Daniel - दानिय्येल 12 | View All

1. उसी समय मीकाएल नाम बड़ा प्रधान, जो तेरे जाति- भाइयों का पक्ष करने को खड़ा रहता है, वह उठेगा। तब ऐसे संकट का समय होगा, जैसा किसी जाति के उत्पन्न होने के समय से लेकर अब तक कभी न हुआ होगा; परन्तु उस समय तेरे लोगों में से जितनों के नाम परमेश्वर की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वे बच निकलेंगे।
मत्ती 24:21, मरकुस 13:19, फिलिप्पियों 4:3, यहूदा 1:9, प्रकाशितवाक्य 3:5, प्रकाशितवाक्य 7:14, प्रकाशितवाक्य 12:7, प्रकाशितवाक्य 13:8, प्रकाशितवाक्य 16:18, प्रकाशितवाक्य 17:8, प्रकाशितवाक्य 20:12-15, प्रकाशितवाक्य 21:27

1. ಆ ಕಾಲದಲ್ಲಿ ನಿನ್ನ ಜನರ ಮಕ್ಕಳಿಗೋಸ್ಕರ ನಿಲ್ಲುವ ಮಹಾಪ್ರಧಾನನಾದ ವಿಾಕಾ ಯೇಲನು ಏಳುವನು; ಮೊಟ್ಟಮೊದಲು ಜನಾಂಗ ಉಂಟಾದಂದಿನಿಂದ ಇಂದಿನ ವರೆಗೂ ಸಂಭವಿಸದಂತ ಸಂಕಟವು ಸಂಭವಿಸುವದು. ಆಗ ನಿನ್ನ ಜನರೊಳಗೆ ಅಂದರೆ ಜೀವಬಾಧ್ಯರ ಪಟ್ಟಿಯಲ್ಲಿ ಯಾರ ಹೆಸರು ಬರೆಯಲ್ಪಟ್ಟಿದೆಯೋ ಅವರೆಲ್ಲರೂ ಬಿಡುಗಡೆಯಾಗು ವರು.

2. और जो भूमि के नीचे सोए रहेंगे उन में से बहुत से लोग जाग उठेंगे, कितने तो सदा के जीवन के लिये, और कितने अपनी नामधराई और सदा तक अत्यन्त घिनौने ठहरने के लिये।
मत्ती 25:46, यूहन्ना 5:29, यूहन्ना 11:24, प्रेरितों के काम 24:15

2. ಭೂಮಿಯ ಧೂಳಿನೊಳಗೆ ನಿದ್ರೆಮಾಡುವವ ರಲ್ಲಿ ಅನೇಕರು ಎಚ್ಚತ್ತು ಕೆಲವರು ನಿತ್ಯಜೀವವನ್ನೂ ಕೆಲವರು ನಿತ್ಯ ನಾಚಿಕೆಗಳನ್ನೂ ಅನುಭವಿಸುವರು.

3. तब सिखानेवालों की चमक आकाशमण्डल की सी होगी, और जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा की नाईं प्रकाशमान रहेंगे।
मत्ती 13:43, इफिसियों 2:15

3. ಬುದ್ಧಿವಂತರಾದವರು ಆಕಾಶದ ಕಾಂತಿಯ ಹಾಗೆ ಯೂ ಅನೇಕರನ್ನು ನೀತಿಯ ಕಡೆಗೆ ತಿರುಗಿಸಿದ ವರು ನಕ್ಷತ್ರಗಳ ಹಾಗೆಯೂ ಎಂದೆಂದಿಗೂ ಪ್ರಕಾಶಿಸು ವರು;

4. परन्तु हे दानिरयेल, तू इस पुस्तक पर मुहर करके इन वचनों को अन्त समय तक के लिये बन्द रख। और बहुत लोग पूछ- पाछ और ढूंढ- ढांढ करेंगे, और इस से ज्ञान बढ़ भी जाएगा।।
प्रकाशितवाक्य 10:4, प्रकाशितवाक्य 22:10

4. ಆದರೆ ಓ ದಾನಿಯೇಲನೇ, ನೀನು ಅಂತ್ಯ ಕಾಲದ ವರೆಗೂ ಈ ಮಾತುಗಳನ್ನು ಮುಚ್ಚಿಡು; ಅವುಗಳನ್ನು ಬರೆಯುವ ಆ ಗ್ರಂಥಕ್ಕೆ ಮುದ್ರೆಹಾಕು; ಅನೇಕರು ಅತ್ತಿತ್ತ ಓಡಾಡುವರು ಮತ್ತು ಜ್ಞಾನವು ಹೆಚ್ಚಾಗುವದು ಎಂದು ಹೇಳಿದನು.

