Numbers - गिनती 21 | View All

1. तब अराद का कनानी राजा, जो दक्खिन देश में रहता था, यह सुनकर, कि जिस मार्ग से वे भेदिये आए थे उसी मार्ग से अब इस्त्राएली आ रहे हैं, इस्त्राएल से लड़ा, और उन में से कितनों को बन्धुआ कर लिया।

1. And the Canaanite, the king of Arad who dwelt in the South, heard that Israel had entered by the way of Atharim, so he made war with Israel, and took some of them captive.

2. तब इस्त्राएलियों ने यहोवा से यह कहकर मन्नत मानी, कि यदि तू सचमुच उन लोगों को हमारे वश में कर दे, तो हम उनके नगरों को सत्यनाश कर देंगे।

2. Then Israel vowed vow unto Yahweh, and said, If thou wilt, surely deliver up, this people into my band, then will I utterly destroy their cities.

3. इस्त्राएल की यह बात सुनकर यहोवा ने कनानियों को उनके वश में कर दिया; सो उन्हों ने उनके नगरों समेत उनको भी सत्यानाश किया; इस से उस स्थान का नाम होर्मा रखा गया।।

3. And Yahweh hearkened unto the voice of Israel and delivered up the Canaanite into his hand, so he utterly destroyed them, and their cities, and called the name of the place Hormah that is, Utter Destruction.

4. फिर उन्हों ने होर पहाड़ से कूच करके लाल समुद्र का मार्ग लिया, कि एदोम देश से बाहर बाहर घूमकर जाएं; और लोगों का मन मार्ग के कारण बहुत व्याकुल हो गया।

4. Then brake they up from Mount Hor, by way of the Red Sea, to go round the land of Edom, and the soul of the people became impatient because of the way,

5. सो वे परमेश्वर के विरूद्ध बात करने लगे, और मूसा से कहा, तुम लोग हम को मि से जंगल में मरने के लिये क्यों ले आए हो? यहां न तो रोटी है, और न पानी, और हमारे प्राण इस निकम्मी रोटी से दुखित हैं।
1 कुरिन्थियों 10:9

5. So then the people spake against God and against Moses, Wherefore have ye brought us up out of Egypt, to die in the desert? for there is neither bread nor water, and our soul, doth loathe this contemptible bread!

6. सो यहोवा ने उन लोगों में तेज विषवाले सांप भेजे, जो उनको डसने लगे, और बहुत से इस्त्राएली मर गए।
1 कुरिन्थियों 10:9

6. And Yahweh sent among the people the poisonous serpents, and they bit the people, and much people out of Israel died.

7. तब लोग मूसा के पास जाकर कहने लगे, हम ने पाप किया है, कि हम ने यहोवा के और तेरे विरूद्ध बातें की हैं; यहोवा से प्रार्थना कर, कि वह सांपों को हम से दूर करे। तब मूसा ने उनके लिये प्रार्थना की।

7. Then tame the people of Israel unto Moses and said We have sinned in that we spake against Yahweh and against thee, Pray thou unto Yahweh, that he may take from us the serpent. So Moses prayed for the people.

8. यहोवा ने मूसा से कहा एक तेज विषवाले सांप की प्रतिमा बनवाकर खम्भे पर लटका; तब जो सांप से डसा हुआ उसको देख ले वह जीवित बचेगा।

8. Then said Yahweh unto Moses Make thee a like serpent, and put it upon standard, and it shall come to pass, that, any one who is bitten, as soon as he seeth it, shall live.

9. सो मूसा ने पीतल को एक सांप बनवाकर खम्भे पर लटकाया; तब सांप के डसे हुओं में से जिस जिस ने उस पीतल के सांप को देखा वह जीवित बच गया।
यूहन्ना 3:14

9. So Moses made a serpent of bronze, and put it upon the standard, and it came to pass that if the serpent had bitten any man, as soon as he directed his look unto the serpent of bronze, he lived.

