19. तब मेरे मन में यह इच्छा हुई की उस चौथे जन्तु का भेद भी जान लूं जो और तीनों से भिन्न और अति भयंकर था और जिसके दांत लोहे के और नख पीतल के थे; वह सब कुछ खा डालता, और चूर चूर करता, और बचे हुए को पैरों से रौंद डालता था।
19. After this, I woulde knowe the trueth of the fourth beast, which was so vnlike to all the others, very fearefull, whose teeth were of yron, and his nailes of brasse: which deuoured, brake in pieces, and stamped the residue vnder his feete.