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1. तब आत्मा ने मुझे उठाकर यहोवा के भवन के पूव फाटक के पास जिसका मुंह पूव दिशा की ओर है, पहुंचा दिया; और वहां मैं ने क्या देखा, कि फाटक ही में पच्चीस पुरूष हैं। और मैं ने उनके बीच अज्जूर के पुत्रा याजन्याह को और बनायाह के पुत्रा पलत्याह को देखा, जो प्रजा के प्रधान थे।
1. Moreover, the Spirit lifted me up and brought me to the east gate of the LORD'S house which faced eastward. And behold, [there were] twenty-five men at the entrance of the gate, and among them I saw Jaazaniah son of Azzur and Pelatiah son of Benaiah, leaders of the people.
2. तब उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, जो मनुष्य इस नगर में अनर्थ कल्पना और बुरी युक्ति करते हैं वे ये ही हैं।
2. He said to me, 'Son of man, these are the men who devise iniquity and give evil advice in this city,
3. ये कहते हैं, घर बनाने का समय निकट नहीं, यह नगर हंडा और हम उस में का मांस है।
3. who say, 'Is not [the time] near to build houses? This [city] is the pot and we are the flesh.'
4. इसलिये हे मनुष्य के सन्तान, इनके विरूद्ध भविष्यद्वाणी कर, भविष्यद्वाणी।
4. 'Therefore, prophesy against them, son of man, prophesy!'
5. तब यहोवा का आत्मा मुझ पर उतरा, और मुझ से कहा, ऐसा कह, यहोवा यों कहता है, कि हे इस्राएल के घराने तुम ने ऐसा ही कहा हे; जो कुछ तुम्हारे मन में आता है, उसे मैं जानता हूँ।
5. Then the Spirit of the LORD fell upon me, and He said to me, 'Say, 'Thus says the LORD, 'So you think, house of Israel, for I know your thoughts.
6. तुम ने तो इस नगर में बहुतों को मार डाला वरन उसकी सड़कों को लोथों से भर दिया है।
6. 'You have multiplied your slain in this city, filling its streets with them.'
7. इस कारण प्रभु यहोवा यों कहता है, कि जो मनुष्य तुम ने इस में मार डाले हैं, उनकी लोथें ही इस नगररूपी हंडे में का मांस है; और तुम इसके बीच से निकाले जाओगे।
7. 'Therefore, thus says the Lord GOD, 'Your slain whom you have laid in the midst of the city are the flesh and this [city] is the pot; but I will bring you out of it.
8. तुम तलवार से डरते हो, और मैं तुम पर तलवार चलाऊंगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
8. 'You have feared a sword; so I will bring a sword upon you,' the Lord GOD declares.
9. मैं तुम को इस में से निकालकर परदेशियों के हाथ में कर दूंगा, और तुम को दण्ड दिलाऊंगा।
9. 'And I will bring you out of the midst of the city and deliver you into the hands of strangers and execute judgments against you.
10. तुम तलवार से मरकर गिरोगे, और मैं तुम्हारा मुक मा, इस्राएल के देश के सिवाने पर चुकाऊंगा; तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
10. 'You will fall by the sword. I will judge you to the border of Israel; so you shall know that I am the LORD.
11. यह नगर तुम्हारे लिये हंडा न बनेगा, और न तुम इस में का मांस होगे; मैं तुम्हारा मुक़ मा इस्राएल के देश के सिवाने पर चुकाऊंगा।
11. 'This [city] will not be a pot for you, nor will you be flesh in the midst of it, [but] I will judge you to the border of Israel.
12. तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ; तुम तो मेरी विधियों पर नहीं चले, और मेरे नियमों को तुम ने नहीं माना; परन्तु अपने चारों ओर की अन्यजातियों की रीतियों पर चले हो।
12. 'Thus you will know that I am the LORD; for you have not walked in My statutes nor have you executed My ordinances, but have acted according to the ordinances of the nations around you.'''
13. मैं इस प्रकार की भविष्यद्वाणी कर रहा था, कि बनायाह का पुत्रा पलत्याह मर गया। तब मैं मुंह के बल गिरकर ऊंचे शब्द से चिल्ला उठा, और कहा, हाय प्रभु यहोवा, क्या तू इस्राएल के बचे हुओं को सत्यानाश कर डालेगा?
