3. अश्शूर हमारा उद्धार न करेगा, हम घोड़ों पर सवार न होंगे; और न हम फिर अपनी बनाई हुई वस्तुओं से कहेंगे, तुम हमारे ईश्वर हो; क्योंकि अनाथ पर तू ही दया करता है।।
3. Take with you words, and return to the LORD; Say to him, 'Forgive all iniquity, and receive what is good, that we may render as offerings the bullocks from our stalls.