10. फिर इस्त्राएलियों ने कूच करके ओबोत में डेरे डाले।

10. And the sons of Israel brake up, and encamped in Oboth.

11. और ओबोत से कूच करके अबारीम नाम डीहों में डेरे डाले, जो पूरब की ओर मोआब के साम्हने के जंगल में है।

11. And they brake up from Oboth, and encamped in Ije-Abarim, in the desert which is over against Moab, towards the rising of the sun.

12. वंहा से कूच करके उन्हों ने जेरेद नाम नाले में डेरे डाले।

12. From thence, brake they up, and encamped in the ravine of Zered.

13. वहां से कूच करके उन्हों ने अर्नोन नदी, जो जंगल में बहती और एमोरियों के देश से निकलती है, उसकी परली ओर डेरे खड़े किए; क्योंकि अर्नोन मोआबियों और एमोरियों के बीच होकर मोआब देश का सिवाना ठहरा है।

13. From thence, brake they up, and encamped on the other side of Arnon which is in the desert, that cometh forth out of the boundary of the Amorites, for, Arnon, is the boundary of Moab, between Moab and the Amorites.

14. इस कारण यहोवा के संग्राम नाम पुस्तक में इस प्रकार लिखा है, कि सूपा में बाहेब, और अर्नोन के नाले,

14. For this cause is it said, in the Book of the Wars of Yahweh, Waheb with a hurricane, And the ravines of Arnon;

15. और उन नालों की ढलान जो आर नाम नगर की ओर है, और जो मोआब के सिवाने पर है।

15. And the bottom of the ravines, that extendeth toward the dwelling of Ar, And adjoineth to the boundary of Moab,

16. फिर वहां से कूच करके वे बैर तक गए; वहां वही कूआं है जिसके विषय में यहोवा ने मूसा से कहा था, कि उन लोगों को इकट्ठा कर, और मैं उन्हे पानी दूंगा।।

16. And from thence, towards Beer, the same, is the well whereof Yahweh said unto Moses, Gather together the people, that I may give them water.

17. उस समय इस्त्राएल ने यह गीत गया, कि हे कूएं, उबल आ, उस कूएं के विषय में गाओ!

17. Then, sang Israel this song, Spring thou up, O well! Respond ye thereunto;

18. जिसको हाकिमों ने खोदा, और इस्त्राएल के रईसों ने अपने सोंटों और लाठियों से खोद लिया।।

18. A well! princes digged it, Nobles of the people, delved it, With a sceptre, With their staves. And, from the desert, to Mattanah;

19. फिर वे जंगल से मत्ताना को, और मत्ताना से नहलीएल को, और नहलीएल से बामोत को,

19. and from Mattanah, to Nahaliel; and from Nahaliel, to Bamoth;

20. और बामोत से कूच करके उस तराई तक जो मोआब के मैदान में है, और पिसगा के उस सिरे तक भी जो यशीमोन की ओर झुका है पहुंच गए।।

20. and, from Bamoth of the valley, which is in the field-country of Moab, to the top of Pisgah, which over-looketh Jeshimon.

21. तब इस्त्राएल ने एमोरियों के राजा सीहोन के पास दूतों से यह कहला भेजा,

21. Then sent Israel messengers, unto Sihon king of the Amorites, saying:

22. कि हमें अपने देश में होकर जाने दे; हम मुड़कर किसी खेत वा दाख की बारी में तो न जाएंगे; न किसी कूएं का पानी पीएंगे; और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएं तब तक सड़क ही से चले जाएंगे।

22. Let me pass through thy land we will not turn aside into field or into vineyard, nor will we drink the water of a well, by the kings road, will we go, until we get through thy boundary.

23. तौभी सीहोन ने इस्त्राएल को अपने देश से होकर जाने न दिया; वरन अपनी सारी सेना को इकट्ठा करके इस्त्राएल का साम्हना करने को जंगल में निकल आया, और यहस को आकर उन से लड़ा।

23. And Sihon suffered not Israel to pass through his boundary, but Sihon gathered together all his people, and came forth to meet Israel, towards the desert, and entered Jahaz, and fought with Israel.

