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1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
1. আর সদাপ্রভু মোশিকে কহিলেন,
2. इस्त्राएलियों को यह आज्ञा दे, कि मेरे पास उजियाला देने के लिये कूट के निकाला हुआ जलपाई का निर्मल तेल ले आना, कि दीपक नित्य जलता रहे।
2. তুমি ইস্রায়েল-সন্তানগণকে এই আজ্ঞা কর; তাহারা আলোর জন্য তোমার নিকটে উখলিতে প্রস্তুত নির্ম্মল জিততৈল আনিবে, তদ্দ্বারা নিয়ত প্রদীপ জ্বালান থাকিবে।
3. हारून उसको, बीचवाले तम्बू में, साक्षीपत्रा के बीचवाले पर्दे से बाहर, यहोवा के साम्हने नित्य सांझ से भोर तक सजाकर रखे; यह तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी के लिये सदा की विधि ठहरे।
3. হারোণ সমাগম-তাম্বুর মধ্যে সাক্ষ্য-সিন্দুকের তিরস্করিণীর বাহিরে সন্ধ্যা অবধি প্রভাত পর্য্যন্ত সদাপ্রভুর সম্মুখে নিয়ত তাহা সাজাইয়া রাখিবে; ইহা তোমাদের পুরুষানুক্রমে পালনীয় চিরস্থায়ী বিধি।
4. वह दीपकों के स्वच्छ दीवट पर यहोवा के साम्हने नित्य सजाया करे।।
4. সে নির্ম্মল দীপবৃক্ষের উপরে সদাপ্রভুর সম্মুখে নিয়ত ঐ প্রদীপ সকল সাজাইয়া রাখিবে।
5. और तू मैदा लेकर बारह रोटियां पकवाना, प्रत्येक रोटी में एपा का दो दसवां अंश मैदा हो।मत्ती 12:4, मरकुस 2:26, लूका 6:4
5. আর তুমি সূক্ষ্ম সূজি লইয়া বারখানি পিষ্টক পাক করিবে; তাহার প্রত্যেক পিষ্টক [এক ঐফার] দুই দশমাংশ হইবে।
6. तब उनकी दो पांति करके, एक एक पांति में छ: छ: रोटियां, स्वच्छ मेज पर यहोवा के साम्हने धरना।
6. পরে তুমি এক এক পংক্তিতে ছয় ছয়খানি, এইরূপে দুই পংক্তি করিয়া সদাপ্রভুর সম্মুখে নির্ম্মল মেজের উপরে তাহা রাখিবে।
7. और एक एक पांति पर चोखा लोबान रखना, कि वह रोटी पर स्मरण दिलानेवाला वस्तु और यहोवा के लिये हव्य हो।
7. প্রত্যেক পংক্তির উপরে বিশুদ্ধ কুন্দুরু দিবে; তাহা সেই রুটীর স্মরণার্থক অংশ বলিয়া সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিকৃত উপহার হইবে।
8. प्रति विश्रामदिन को वह उसे नित्य यहोवा के सम्मुख क्रम से रखा करे, यह सदा की वाचा की रीति इस्त्राएलियों की ओर से हुआ करे।
8. যাজক নিয়ত প্রতি বিশ্রামবারে সদাপ্রভুর সম্মুখে তাহা সাজাইয়া রাখিবে, তাহা ইস্রায়েল-সন্তানগণের পক্ষে চিরস্থায়ী নিয়ম।
9. और वह हारून और उसके पुत्रों की होंगी, और वे उसको किसी पवित्रा स्थान में खाएं, क्योंकि वह यहोवा के हव्यों में से सदा की विधि के अनुसार हारून के लिये परमपवित्रा वस्तु ठहरी है।।
9. আর তাহা হারোণের ও তাহার পুত্রগণের হইবে; তাহারা কোন পবিত্র স্থানে তাহা ভোজন করিবে; কেননা সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিকৃত উপহারের মধ্যে তাহা তাহার জন্য অতি পবিত্র; এ চিরস্থায়ী বিধি।
10. उन दिनों में किसी इस्त्राएली स्त्री का बेटा, जिसका पिता मिद्दी पुरूष था, इस्त्राएलियों के बीच चला गया; और वह इस्त्राएली स्त्री का बेटा और एक इस्त्राएली पुरूष छावनी के बीच आपस में मारपीट करने लगे,
10. আর ইস্রায়েলীয়েরা স্ত্রীর, কিন্তু মিস্রীয় পুরুষের এক পুত্র বাহির হইয়া ইস্রায়েল-সন্তানদের মধ্যে গেল, এবং শিবিরের মধ্যে সেই ইস্রায়েলীয়া স্ত্রীর পুত্র ও ইস্রায়েলের কোন পুরুষ বিবাদ করিল।
11. और वह इस्त्राएली स्त्री का बेटा यहोवा के नाम की निन्दा करके शाप देने लगा। यह सुनकर लोग उसको मूसा के पास ले गए। उसकी माता का नाम शलोमीत था, जो दान के गोत्रा के दिब्री की बेटी थी।