5. यह सब सुन, मुझ दानिरयेल ने दृष्टि करके क्या देखा कि और दो पुरूष खड़ें हैं, एक तो नदी के इस तीर पर, और दूसरा नदी के उस तीर पर है।

5. ಆಗ ದಾನಿಯೇಲನೆಂಬ ನಾನು ನೋಡಿದೆನು; ಇಗೋ, ಬೇರೆ ಇಬ್ಬರಲ್ಲಿ ಒಬ್ಬನು ನದಿಯ ತೀರದ ಈ ಕೊನೆಗೂ ಮತ್ತೊಬ್ಬನು ನದಿಯ ತೀರದ ಆ ಕೊನೆಗೂ ನಿಂತಿದ್ದರು.

6. यह सब सुन, मुझ दानिरयेल ने दृष्टि करके क्या देशा कि और दो पुरूष खड़ें हैं, एक तो नदी के इस तीर पर, और दूसरा नदी के उस तीर पर है।

6. ಅವರು ನದಿಯ ನೀರಿನ ಮೇಲೆ ನಿಂತು ನಾರು ಬಟ್ಟೆಯನ್ನು ಧರಿಸಿದ್ದ ಒಬ್ಬನಿಗೆ ಇನ್ನೊಬ್ಬನು ಹೇಳಿದ್ದೇನಂದರೆ--ಈ ಆಶ್ಚರ್ಯದ ಅಂತ್ಯವು ಎಷ್ಟರ ವರೆಗೆ ಇರುವದು ಎಂದು ಅಂದಾಗ

7. तब जो पुरूष सन का वस्त्रा पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उस से उन पुरूषों में से एक ने पूछा, इन आश्चर्यकर्मों का अन्त कब तक होगा?
लूका 21:24, प्रकाशितवाक्य 4:9, प्रकाशितवाक्य 10:5, प्रकाशितवाक्य 12:14

7. ನದಿಯ ನೀರಿನ ಮೇಲೆ ನಿಂತು ನಾರು ಬಟ್ಟೆಯನ್ನು ಧರಿಸಿ ನಿಂತಿದ್ದ ಮನುಷ್ಯನು ತನ್ನ ಎಡಗೈಯನ್ನೂ ಬಲಗೈಯನ್ನೂ ಆಕಾಶದ ಕಡೆಗೆ ಎತ್ತಿ ಸದಾಕಾಲ ಜೀವಂತವಾಗಿರುವಾತನ ಮೇಲೆ ಆಣೆ ಇಟ್ಟು--ಅದು ಕಾಲ, ಕಾಲಗಳು, ಅರ್ಧಕಾಲ ಇರುವದೆಂದೂ ಆತನು ಪರಿಶುದ್ಧ ಜನರ ಬಲವನ್ನು ಚದರಿಸಿದ ಮೇಲೆ ಇವೆಲ್ಲವುಗಳು ಈಡೇರುವವೆಂದೂ ಅಂದದ್ದನ್ನು ನಾನು ಕೇಳಿದೆನು.

8. तब जो पुरूष सन का वस्त्रा पहिने हुए नदी के जल के ऊपर था, उस ने मेरे सुनते दहिना और बांया अपने दोनों हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर, सदा जीवित रहनेवाले की शपथ खाकर कहा, यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी; और जब पवित्रा प्रजा की शक्ति टूटते टूटते समाप्त हो जाएगी, तब ये बातें पूरी होंगी।

8. ಆದರೆ ಗ್ರಹಿಸಲಿಲ್ಲ; ಆಗ ನಾನು--ಓ ನನ್ನ ಕರ್ತನೇ, ಈ ಸಂಗತಿಗಳ ಅಂತ್ಯವೇನು ಎಂದು ಕೇಳಿದೆನು.

