Numbers - गिनती 3 | View All

1. जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से बातें की उस समय हारून और मूसा की यह वंशावली थी।

1. Here is the story of the family of Aaron and Moses. It belongs to the time when the Lord talked with Moses on Mount Sinai.

2. हारून के पुत्रों के नाम ये हैं: नादाब जो उसका जेठा था, और अबीहू, एलीआजार और ईतामार;

2. Aaron's oldest son was Nadab. His other sons were Abihu, Eleazar and Ithamar.

3. हारून के पुत्रा, जो अभिषिक्त याजक थे, और उनका संस्कार याजक का काम करने के लिये हुआ था उनके नाम ये ही हैं।

3. Those were the names of Aaron's sons. They were the anointed priests. They were prepared to serve the Lord as priests.

4. नादाब और अबीहू जिस समय सीनै के जंगल में यहोवा के सम्मुख ऊपरी आग ले गए उसी समय यहोवा के साम्हने मर गए थे; और वे पुत्राहीन भी थे। एलीआजर और ईतामार अपने पिता हारून के साम्हने याजक का काम करते रहे।।

4. But Nadab and Abihu made an offering to the Lord by using fire that wasn't allowed. So they fell dead in front of him. That happened in the Desert of Sinai. They didn't have any sons. Only Eleazar and Ithamar served as priests while their father Aaron was living.

5. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

5. The Lord spoke to Moses. He said,

6. लेवी गोत्रावालों को समीप ले आकर हारून याजक के साम्हने खड़ा कर, कि वे उसकी सेवा टहल करें।

6. 'Bring the men of the tribe of Levi to the priest Aaron. They will help him.

7. और जो कुछ उसकी ओर से और सारी मण्डली की ओर से उन्हें सौंपा जाए उसकी रक्षा वे मिलापवाले तम्बू के सामहने करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें;

7. They must work at the Tent of Meeting for Aaron and for the whole community. They must do what needs to be done at the holy tent.

8. वे मिलापवाले तम्बू के कुल सामान की और इस्त्राएलियों की सौंपी हुई वस्तुओं की भी रक्षा करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें।

8. They must take care of everything that is connected with the Tent of Meeting. When they do, they are acting for all of the people of Israel.

9. और तू लेवियों को हारून और उसके पुत्रों को सौंप दे; और वे इस्त्राएलियों की ओर से हारून को सम्पूर्ण रीति से अर्पण किए हुए हों।

9. Give the Levites to Aaron and his sons. They are the men of Israel who must be given completely to him.

10. और हारून और उसके पुत्रों को याजक के पद पर नियुक्त कर, और वे अपने याजकपद की रक्षा किया करें; और यदि अन्य मनुष्य समीप आए, तो वह मार डाला जाए।।

10. 'Appoint Aaron and his sons to serve as priests. Anyone else who approaches the sacred tent must be put to death.'

11. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

11. The Lord also said to Moses,

12. सुन इस्त्राएली स्त्रियों के सब पहिलौठों की सन्ती मैं इस्त्राएलियों में से लेवियों को ले लेता हूं; सो लेवीय मेरे ही हों।

12. 'I have taken the Levites from among the people of Israel. I have taken them in place of the oldest son who is born to each woman in Israel. The Levites belong to me.

13. सब पहिलौठे मेरे हैं; क्योंकि जिस दिन मैं ने मि देश में के सब पहिलौठों को मारा, उसी दिन मैं ने क्या मनुष्य क्या पशु इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों को अपने लिये पवित्रा ठहराया; इसलिये वे मेरे ही ठहरेंगे; मैं यहोवा हूं।।

13. That is because every male that is born first to a mother is mine. In Egypt I struck down all of the males that were born first. I did it when I set apart for myself every male that is born first to a mother in Israel. That is true for men and animals alike. They belong to me. I am the Lord.'

14. फिर यहोवा ने सीनै के जंगल में मूसा से कहा,

14. The Lord spoke to Moses in the Desert of Sinai. He said,

15. लेवियों में से जितने पुरूष एक महीने वा उस से अधिक अवस्था के हों उनको उनके पितरों के घरानों और उनके कुलों के अनुसार गिन ले।

15. 'Count the Levites by their family groups. Count every male who is a month old or more.'

