Leviticus - लैव्यव्यवस्था 6 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

1. And the LORD spoke to Moses, saying:

2. यदि कोई यहोवा का विश्वासघात करके पापी ठहरे, जैसा कि धरोहर, वा लेनदेन, वा लूट के विषय में अपने भाई से छल करे, वा उस पर अन्धेर करे,

2. 'If a person sins and commits a trespass against the LORD by lying to his neighbor about what was delivered to him for safekeeping, or about a pledge, or about a robbery, or if he has extorted from his neighbor,

3. वा पड़ी हुई वस्तु को पाकर उसके विषय झूठ बोले और झूठी शपथ भी खाए; ऐसी कोई भी बात क्यों न हो जिसे करके मनुष्य पापी ठहरते हैं,

3. 'or if he has found what was lost and lies concerning it, and swears falsely -- in any one of these things that a man may do in which he sins:

4. तो जब वह ऐसा काम करके दोषी हो जाए, तब जो भी वस्तु उस ने लूट, वा अन्धेर करके, वा धरोहर, वा पड़ी पाई हो;

4. 'then it shall be, because he has sinned and is guilty, that he shall restore what he has stolen, or the thing which he has extorted, or what was delivered to him for safekeeping, or the lost thing which he found,

5. चाहे कोई वस्तु क्यों न हो जिसके विषय में उस ने झूठी शपथ खाई हो; तो वह उसको पूरा पूरा लौटा दे, और पांचवां भाग भी बढ़ाकर भर दे, जिस दिन यह मालूम हो कि वह दोषी है, उसी दिन वह उस वस्तु को उसके स्वामी को लौटा दे।

5. 'or all that about which he has sworn falsely. He shall restore its full value, add one-fifth more to it, [and] give it to whomever it belongs, on the day of his trespass offering.

6. और वह यहोवा के सम्मुख अपना दोषबलि भी ले आए, अर्थात् एक निर्दोष मेढ़ा दोषबलि के लिये याजक के पास ले आए, वह उतने ही दाम का हो जितना याजक ठहराए।

6. 'And he shall bring his trespass offering to the LORD, a ram without blemish from the flock, with your valuation, as a trespass offering, to the priest.

7. इस प्रकार याजक उसके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे, और जिस काम को करके वह दोषी हो गया है उसकी क्षमा उसे मिलेगी।।

7. 'So the priest shall make atonement for him before the LORD, and he shall be forgiven for any one of these things that he may have done in which he trespasses.'

8. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

8. Then the LORD spoke to Moses, saying,

9. हारून और उसके पुत्रों को आज्ञा देकर यह कह, कि होमबलि की व्यवस्था यह है; अर्थात् होमबलि ईधन के ऊपर रात भर भोर तब वेदी पर पड़ा रहे, और वेदी की अग्नि वेदी पर जलती रहे।

9. 'Command Aaron and his sons, saying, 'This [is] the law of the burnt offering: The burnt offering [shall be] on the hearth upon the altar all night until morning, and the fire of the altar shall be kept burning on it.

10. और याजक अपने सनी के वस्त्रा और अपने तन पर अपनी सनी की जांघिया पहिनकर होमबलि की राख, जो आग के भस्म करने से वेदी पर रह जाए, उसे उठाकर वेदी के पास रखे।

10. 'And the priest shall put on his linen garment, and his linen trousers he shall put on his body, and take up the ashes of the burnt offering which the fire has consumed on the altar, and he shall put them beside the altar.

11. तब वह अपने वस्त्रा उतारकर दूसरे वस्त्रा पहिनकर राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाए।

11. 'Then he shall take off his garments, put on other garments, and carry the ashes outside the camp to a clean place.

12. और वेदी पर अग्नि जलती रहे, और कभी बुझने न पाए; और याजक भोर भोर उस पर लकड़ियां जलाकर होमबलि के टुकड़ों को उसके ऊपर सजाकर धर दे, और उसके ऊपर मेलबलियों की चरबी को जलाया करे।

12. 'And the fire on the altar shall be kept burning on it; it shall not be put out. And the priest shall burn wood on it every morning, and lay the burnt offering in order on it; and he shall burn on it the fat of the peace offerings.

13. वेदी पर आग लगातार जलती रहे; वह कभी बुझने न पाए।।

13. 'A fire shall always be burning on the altar; it shall never go out.

14. अन्नबलि की व्यवस्था इस प्रकार है, कि हारून के पुत्रा उसको वेदी के आगे यहोवा के समीप ले आएं।

14. ' This [is] the law of the grain offering: The sons of Aaron shall offer it on the altar before the LORD.

15. और वह अन्नबलि के तेल मिले हुए मैदे में से मुट्ठी भर और उस पर का सब लोबान उठाकर अन्नबलि के स्मरणार्थ के इस भाग को यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगन्ध के लिये वेदी पर जलाए।

15. 'He shall take from it his handful of the fine flour of the grain offering, with its oil, and all the frankincense which [is] on the grain offering, and shall burn [it] on the altar [for] a sweet aroma, as a memorial to the LORD.