9. उस ने कहा, हे दानिरयेल चला जा; क्योंकि ये बातें अन्तसमय के लिये बन्द हैं और इन पर मुहर दी हुई है।
प्रकाशितवाक्य 10:4

9. ದಾನಿಯೇಲನೇ, ನಿನ್ನ ದಾರಿಯಲ್ಲಿ ಹೋಗು; ಈ ಮಾತುಗಳು ಅಂತ್ಯಕಾಲದ ವರೆಗೂ ಮುಚ್ಚಲ್ಪಟ್ಟು ಮುದ್ರೆ ಹಾಕಲ್ಪ ಟ್ಟಿವೆ.

10. बहुत लोग तो अपने अपने को निर्मल और उजले करेंगे, और स्वच्छ हो जाएंगे; परन्तु दुष्ट लोग दुष्टता ही करते रहेंगे; और दुष्टों में से कोई ये बातें न समझेगा; परन्तु जो बुद्धिमान है वे ही समझेंगे।

10. ಅನೇಕರು ಇನ್ನು ಶುದ್ಧಮಾಡಲ್ಪಟ್ಟು, ಶುಭ್ರ ಮಾಡಲ್ಪಟ್ಟು, ಶೋಧಿಸಲ್ಪಟ್ಟಿರುವರು; ಆದರೆ ಕೆಟ್ಟವರು ಕೆಟ್ಟದ್ದನ್ನೇ ಮಾಡುವರು; ಕೆಟ್ಟವರಲ್ಲಿ ಅದನ್ನು ಒಬ್ಬನೂ ಅರ್ಥ ಮಾಡಿಕೊಳ್ಳುವದಿಲ್ಲ; ಆದರೆ ಬುದ್ಧಿವಂತರು ಅರ್ಥ ಮಾಡಿಕೊಳ್ಳುವರು.

11. और जब से नित्य होमबलि उठाई जाएगी, और वह घिनौनी वस्तु जो उजाड़ करा देती है, स्थापित की जाएगी, तब से बारह सौ नब्बे दिन बीतेंगे।
मत्ती 24:15, मरकुस 13:14

11. ಪ್ರತಿದಿನದ ಯಜ್ಞವು ಸಕಾಲಕ್ಕೆ ತೆಗೆದುಹಾಕಲ್ಪಟ್ಟು ಹಾಳುಮಾಡುವಂಥ ಅಸಹ್ಯವು ಇರಿಸಲ್ಪಡುವ ವರೆಗೂ ಸಾವಿರದ ಇನ್ನೂರ ತೊಂಭತ್ತೊಂಭತ್ತು ದಿನಗಳು ಇರುವವು.

12. क्या ही धन्य है वह, जो धीरज धरकर तेरह सौ पैंतीस दिन के अन्त तक भी पहुंचे।
याकूब 5:11

12. ಸಾವಿರದ ಮುನ್ನೂರ ಮೂವತ್ತೈದು ದಿನಗಳು ಬರುವ ವರೆಗೆ ಕಾದಿರುವವನೇ ಭಾಗ್ಯವಂತನು.ಆದರೆ ನೀನು ಅಂತ್ಯದ ವರೆಗೂ ಹೋಗು; ಯಾಕಂದರೆ ನೀನು ವಿಶ್ರಮಿಸಿಕೊಳ್ಳುವಿ ಮತ್ತು ದಿನಗಳ ಅಂತ್ಯದಲ್ಲಿ ನಿನ್ನ ಭಾಗದಲ್ಲಿ ನಿಲ್ಲುವಿ (ಎಂದು ಹೇಳಿದನು.)

13. अब तू जाकर अन्त तक ठहरा रह; और तू विश्राम करता रहेगा; और उन दिनों के अन्त में तू अपने निज भाग पर खड़ा होगा।।

13. ಆದರೆ ನೀನು ಅಂತ್ಯದ ವರೆಗೂ ಹೋಗು; ಯಾಕಂದರೆ ನೀನು ವಿಶ್ರಮಿಸಿಕೊಳ್ಳುವಿ ಮತ್ತು ದಿನಗಳ ಅಂತ್ಯದಲ್ಲಿ ನಿನ್ನ ಭಾಗದಲ್ಲಿ ನಿಲ್ಲುವಿ (ಎಂದು ಹೇಳಿದನು.)



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