24. तब इस्त्राएलियों ने उस को तलवार से मार लिया, और अर्नोन से यब्बोक नदी तक, जो अम्मोनियों का सिवाना था, उसके देश के अधिकारी हो गए; अम्मोनियों का सिवाना तो दृढ़ था।

24. And Israel smote him with the edge of the sword, and took possession of his land, from Arnon unto Jabbok, unto the sons of Ammon, for strong, was the boundary of the sons of Ammon.

25. सो इस्त्राएल ने एमोरियों के सब नगरों को ले लिया, और उन में, अर्थात् हेशबोन और उसके आस पास के नगरों में रहने लगे।

25. So Israel took all these cities, and Israel dwelt in all the cities of the Amorites, in Heshbon and in all her villages;

26. हेशबोन एमोरियों के राजा सीहोन का नगर था; उस ने मोआब के अगले राजा से लड़के उसका सारा देश अर्नोन तक उसके हाथ से छीन लिया था।

26. for, as for Heshbon, the city of Sihon king of the Amorites, it was, he, having fought with the former king of Moab, and taken all his land out of his hand, unto Arnon.

27. इस कारण गूढ़ बात के कहनेवाले कहते हैं, कि हेशबोन में आओ, सीहोन का नगर बसे, और दृढ़ किया जाए।

27. For this cause, say the poets Enter ye Heshbon, Built and prepared be the city of Sihon;

28. क्योंकि हेशबोन से आग, अर्थात् सीहोन के नगर से लौ निकली; जिस से मोआब देश का आर नगर, और अर्नोन के ऊंचे स्थानों के स्वामी भस्म हुए।

28. For, a fire, hath come forth out of Heshbon, A flame, out of the stronghold of Sihon; It hath consumed Ar of Moab, The lords of the high places of Arnon.

29. हे मोआब, तुझ पर हाय! कमोश देवता की प्रजा नाश हुई, उस ने अपने बेटों को भगेडू, और अपनी बेटियों को एमोरी राजा सीहोन की दासी कर दिया।

29. Woe to thee, Moab, Thou art lost, O people of Chemosh, He hath given up his sons as fugitives, And his daughters into captivity, Unto the king of the Amorites, Sihon.

30. हम ने उन्हें गिरा दिया है, हेशबोन दीबोन तक नष्ट हो गया है, और हम ने नोपह और मेदबा तक भी उजाड़ दिया है।।

30. Then we shot them Heshbon is destroyed, as far as Dibon, Then laid we waste as far as Nophah, A fire reacheth unto Medeba.

31. सो इस्त्राएल एमोरियों के देश में रहने लगा।

31. So then Israel dwelt in the land of the Amorites.

32. तब मूसा ने याजेर नगर का भेद लेने को भेजा; और उन्हों ने उसके गांवों को लिया, और वहां के एमोरियों को उस देश से निकाल दिया।

32. And Moses sent to spy out Jazer, and they captured the villages thereof, and dispossessed the Amorites that were there.

33. तब वे मुड़के बाशान के मार्ग से जाने लगे; और बाशान के राजा ओग न उनका साम्हना किया, अर्थात् लड़ने को अपनी सारी सेना समेत एद्रेई में निकल आया।

33. Then turned they, and went up by the way of Bashan, and Og, king of Bashan, came forth to meet them he and all his people, to give battle at Edrei.

34. तब यहोवा ने मूसा से कहा, उस से मत डर; क्योंकि मैं उसको सारी सेना और देश समेत तेरे हाथ में कर देता हूं; और जैसा तू ने एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के साथ किया है, वैसा ही उसके साथ भी करना।

34. Then said Yahweh unto Moses Do not fear him, for into thy hand, have I delivered him and all his people, and his land, Therefore shalt thou do unto him, as thou didst unto Sihon king of he Amorites, who was dwelling in Heshbon.

35. तब उन्हों ने उसको, और उसके पुत्रों और सारी प्रजा को यहां तक मारा कि उसका कोई भी न बचा; और वे उसके देश के अधिकारी को गए।

35. So then they smote him and his sons and all his people, until there was not left him a remnant, and took possession of his land.



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