11. তখন সেই ইস্রায়েলীরা স্ত্রীর পুত্র [সদাপ্রভুর] নামের নিন্দা করিয়া শাপ দিল, তাহাতে লোকেরা তাহাকে মোশির নিকটে লইয়া গেল। তাহার মাতার নাম শালোমীৎ, সে দান-বংশীয় দিব্রির কন্যা।
12. उन्हों ने उसको हवालात में बन्द किया, जिस से यहोवा की आज्ञा से इस बात पर विचार किया जाए।।
12. লোকেরা সদাপ্রভুর মুখে স্পষ্ট আদেশ পাইবার অপেক্ষায় তাহাকে রুদ্ধ করিয়া রাখিল।
13. तब यहोवा ने मूसा से कहा,
13. পরে সদাপ্রভু মোশিকে কহিলেন,
14. तुम लोग उस शाप देने वाले को छावनी से बाहर लिवा ले जाओ; और जितनों ने वह निन्दा सुनी हो वे सब अपने अपने हाथ उसके सिर पर टेकें, तब सारी मण्डली के लोग उसको पत्थरवाह करें।
14. তুমি ঐ শাপদায়ীকে শিবিরের বাহিরে লইয়া যাও; পরে যাহারা তাহার কথা শুনিয়াছে, তাহারা সকলে তাহার মস্তকে হস্তার্পণ করুক, এবং সমস্ত মণ্ডলী প্রস্তরাঘাতে তাহাকে বধ করুক।
15. और तू इस्त्राएलियों से कह, कि कोई क्यों न हो जो अपने परमेश्वर को शाप दे उसे अपने पाप का भार उठाना पड़ेगा।
15. আর তুমি ইস্রায়েল-সন্তানগণকে বল, যে কেহ আপন ঈশ্বরকে শাপ দেয়, সে আপন পাপ বহন করিবে।
16. यहोवा के नाम की निन्दा करनेवाला निश्चय मार डाला जाए; सारी मण्डली के लोग निश्चय उसको पत्थरवाह करें; चाहे देशी हो चाहे परदेशी, यदि कोई उस नाम की निन्दा करें तो वह मार डाला जाए।मत्ती 26:65-66, मरकुस 14:64, यूहन्ना 10:33, यूहन्ना 19:7
16. আর যে সদাপ্রভুর নামের নিন্দা করে, তাহার প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে; সমস্ত মণ্ডলী তাহাকে প্রস্তরাঘাতে বধ করিবে; বিদেশীয় হউক বা স্বদেশীয় হউক, সেই নামের নিন্দা করিলে উহার প্রাণদণ্ড হইবে।
17. फिर जो कोई किसी मनुष्य को प्राण से मारे वह निश्चय मार डाला जाए।मत्ती 5:21
17. আর যে কেহ কোন মনুষ্যকে বধ করে, তাহার প্রাণদণ্ড অবশ্য হইবে;
18. और जो कोई किसी घरेलू पशु को प्राण से मारे वह उसे भर दे, अर्थात् प्राणी की सन्ती प्राणी दे।
18. আর যে কেহ পশু বধ করে, সে তাহার শোধ দিবে; প্রাণের পরিশোধে প্রাণ।
19. फिर यदि कोई किसी दूसरे को चोट पहुंचाए, तो जैसा उस ने किया हो वैसा ही उसके साथ भी किया जाए,
19. যদি কেহ স্বজাতীয়ের গাত্রে ক্ষত করে, তবে সে যেমন করিয়াছে, তাহার প্রতি তেমনি করা যাইবে।
20. अर्थात् अंग भंग करने की सन्ती अंग भंग किया जाए, आंख की सन्ती आंख, दांत की सन्ती दांत, जैसी चोट जिस ने किसी को पहुंचाई हो वैसी ही उसको भी पहुंचाई जाए।मत्ती 5:38
20. ভঙ্গের পরিশোধে ভঙ্গ, চক্ষুর পরিশোধে চক্ষু, দন্তের পরিশোধে দন্ত; মনুষ্যের যে যেমন ক্ষত করে, তাহার প্রতি তেমনি করা যাইবে।
21. और पशु का मार डालनेवाला उसको भर दे, परन्तु मनुष्य का मार डालनेवाला मार डाला जाए।
21. যে জন পশু বধ করে, সে তাহার শোধ দিবে; কিন্তু যে জন মনুষ্যকে বধ করে, তাহার প্রাণদণ্ড হইবে।
22. तुम्हारा नियम एक ही हो, जैसा देशी के लिये वैसा ही परदेशी के लिये भी हो; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
22. তোমাদের স্বদেশীয় ও বিদেশীয় উভয়েরই জন্য একরূপ শাসন হইবে; কেননা আমি সদাপ্রভু তোমাদের ঈশ্বর।
23. और मूसा ने इस्त्राएलियों को यही समझाया; तब उन्हों ने उस शाप देनेवाले को छावनी से बाहर ले जाकर उसको पत्थरवाह किया। और इस्त्राएलियों ने वैसा ही किया जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।।
23. পরে মোশি ইস্রায়েল-সন্তানগণকে এই কথা বলিলেন, তাহাতে তাহারা সেই শাপদায়ীকে শিবিরের বাহিরে লইয়া গিয়া প্রস্তরাঘাতে বধ করিল; মোশিকে সদাপ্রভু যেমন আজ্ঞা দিয়াছিলেন, ইস্রায়েল-সন্তানগণ সেইরূপ করিল।