Malachi - मलाकी 1 | View All

1. मलाकी के द्वारा इस्राएल के विषय में कहा हुआ यहोवा का भारी वचन।।

1. An oracle: The word of the LORD to Israel through Malachi.

2. यहोवा यह कहता है, मैं ने तुम से प्रेम किया है, परन्तु तुम पूछते हो, तू ने किस बात में हम से प्रेम किया है? यहोवा की यह वाणी है, क्या एसाव याकूब का भाई न था?
रोमियों 9:13

2. 'I have loved you,' says the LORD. But you ask: 'How have You loved us?' 'Wasn't Esau Jacob's brother?' [This is] the LORD's declaration. 'Even so, I loved Jacob,

3. तौभी मैं ने याकूब से प्रेम किया परन्तु एसाव को अप्रिय जानकर उसके पहाड़ों को उजाड़ डाला, और उसकी बपौती को जंगल के गीदड़ों का कर दिया है।

3. but I hated Esau. I turned his mountains into a wasteland, and [gave] his inheritance to the desert jackals.'

4. एदोम कहता है, हमारा देश उजड़ गया है, परन्तु हम खण्डहरों को फिरकर बसाएंगे; सेनाओं का यहोवा यों कहता है, यदि वे बनाए भी, परन्तु मैं ढा दूंगा; उनका नाम दुष्ट जाति पड़ेगा, और वे ऐसे लोग कहलाएंगे जि पर यहोवा सदैव क्रोधित रहे।

4. Though Edom says: 'We have been devastated, but we will rebuild the ruins,' the LORD of Hosts says this: 'They may build, but I will demolish. They will be called a wicked country and the people the LORD has cursed forever.

5. तुम्हारी आंखे इसे देखेंगी, और तुम कहोगे, यहोवा का प्रताप इस्राएल के सिवाने की परली ओर भी बढ़ता जाए।।

5. Your own eyes will see this, and you yourselves will say: The LORD is great, [even] beyond the borders of Israel.

6. पुत्रा पिता का, और दास स्वामी का आदर करता है। यदि मैं पिता हूं, तो मेरा आदर मानना कहां है? और यदि मैं स्वामी हूं, तो मेरा भय मानना कहां? सेनाओं का यहोवा, तुम याजकों से भी जो मेरे नाम का अपमान करते हो यही बात पूछता है। परन्तु तुम पूछते हो, हम ने किस बात में तेरे नाम का अपमान किया है? तुम मेरी वेदी पर अशुद्ध भोजन चढ़ाते हो।
लूका 6:46

6. 'A son honors [his] father, and a servant his master. But if I am a father, where is My honor? And if I am a master, where is [your] fear of Me? says the LORD of Hosts to you priests, who despise My name.' Yet you ask: 'How have we despised Your name?'

7. तौभी तुम पूछते हो कि हम किस बात में तुझे अशुद्ध ठहराते हैं? इस बात में भी, कि तुम कहते हो, यहोवा की मेज तुच्छ है।
1 कुरिन्थियों 10:21

7. 'By presenting defiled food on My altar.' You ask: 'How have we defiled You?' When you say: 'The LORD's table is contemptible.'

8. जब तुम अन्धे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लंगड़े वा रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले आओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा वा तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।

8. When you present a blind [animal] for sacrifice, is it not wrong? And when you present a lame or sick [animal], is it not wrong? Bring it to your governor! Would he be pleased with you or show you favor?' asks the LORD of Hosts.

9. और अब मैं तुम से कहता हूं, ईश्वर से प्रार्थना करो कि वह हम लोगों पर अनुग्रह करे। यह तुम्हारे हाथ से हुआ है; तब कया तुम समझते हो कि परमेश्वर तुम में से किसी का पक्ष करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

9. 'And now ask for God's favor. Will He be gracious to us? [Since] this has come from your hands, will He show any of you favor?' asks the LORD of Hosts.

10. भला होता कि तुम में से कोई मन्दिर के किवाड़ों को बन्द करता कि तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ आग जलाने न पाते! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है, मैं तुम से कदापि प्रसन्न नहीं हूं, और न तुम्हारे हाथ से भेंट ग्रहण करूंगा।

10. 'I wish one of you would shut the [temple] doors, so you would no longer kindle a useless [fire on] My altar! I am not pleased with you,' says the LORD of Hosts, 'and I will accept no offering from your hands.

11. क्योंकि उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, और हर कहीं मेरे नाम पर धूप और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है; क्योंकि अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, सेनाओं का यही वचन है।
मत्ती 8:11, लूका 13:29, 2 थिस्सलुनीकियों 1:12, प्रकाशितवाक्य 15:4

11. 'For My name will be great among the nations, from the rising of the sun to its setting. Incense and pure offerings will be presented in My name in every place because My name will be great among the nations,' says the LORD of Hosts.

12. परन्तु तुम लोग उसको यह कहकर अपवित्रा ठहराते हो कि यहोवा की मेज अशुद्ध है, और जो भोजनवस्तु उस पर से मिलती है वह भी तुच्छ है।
1 कुरिन्थियों 10:21

12. But you are profaning itwhen you say: 'The Lord's table is defiled, and its product, its food, is contemptible.'

13. फिर तुम यह भी कहते हो, कि यह कैसा बड़ा उपद्रव है! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है। तुम ने उस भोजनवस्तु के प्रति नाक भौं सिकोड़ी, और अत्याचार से प्राप्त किए हुए और लंगड़े और रोगी पशु की भेंट ले आते हो! क्या मैं ऐसी भेंट तुम्हारे हाथ से ग्रहण करूं? यहोवा का यही वचन है।

13. You also say: 'Look, what a nuisance!' 'And you scorn it,' says the LORD of Hosts. 'You bring stolen, lame, or sick animals. You bring this as an offering! Am I to accept that from your hands?' asks the LORD.

14. जिस छली के झुण्ड में नरपशु हो परन्तु वह मन्नत मानकर परमेश्वर को बर्जा हुआ पशु चढ़ाए, वह शापित है; मैं तो महाराजा हूं, और मेरा नाम अन्यजातियों में भययोग्य है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।।

14. 'The deceiver is cursed who has an [acceptable] male in his flock and makes a vow but sacrifices a defective [animal] to the Lord. For I am a great King,' says the LORD of Hosts, 'and My name will be feared among the nations.



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