Ezekiel - यहेजकेल 33 | View All

1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

1. Once again a message came to me from the LORD:

2. हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से कह, जब मैं किसी देश पर तलवार चलाने लगूं, और उस देश के लोग किसी को अपना पहरूआ करके ठहराएं,

2. 'Son of man, give your people this message: 'When I bring an army against a country, the people of that land choose one of their own to be a watchman.

3. तब यदि वह यह देखकर कि इस देश पर तलवार चला चाहती है, नरसिंगा फूंककर लोगों को चिता दे,

3. When the watchman sees the enemy coming, he sounds the alarm to warn the people.

4. तो जो कोई नरसिंगे का शब्द सुनने पर न चेते और तलवार के चलने से मर जाए, उसका खून उसी के सिर पड़ेगा।

4. Then if those who hear the alarm refuse to take action, it is their own fault if they die.

5. उस ने नरसिंगे का शब्द सुना, परनतु न चेता; सो उसका खून उसी को लगेगा। परन्तु, यदि वह चेत जाता, तो अपना प्राण बचा लेता।
मत्ती 27:25

5. They heard the alarm but ignored it, so the responsibility is theirs. If they had listened to the warning, they could have saved their lives.

6. परन्तु यदि पहरूआ यह देखने पर कि तलवार चला चाहती है नरसिंगा फूंककर लोगों को न चिताए, और तलवार के चलने से उन में से कोई मर जाए, तो वह तो अपने अधर्म में फंसा हुआ मर जाएगा, परन्तु उसके खुन का लेखा मैं पहरूए ही से लूंगा।

6. But if the watchman sees the enemy coming and doesn't sound the alarm to warn the people, he is responsible for their captivity. They will die in their sins, but I will hold the watchman responsible for their deaths.'

7. इसलिये, हे मनुष्य के सन्तान, मैं ने तुझे इस्राएल के घराने का पहरूआ ठहरा दिया है; तु मेरे मुंह से वचन सुन सुनकर उन्हों मेरी ओर से चिता दे।

7. 'Now, son of man, I am making you a watchman for the people of Israel. Therefore, listen to what I say and warn them for me.

8. यदि मैं दुष्ट से कहूं, हे दुष्ट, तू निश्चय मरेगा, तब यदि तू दुष्ट को उसके मार्ग के विषय न चिताए, तो वह दुष्ट अपने अधर्म में फंसा हुआ मरेगा, परन्तु उसके खून का लेखा में तुझी से लूंगा।

8. If I announce that some wicked people are sure to die and you fail to tell them to change their ways, then they will die in their sins, and I will hold you responsible for their deaths.

9. परन्तु यदि तू दुष्ट को उसके मार्ग के विषय चिताए कि वह अपने मार्ग से फिरे और वह अपने मार्ग मे न फिरे, तो वह तो अपने अधर्म में फंसा हुआ मरेगा, परन्तु तू अपना प्राण बचा लेगा।

9. But if you warn them to repent and they don't repent, they will die in their sins, but you will have saved yourself.

10. फिर हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के घराने से यह कह, तुम लोग कहते हो, हमारे अपराधों और पापों का भार हमारे ऊपर लदा हुआ है और हम उसके कारण गलते जाते हैं; हम कैसे जीवित रहें?

10. 'Son of man, give the people of Israel this message: You are saying, 'Our sins are heavy upon us; we are wasting away! How can we survive?'

11. सो तू ने उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे; हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो?

11. As surely as I live, says the Sovereign LORD, I take no pleasure in the death of wicked people. I only want them to turn from their wicked ways so they can live. Turn! Turn from your wickedness, O people of Israel! Why should you die?

12. और हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से यह कह, जब धम जन अपराध करे तब उसका धर्म उसे बचा न सकेगा; और दुष्ट की दुष्टता भी जो हो, जब वह उस से फिर जाए, तो उसके कारण वह न गिरेगा; और धम जन जब वह पाप करे, तब अपने धर्म के कारण जीवित न रहेगा।

12. 'Son of man, give your people this message: The righteous behavior of righteous people will not save them if they turn to sin, nor will the wicked behavior of wicked people destroy them if they repent and turn from their sins.

13. यदि मैं धम से कहूं कि तू निश्चय जीवित रहेगा, और वह अपने धर्म पर भरोसा करके कुटिल काम करने लगे, तब उसके धर्म के कामों में से किसी का स्मरण न किया जाएगा; जो कुटिल काम उस ने किए हों वह उन्ही में फंसा हुआ मरेगा।

13. When I tell righteous people that they will live, but then they sin, expecting their past righteousness to save them, then none of their righteous acts will be remembered. I will destroy them for their sins.

14. फिर जब मैं दुष्ट से कहूं, तू दिश्चय मरेगा, और वह अपने पाप से फिरकर न्याय और धर्म के काम करने लगे,

14. And suppose I tell some wicked people that they will surely die, but then they turn from their sins and do what is just and right.

15. अर्थात् यदि दुष्ट जन बन्धक फेर दे, अपनी लूटी हुई वस्तुएं भर दे, और बिना कुटिल काम किए जीवनदायक विधियों पर चलने लगे, तो वह न मरेगा; वह निश्चय जीवित रहेगा।

15. For instance, they might give back a debtor's security, return what they have stolen, and obey my life-giving laws, no longer doing what is evil. If they do this, then they will surely live and not die.

16. जितने पाप उस ने किए हों, उन में से किसी का स्मरण न किया जाएगा; उस ने न्याय और धर्म के काम किए और वह निश्चय जीवित रहेगा।

16. None of their past sins will be brought up again, for they have done what is just and right, and they will surely live.

