5. दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरूष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु की नाईं उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है।।
5. Yea also, because he transgresseth by wine, [he is] a proud man, neither keepeth at home, who enlargeth his desire as hell, and [is] as death, and cannot be satisfied, but gathereth to him all nations, and heapeth to him all people: