उत्तर दिया, कि अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है, तब उस ने उस की बात मान ली।

15. কিন্তু যীশু উত্তর করিয়া তাঁহাকে কহিলেন, এখন সম্মত হও, কেননা এইরূপে সমস্ত ধার্ম্মিকতা সাধন করা আমাদের পক্ষে উপযুক্ত। তখন তিনি তাঁহার কথায় সম্মত হইলেন।

16. और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिये आकाश खुल गया; और उस ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर की नाई उतरते और अपने ऊपर आते देखा।

16. পরে যীশু বাপ্তাইজিত হইয়া অমনি জল হইতে উঠিলেন; আর দেখ, তাঁহার নিমিত্ত স্বর্গ খুলিয়া গেল, এবং তিনি ঈশ্বরের আত্মাকে কপোতের ন্যায় নামিয়া আপনার উপরে আসিতে দেখিলেন।

17. और देखो, यह आकाशवाणी हुई, कि यह मेरा प्रिय पुत्रा है, जिस से मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं।।
उत्पत्ति 22:2, भजन संहिता 2:7, यशायाह 42:1

17. আর দেখ, স্বর্গ হইতে এই বাণী হইল, ‘ইনিই আমার প্রিয় পুত্র, ইহাঁতেই আমি প্রীত।’



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