17. तौभी तुम्हारे लोग कहते हैं, प्रभु की चाल ठीक नहीं; परन्तु उन्हीं की चाज ठीक नहीं है।

17. 'Your people are saying, 'The Lord isn't doing what's right,' but it is they who are not doing what's right.

18. जब धम अपने धर्म से फिरकर कुटिल काम करने लगे, तब निश्चय वह उन में फंसा हुआ मर जाएगा।

18. For again I say, when righteous people turn away from their righteous behavior and turn to evil, they will die.

19. और जब दुष्ट अपनी दुष्टता से फिरकर न्याय और धर्म के काम करने लगे, तब वह उनके कारण जीवित रहेगा।

19. But if wicked people turn from their wickedness and do what is just and right, they will live.

20. तौभी तुम कहते हो कि प्रभु की चाल ठीक नहीं? हे इस्राएल के घराने, मैं हर एक व्यक्ति का न्याय उसकी चाल ही के अनुसार करूंगा।

20. O people of Israel, you are saying, 'The Lord isn't doing what's right.' But I judge each of you according to your deeds.'

21. फिर हमारी बंधुआई के ग्यारहवें वर्ष के दसवें महीने के पांचवें दिन को, एक व्यक्ति जो यरूशलेम से भागकर बच गया था, वह मेरे पास आकर कहने लगा, नगर ले लिया गया।

21. On January 8, during the twelfth year of our captivity, a survivor from Jerusalem came to me and said, 'The city has fallen!'

22. उस भागे हुए के आने से पहिले सांझ को यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई थी; और भोर तक अर्थात् उस मनुष्य के आने तक उस ने मेरा मुंह खोल दिया; यो मेरा मुह खुला ही रहा, और मैं फिर गूंगा न रहा।

22. The previous evening the LORD had taken hold of me and given me back my voice. So I was able to speak when this man arrived the next morning.

23. तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

23. Then this message came to me from the LORD:

24. हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल की भूमि के उन खण्डहरों के रहनेवाले यह कहते हैं, इब्राहीम एक ही मनुष्य था, तौभी देश का अधिकारी हुआ; परन्तु हम लोग बहुत से हैं, इसलिये देश निश्चय हमारे ही अधिकार में दिया गया है।

24. 'Son of man, the scattered remnants of Judah living among the ruined cities keep saying, 'Abraham was only one man, yet he gained possession of the entire land. We are many; surely the land has been given to us as a possession.'

25. इस कारण तू उन से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, तुम लोग तो मांस लोहू समेत खाते और अपनी मूरतों की ओर दृष्टि करते, और हत्या करते हो; फिर क्या तुम उस देश के अधिकारी रहने पाओगे?

25. So tell these people, 'This is what the Sovereign LORD says: You eat meat with blood in it, you worship idols, and you murder the innocent. Do you really think the land should be yours?

26. तुम अपनी अपनी तलवार पर भरोसा करते और घिनौने काम करते, और अपने अपने पड़ोसी की स्त्री को अशुद्ध करते हो; फिर क्या तुम उस देश के अधिकारी रहने पाओगे?

26. Murderers! Idolaters! Adulterers! Should the land belong to you?'

27. तू उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मेरे जीवन की सौगन्ध, निेसन्देह जो लोग खण्डहरों में रहते हैं, वे तलवार से गिरेंगे, और जो खुले मैदान में रहता है, उसे मैं जीवजन्तुओं का आहार कर दूंगा, और जो गढ़ों और गुफाओं में रहते हैं, वे मरी से मरेंगे।
प्रकाशितवाक्य 6:8

27. 'Say to them, 'This is what the Sovereign LORD says: As surely as I live, those living in the ruins will die by the sword. And I will send wild animals to eat those living in the open fields. Those hiding in the forts and caves will die of disease.

28. और मैं उस देश को उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा; और उसके बल का घमण्ड जाता रहेगा; और इस्राएल के पहाड़ ऐसे उजड़ेंगे कि उन पर होकर कोई न चलेगा।

28. I will completely destroy the land and demolish her pride. Her arrogant power will come to an end. The mountains of Israel will be so desolate that no one will even travel through them.

29. सो जब मैं उन लोगों के किए हुए सब घिनौने कामों के कारण उस देश को उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

29. When I have completely destroyed the land because of their detestable sins, then they will know that I am the LORD.'

30. और हे मनुष्य के सन्तान, तेरे लोग भीतों के पास और घरों के द्वारों में तेरे विषय में बातें करते और एक दूसरे से कहते हैं, आओ, सुनो, कि यहोवा की ओर से कौन सा वचन निकलता है।

30. 'Son of man, your people talk about you in their houses and whisper about you at the doors. They say to each other, 'Come on, let's go hear the prophet tell us what the LORD is saying!'

31.

31. So my people come pretending to be sincere and sit before you. They listen to your words, but they have no intention of doing what you say. Their mouths are full of lustful words, and their hearts seek only after money.

32. वे प्रजा की नाई तेरे पास आते और मेरी प्रजा बनकर तेरे साम्हने बैठकर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुंह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है।

32. You are very entertaining to them, like someone who sings love songs with a beautiful voice or plays fine music on an instrument. They hear what you say, but they don't act on it!

33. और तू उनकी दृष्टि में प्रेम के मधुर गीत गानेवाले और अच्छे बजानेवाले का सा ठहरा है, क्योंकि वे तेरे वचन सुनते तो है, परन्तु उन पर चलते नहीं।

33. But when all these terrible things happen to them-- as they certainly will-- then they will know a prophet has been among them.'



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