Malachi - मलाकी 3 | View All

1. देखो, मैं अपने दूत को भेजता हूं, और वह मार्ग को मेरे आगे सुधारेगा, और प्रभु, जिसे तुम ढूंढ़ते हो, वह अचानक अपने मन्दिर में आ जाएगा; हां वाचा का वह दूत, जिसे तुम चाहते हो, सुनो, वह आता है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
मत्ती 11:3-10, मरकुस 1:2, लूका 1:17-76, लूका 7:19-27, यूहन्ना 3:28

1. দেখ, আমি আপন দূতকে প্রেরণ করিব, সে আমার অগ্রে পথ প্রস্তুত করিবে; এবং তোমরা যে প্রভুর অন্বেষণ করিতেছ, তিনি অকস্মাৎ আপন মন্দিরে আসিবেন; নিয়মের সেই দূত, যাঁহাতে তোমাদের প্রীতি, দেখ, তিনি আসিতেছেন, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন।

2. परन्तु उसके आने के दिन की कौन सह सकेगा? और जब वह दिखाई दे, तब कौन खड़ा रह सकेगा? क्योंकि वह सोनार की आग और धोबी के साबुन के समान है।
प्रकाशितवाक्य 6:17

2. কিন্তু তাঁহার আগমনের দিন কে সহ্য করিতে পারিবে; আর তিনি দর্শন দিলে কে দাঁড়াইতে পারিবে? কেননা তিনি রৌপ্য পরিষ্কারকের অগ্নিতুল্য ও রজকের ক্ষারতুল্য।

3. वह रूपे का तानेवाला और शुद्ध करनेवाला बनेगा, और लेवियों को शुद्ध करेगा और उनको सोने रूपे की नाईं निर्मल करेगा, तब वे यहोवा की भेंट धर्म से चढ़ाएंगे।
1 पतरस 1:7

3. তিনি রৌপ্য-পরিষ্কারক ও শুচিকারক হইয়া বসিবেন, তিনি লেবির সন্তানদিগকে শুচি করিবেন, এবং স্বর্ণের ও রৌপ্যের ন্যায় তাহাদিগকে বিশুদ্ধ করিবেন; তাহাতে তাহারা সদাপ্রভুর উদ্দেশে ধার্ম্মিকতায় নৈবেদ্য উৎসর্গ করিবে।

4. तब यहूदा और यरूशलेम की भेंट यहोवा को ऐसी भाएगी, जैसी पहिले दिनों में और प्राचीनकाल में भावती थी।।

4. তখন যিহূদার ও যিরূশালেমের নৈবেদ্য সদাপ্রভুর তুষ্টিজনক হইবে, যেমন পূর্ব্বকালে, আদিকালের বৎসর-সমূহে হইয়াছিল।

5. तब मैं न्याय करने को तुम्हारे निकट आऊंगा; और टोन्हों, और व्यभिचारियों, और झूठी किरिया खानेवालों के विरूद्ध, और जो मजदूर की मजदूरी को दबाते, और विधवा और अनाथों पर अन्धेर करते, और परदेशी का न्याय बिगाड़ते, और मेरा भय नहीं मानते, उन सभों के विरूद्ध मैं तुरन्त साक्षी दूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।
याकूब 5:4

5. আর আমি বিচার করিতে তোমাদের নিকটে আসিব; এবং মায়াবী, পারদারিক, ও মিথ্যাশপথকারিগণের বিরুদ্ধে, ও যাহারা বেতনের বিষয়ে বেতনজীবীর প্রতি, এবং বিধবা ও পিতৃহীন লোকের প্রতি, এবং অত্যাচার করে, বিদেশীর প্রতি অন্যায় করে, ও আমাকে ভয় করে না, তাহাদের বিরুদ্ধে আমি সত্বর সাক্ষী হইব, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন।

6. क्योंकि मैं यहोवा बदलता नहीं; इसी कारण, हे याकूब की सन्तान तुम नाश नहीं हुए।

6. কারণ আমি সদাপ্রভু, আমার পরিবর্ত্তন নাই; তাই তোমরা, হে যাকোব-সন্তানগণ, বিনষ্ট হইতেছ না।

7. अपने पुरखाओं के दिनों से तुम लोग मेरी विधियों से हटते आए हो, ओर उनका पालन नहीं करते। तुम मेरी ओर फिरो, तब मैं भी तुम्हारी ओर फिरूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है; परन्तु तुम पूछते हो, हम किस बात में फिरें?
याकूब 4:8

7. তোমাদের পিতৃপুরুষদের সময়াবধি তোমরা আমার বিধি-কলাপ হইতে সরিয়া পড়িয়াছ, সে সকল পালন কর নাই। আমার কাছে ফিরিয়া আইস, আমিও তোমাদের কাছে ফিরিয়া আসিব, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন। কিন্তু তোমরা বলিতেছ, আমরা কিসে ফিরিব?