16. यह आज्ञा पाकर मूसा ने यहोवा के कहे के अनुसार उनको गिन लिया।

16. So Moses counted them. He did just as the word of the Lord had commanded him.

17. लेवी के पुत्रों के नाम ये हैं, अर्थात् गेर्शोन, कहात, और मरारी।

17. The sons of Levi were Gershon, Kohath and Merari.

18. और गेर्शोन के पुत्रा जिन से उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात् लिब्नी और शिमी।

18. The major families from Gershon were Libni and Shimei.

19. कहात के पुत्रा जिन से उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात् अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, और उज्जीएल।

19. The major families from Kohath were Amram, Izhar, Hebron and Uzziel.

20. और मरारी के पुत्रा जिन से उसके कुल चले उनके नाम ये हैं, अर्थात् महली और मूशी। ये लेवियों के कुल अपने पितरों के घरानों के अनुसार हैं।।

20. The major families from Merari were Mahli and Mushi. Those were the major families of the Levites.

21. गेर्शोन से लिब्नियों और शिमियों के कुल चले; गेर्शोनवंशियों के कुल ये ही हैं।

21. The families of Libni and Shimei belonged to the family of Gershon.

22. इन में से जितने पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उस से अधिक थी, उन सभों की गिनती साढ़े सात हजार थी।

22. All of the males who were a month old or more were counted. There were 7,500 of them.

23. गेर्शोनवाले कुल निवास के पीछे पच्छिम की ओर अपने डेरे डाला करें;

23. The families of Gershon had to camp on the west side. They had to camp behind the holy tent.

24. और गेर्शोनियों के मूलपुरूष से घराने का प्रधान लाएल का पुत्रा एल्यासाप हो।

24. The leader of the families of Gershon was Eliasaph, the son of Lael.

25. और मिलापवाले तम्बू की जो वस्तुएं गेर्शोनवंशियों को सौंपी जाएं वे ये हों, अर्थात् निवास और तम्बू, और उसका ओहार, और मिलापवाले तम्बू से द्वार का पर्दा,

25. Here are the duties of the families of Gershon at the Tent of Meeting. They were held accountable for taking care of the holy tent and its coverings. They took care of the curtain at the entrance to the Tent of Meeting.

26. और जो आंगन निवास और वेदी की चारों ओर है उसके पर्दे, और उसके द्वार का पर्दा, और सब डोरियां जो उस में काम आती हैं।।

26. They took care of the curtains of the courtyard. They took care of the curtain at the entrance to the courtyard. The courtyard was all around the holy tent and altar. They also took care of the ropes. In fact, they had to take care of everything that was connected with the use of all of those things.

27. फिर कहात से अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों, और उज्जीएलियों के कुल चले; कहातियों के कुल ये ही हैं।

27. The families of Amram, Izhar, Hebron and Uzziel belonged to the family of Kohath.

28. उन में से जितने पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उस से अधिक थी उनकी गिनती आठ हजार छ: सौ थी। वे पवित्रा स्थान की रक्षा के उत्तरदायी थे।

28. All of the males who were a month old or more were counted. There were 8,600 of them. The families of Kohath were held accountable for taking care of the sacred tent.

29. कहातियों के कुल निवास की उस अलंग पर अपने डेरे डाला करें जो दक्खिन की ओर है;

29. They had to camp on the south side of the holy tent.

30. और कहातवाले कुलों से मूलपुरूष के घराने का प्रधान उज्जीएल का पुत्रा एलीसापान हो।

30. The leader of the families of Kohath was Elizaphan, the son of Uzziel.

31. और जो वस्तुएं उनको सौंपी जाएं वे सन्दूक, मेज़, दीवट, वेदियां, और पवित्रास्थान का वह सामान जिस से सेवा टहल होती है, और पर्दा; निदान पवित्रास्थान में काम में आनेवाला सारा सामान हो।

31. They were held accountable for taking care of the ark of the covenant. They took care of the table for the holy bread. They took care of the lampstand and the two altars. They took care of the articles that were used for serving in the sacred tent. They also took care of the inner curtain. In fact, they had to take care of everything that was connected with the use of all of those things.

32. और लेवियों के प्रधानों का प्रधान हारून याजक का पुत्रा एलीआजार हो, और जो लोग पवित्रास्थान की सौंपी हुई वस्तुओं की रक्षा करेंगे उन पर वही मुखिया ठहरे।।

32. The chief leader of the Levites was Eleazar. He was the son of the priest Aaron. Eleazar was appointed over those who were held accountable for taking care of the sacred tent.

33. फिर मरारी से महलियों और मूशियों के कुल चले; मरारी के कुल ये ही हैं।

33. The families of Mahli and Mushi belonged to the family of Merari.

34. इन में से जितने पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उस से अधिक थी उन सभों की गिनती छ: हजार दो सौ थी।

34. All of the males who were a month old or more were counted. There were 6,200 of them.

35. और मरारी के कुलों के मूलपुरूष के घराने का प्रधान अबीहैल का पुत्रा सूरीएल हो; ये लोग निवास के उत्तर की ओर अपने डेरे खड़े करें।

35. The leader of the families of Merari was Zuriel, the son of Abihail. They had to camp on the north side of the holy tent.

36. और जो वस्तुएं मरारीवंशियों को सौंपी जाएं कि वे उनकी रक्षा करें, वे निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, कुर्सियां, और सारा सामान; निदान जो कुछ उसके बरतने में काम आए;

36. They were appointed to take care of the frames of the tent. They took care of its crossbars, posts and bases. They took care of all of its supplies. In fact, they had to take care of everything that was connected with the use of all of those things.

37. और चारों ओर के आंगन के खम्भे, और उनकी कुर्सियां, खूंटे और डोरियां हों।

37. They also took care of the posts of the courtyard that was around the holy tent. And they took care of the bases, tent stakes and ropes.

38. और जो मिलापवाले तम्बू के साम्हने, अर्थात् निवास के साम्हने, पूरब की ओर जहां से सूर्योदय होता है, अपने डेरे डाला करें, वे मूसा और हारून और उसके पुत्रों के डेरे हों, और पवित्रास्थान की रखवाली इस्त्राएलियों के बदले वे ही किया करें, और दूसरा जो कोई उसके समीप आए वह मार डाला जाए।

38. Moses, Aaron and Aaron's sons had to camp to the east of the holy tent. They had to camp toward the sunrise in front of the Tent of Meeting. They were held accountable for taking care of the sacred tent. They had to do it for the people of Israel. Anyone else who approached the tent would be put to death.

39. यहोवा की इस आज्ञा को पाकर एक महीने की वा उस से अधिक अवस्थावाले जितने लेवीय पुरूषों को मूसा और हारून ने उनके कुलों के अनुसार गिन लिया, वे सब के सब बाईस हजार थे।।

39. The total number of the Levites was 22,000. They were counted family by family. Every male who was a month old or more was counted. Moses and Aaron counted them, just as the Lord had commanded.

40. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, इस्त्राएलियों के जितने पहिलौठे पुरूषों की अवस्था एक महीने की वा उस से अधिक है, उन सभों को नाम ले लेकर गिन ले।

40. The Lord said to Moses, 'Count the males among the people of Israel who were the oldest sons born in their families. Count all those who are a month old or more. Make a list of their names.

41. और मेरे लिये इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों की सन्ती लेवियों को, और इस्त्राएलियों के पशुओं के सब पहिलौठों की सन्ती लेवियों के पशुओं को ले; मैं यहोवा हूं।

41. Take the Levites for me in their place. And take the livestock of the Levites in place of all of the male animals in Israel that were born first to their mothers. I am the Lord.'

42. यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों को गिन लिया।

42. So Moses counted all of the oldest sons in Israel. He did just as the Lord had commanded him.

43. और सब पहिलौठे पुरूष जिनकी अवस्था एक महीने की वा उस से अधिक थी, उनके नामों की गिनती बाईस हजार दो सौ तिहत्तर थी।।

43. There were 22,273 of those sons who were a month old or more. They were listed by name.

44. तब यहोवा ने मूसा से कहा,

44. The Lord also said to Moses,

45. इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों की सन्ती लेवियों को, और उनके पशुओं की सन्ती लेवियों के पशुओं को ले; और लेवीय मेरे ही हों; मैं यहोवा हूं।

45. 'Take the Levites in place of all the males who were born first in Israel. Also take the livestock of the Levites in place of the livestock of Israel. The Levites belong to me. I am the Lord.

46. और इस्त्राएलियों के पहिलौठों मे से जो दो सौ तिहत्तर गिनती में लेवियों से अधिक हैं, उनके छुड़ाने के लिये,

46. 'But there are 273 more males who were born first in Israel than there are male Levites.

47. पुरूष पीछे पांच शेकेल ले; वे पवित्रास्थान के शेकेल के हिसाब से हों, अर्थात् बीस गेरा का शेकेल हो।

47. Collect two ounces of silver for each of them. Weigh it out in keeping with the standard weights that are used in the sacred tent.

48. और जो रूपया उन अधिक पहिलौठों की छुडौती का होगा उसे हारून और उसके पुत्रों को दे देना।

48. Give the silver to Aaron and his sons. It will buy the freedom of the additional sons in Israel.'

49. और जो इस्त्राएली पहिलौठे लेवियों के द्वारा छुड़ाए हुओं से अधिक थे उनके हाथ से मूसा ने छुड़ौती का रूपया लिया।

49. So Moses collected the silver from the additional sons in Israel to buy their freedom. The Levites took the place of all of the others.

50. और एक हजार तीन सौ पैंसठ शैकेल रूपया पवित्रास्थान के शेकेल के हिसाब से वसूल हुआ।

50. Moses collected 35 pounds of silver. It was weighed out in keeping with the weights that are used in the sacred tent. Moses collected it from the oldest sons in Israel.

51. और यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा ने छुड़ाए हुओं का रूपया हारून और उसके पुत्रों को दे दिया।।

51. He gave the silver to Aaron and his sons. He did just as the Lord had commanded him.



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