16. और उस में से जो शेष रह जाए उसे हारून और उसके पुत्रा खा जाएं; वह बिना खमीर पवित्रा स्थान में खाया जाए, अर्थात् वे मिलापवाले तम्बू के आंगन में उसे खाएं।
1 कुरिन्थियों 9:13

16. 'And the remainder of it Aaron and his sons shall eat; with unleavened bread it shall be eaten in a holy place; in the court of the tabernacle of meeting they shall eat it.

17. वह खमीर के साथ पकाया न जाए; क्योंकि मैं ने अपने हव्य में से उसको उनका निज भाग होने के लिये उन्हें दिया है; इसलिये जैसा पापबलि और दोषबलि परमपवित्रा है वैसा ही वह भी है।

17. 'It shall not be baked with leaven. I have given it [as] their portion of My offerings made by fire; it [is] most holy, like the sin offering and the trespass offering.

18. हारून के वंश के सब पुरूष उस में से खा सकते हैं तुम्हारी पीढ़ी- पीढ़ी में यहोवा के हवनों में से यह उनका भाग सदैव बना रहेगा; जो कोई उन हवनों को छूए वह पवित्रा ठहरेगा।।

18. 'All the males among the children of Aaron may eat it. [It shall be] a statute forever in your generations concerning the offerings made by fire to the LORD. Everyone who touches them must be holy.' '

19. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

19. And the LORD spoke to Moses, saying,

20. जिस दिन हारून का अभिषेक हो उस दिन वह अपने पुत्रों के साथ यहोवा को यह चढ़ावा चढ़ाए; अर्थात् एपा का दसवां भाग मैदा नित्य अन्नबलि में चढ़ाए, उस में से आधा भोर को और आधा सन्ध्या के समय चढ़ाए।

20. 'This [is] the offering of Aaron and his sons, which they shall offer to the LORD, [beginning] on the day when he is anointed: one-tenth of an ephah of fine flour as a daily grain offering, half of it in the morning and half of it at night.

21. वह तवे पर तेल के साथ पकाया जाए; जब वह तेल से तर हो जाए तब उसे ले आना, इस अन्नबलि के पके हुए टुकडे यहोवा के सुखदायक सुगन्ध के लिये चढ़ाना।

21. 'It shall be made in a pan with oil. [When it is] mixed, you shall bring it in. The baked pieces of the grain offering you shall offer [for] a sweet aroma to the LORD.

22. और उसके पुत्रों में से जो भी उस याजकपद पर अभिषिक्त होगा, वह भी उसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाया करे; यह विधी सदा के लिये है, कि यहोवा के सम्मुख वह सम्पूर्ण चढ़ावा जलाया जाये।

22. 'The priest from among his sons, who is anointed in his place, shall offer it. [It is] a statute forever to the LORD. It shall be wholly burned.

23. याजक के सम्पूर्ण अन्नबलि भी सब जलाए जाएं; वह कभी न खाया जाए।।

23. 'For every grain offering for the priest shall be wholly burned. It shall not be eaten.'

24. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

24. And the LORD spoke to Moses, saying,

25. हारून और उसके पुत्रों से यह कह, कि पापबलि की व्यवस्था यह है; अर्थात् जिस स्थान में होमबलिपशु वध किया जाता है उसी में पापबलिपशु भी यहोवा के सम्मुख बलि किया जाए; वह परमपवित्रा है।

25. 'Speak to Aaron and to his sons, saying, 'This [is] the law of the sin offering: In the place where the burnt offering is killed, the sin offering shall be killed before the LORD. It [is] most holy.

26. और जो याजक पापबलि चढ़ावे वह उसे खाए; वह पवित्रा स्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए।
1 कुरिन्थियों 9:13

26. 'The priest who offers it for sin shall eat it. In a holy place it shall be eaten, in the court of the tabernacle of meeting.

27. जो कुछ उसके मांस से छू जाए, वह पवित्रा ठहरेगा; और यदि उसके लोहू के छींटे किसी वस्त्रा पर पड़ जाएं, तो उसे किसी पवित्रास्थान में धो देना।

27. 'Everyone who touches its flesh must be holy. And when its blood is sprinkled on any garment, you shall wash that on which it was sprinkled, in a holy place.

28. और वह मिट्टी का पात्रा जिस में वह पकाया गया हो तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के पात्रा में सिझाया गया हो, तो वह मांजा जाए, और जल से धो लिया जाए।

28. 'But the earthen vessel in which it is boiled shall be broken. And if it is boiled in a bronze pot, it shall be both scoured and rinsed in water.

29. और याजकों में से सब पुरूष उसे खा सकते हैं;

29. 'All the males among the priests may eat it. It [is] most holy.

30. पर जिस पापबलिपशु के लोहू में से कुछ भी खून मिलापवाले तम्बू के भीतर पवित्रास्थान में प्रायश्चित्त करने को पहुंचाया जाए तब तो उसका मांस कभी न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए।।

30. 'But no sin offering from which [any] of the blood is brought into the tabernacle of meeting, to make atonement in the holy [place,] shall be eaten. It shall be burned in the fire.



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