8. क्या मनुष्य परमेश्वर को धोखा दे सकता है? देखो, तुम मुझ को धोखा देते हो, और तौभी पूछते हो कि हम ने किस बात में तुझे लूटा है? दशमांश और उठाने की भेंटों में।

8. মনুষ্য কি ঈশ্বরকে ঠকাইবে? তোমরা ত আমাকে ঠকাইয়া থাক। কিন্তু তোমরা বলিতেছ, কিসে তোমাকে ঠকাইয়াছি? দশমাংশে ও উপহারে।

9. तुम पर भारी शाप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो; वरन सारी जाति ऐसा करती है।

9. তোমরা অভিশাপে শাপগ্রস্ত; হাঁ, তোমরা, এই সমস্ত জাতি, আমাকেই ঠকাইতেছ।

10. सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।

10. তোমরা সমস্ত দশমাংশ ভাণ্ডারে আন, যেন আমার গৃহে খাদ্য থাকে; আর তোমরা ইহাতে আমার পরীক্ষা কর, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন, আমি আকাশের দ্বার সকল মুক্ত করিয়া তোমাদের প্রতি অপরিমেয় আশীর্ব্বাদ বর্ষণ করি কি না।

11. मैं तुम्हारे लिये नाश करनेवाले को ऐसा घुड़कूंगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।

11. আর আমি তোমাদের নিমিত্ত গ্রাসককে ভর্ৎসনা করিব, সে তোমাদের ভূমির ফল বিনষ্ট করিবে না, এবং ক্ষেত্রে তোমাদের দ্রাক্ষালতার ফল অকালে ঝরিবে না, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন।

12. तब सारी जातियां तुम को धन्य कहेंगी, क्योंकि तुम्हारा देश मनोहर देश होगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।

12. আর সর্ব্বজাতি তোমাদিগকে ধন্য বলিবে, কেননা তোমরা প্রীতিজনক দেশ হইবে, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন।

13. यहोवा यह कहता है, तुम ने मेरे विरूद्ध ढिठाई की बातें कही हैं। परन्तु तुम पूछते हो, हम ने तेरे विरूद्ध में क्या कहा है?

13. তোমরা আমার বিরুদ্ধে শক্ত শক্ত কথা বলিয়াছ, ইহা সদাপ্রভু কহেন। কিন্তু তোমরা বলিতেছ, আমরা কিসে তোমার বিরুদ্ধে কথা বলিয়াছি? তোমরা বলিয়াছ, ঈশ্বরের সেবা করা অনর্থক;

14. तुम ने कहा है कि परमेश्वर की सेवा करनी व्यर्थ है। हम ने जो उसके बताए हुए कामों को पूरा किया और सेनाओं के यहोवा के डर के मारे शोक का पहिरावा पहिने हुए चले हैं, इस से क्या लाभ हुआ?

14. এবং তাঁহার রক্ষণীয়-দ্রব্য রক্ষা করাতে ও বাহিনীগণের সদাপ্রভুর সাক্ষাতে শোকবেশে গমনাগমন করাতে আমাদের লাভ কি হইল?

15. अब से हम अभिमानी लोगों को धन्य कहते हैं; क्योंकि दुराचारी तो सफल बन गए हैं, वरन वे परमेश्वर की परीक्षा करने पर भी बच गए हैं।।

15. আমরা এখন দর্পী লোকদিগকে ধন্য বলি; হাঁ, দুষ্টাচারীরা প্রতিষ্ঠিত হয়, এবং ঈশ্বরের পরীক্ষা করিয়াও রক্ষা পায়।

16. तब यहोवा का भय माननेवालों ने आपस में बातें की, और यहोवा ध्यान धर कर उनकी सुनता था; और जो यहोवा का भय मानते और उसके नाम का सम्मान करते थे, उनके स्मरण के निमित्त उसके साम्हने एक पुस्तक लिखी जाती थी।

16. তখন, যাহারা সদাপ্রভুকে ভয় করিত, তাহারা পরস্পর আলাপ করিল, এবং সদাপ্রভু কর্ণপাত করিয়া শুনিলেন; আর যাহারা সদাপ্রভুকে ভয় করিত, ও তাঁহার নাম ধ্যান করিত, তাহাদের জন্য তাঁহার সম্মুখে একখানি স্মরণার্থক পুস্তক লেখা হইল।

17. सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि जो दिन मैं ने ठहराया है, उस दिन वे लोग मेरे वरन मेरे निज भाग ठहरेंगे, और मै उन से ऐसी कोमलता करूंगा जैसी कोई अपने सेवा करनेवाले पुत्रा से करे।

17. আর তাহারা আমারই হইবে, ইহা বাহিনীগণের সদাপ্রভু কহেন; আমার কার্য্য করিবার দিনে তাহারা আমার নিজস্ব হইবে; এবং কোন মনুষ্য যেমন আপন সেবাকারী পুত্রের প্রতি মমতা করে, আমি তাহাদের প্রতি তেমনি মমতা করিব।

18. तब तुम फिरकर धर्मी और दुष्ट का भेद, अर्थात् जो परमेश्वर की सेवा करता है, और जो उसकी सेवा नहीं करता, उन दोनों को भेद पहिचान सकोगे।।

18. তখন তোমরা ফিরিয়া আসিবে, এবং ধার্ম্মিক ও দুষ্টের মধ্যে, যে ঈশ্বরের সেবা করে, ও যে তাঁহার সেবা না করে, উভয়ের মধ্যে প্রভেদ দেখিবে।



Shortcut Links
मलाकी - Malachi : 1 | 2 | 3 | 4 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |