21. और जो भाग रह जाए, वह प्रधान को मिले। पवित्रा अर्पण किए हुए भाग की, और नगर की विशेष भूमि की दोनों ओर अर्थात् उनकी पूर्व और पच्छिम अलंगों के पच्चीस पच्चीस हजार बांस की चौड़ाई के पास, जो ओर गोत्रों के भागों के पास रहे, वह प्रधान को मिले। और अर्पण किया हुआ पवित्रा भाग और भवन का पवित्रास्थान उनके बीच में हो।
21. And the residue [shall be] for the prince, on the one side and on the other of the holy lot, and of the possession of the city, over against the twenty-five thousand [reeds] of the [holy] lot unto the east border, and westward over against the twenty-five thousand unto the west border, over against the [said] portions shall be of the prince; and it shall be a holy lot; and the sanctuary of the house [shall be] in the midst thereof.