13. Now it came about as I prophesied, that Pelatiah son of Benaiah died. Then I fell on my face and cried out with a loud voice and said, 'Alas, Lord GOD! Will You bring the remnant of Israel to a complete end?'
14. तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
14. Then the word of the LORD came to me, saying,
15. हे मनुष्य के सन्तान, यरूशलेम के निवासियों ने तेरे निकट भाइयों से वरन इस्राएल के सारे घराने से भी कहा है कि तुम यहोवा के पास से दूर हो जाओ; यह देश हमारे ही अधिकार में दिया गया है।
15. 'Son of man, your brothers, your relatives, your fellow exiles and the whole house of Israel, all of them, [are those] to whom the inhabitants of Jerusalem have said, 'Go far from the LORD; this land has been given us as a possession.'
16. परन्तु तू उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है कि मैं ने तुम को दूर दूर की जातियों में बसाया और देश देश में तितर- बितर कर दिया तो है, तौभी जिन देशों में तुम आए हुए हो, उन में मैं स्वयं तुम्हारे लिये थोड़े दिन तक पवित्रास्थान ठहरूंगा।
16. 'Therefore say, 'Thus says the Lord GOD, 'Though I had removed them far away among the nations and though I had scattered them among the countries, yet I was a sanctuary for them a little while in the countries where they had gone.''
17. इसलिये, उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, कि मैं तुम को जाति जाति के लोगों के बीच से बटोरूंगा, और जिन देशों में तुम तितर- बितर किए गए हो, उन में से तुम को इकट्ठा करूंगा, और तुम्हें इस्राएल की भूमि दूंगा।
17. 'Therefore say, 'Thus says the Lord GOD, 'I will gather you from the peoples and assemble you out of the countries among which you have been scattered, and I will give you the land of Israel.''
18. और वे वहां पहुंचकर उस देश की सब घृणित मूरतें और सब घृणित काम भी उस में से दूर करेंगे।
18. 'When they come there, they will remove all its detestable things and all its abominations from it.
19. और मैं उनका हृदय एक कर दूंगा; और उनके भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा, और उनकी देह में से पत्थर का सा हृदय निकालकर उन्हें मांस का हृदय दूंगा,2 कुरिन्थियों 3:3
19. 'And I will give them one heart, and put a new spirit within them. And I will take the heart of stone out of their flesh and give them a heart of flesh,
20. जिस से वे मेरी विधियों पर नित चला करें और मेरे नियमों को मानें; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा।
20. that they may walk in My statutes and keep My ordinances and do them. Then they will be My people, and I shall be their God.
21. परन्तु वे लोग जो अपनी घृणित मूरतों और घृणित कामों में मन लगाकर चलते रहते हैं, उनको मैं ऐसा करूंगा कि उनकी चाल उन्हीं के सिर पर पड़ेंगी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
21. 'But as for those whose hearts go after their detestable things and abominations, I will bring their conduct down on their heads,' declares the Lord GOD.
22. इस पर करूबों ने अपने पंख उठाए, और पहिये उनके संग संग चले; और इस्राएल के परमेश्वर का तेज उनके ऊपर था।
22. Then the cherubim lifted up their wings with the wheels beside them, and the glory of the God of Israel hovered over them.
23. तब यहोवा का तेज नगर के बीच में से उठकर उस पर्वत पर ठहर गया जो नगर की पूर्व ओर है।
23. The glory of the LORD went up from the midst of the city and stood over the mountain which is east of the city.
24. फिर आत्मा ने मुझे उठाया, और परमेश्वर के आत्मा की शक्ति से दर्शन में मुझे कसदियों के देश में बंधुुओं के पास पहुंचा दिया। और जो दर्शन मैं ने पाया था वह लोप हो गया।
24. And the Spirit lifted me up and brought me in a vision by the Spirit of God to the exiles in Chaldea. So the vision that I had seen left me.
25. तब जितनी बातें यहोवा ने मुझे दिखाई थीं, वे मैं ने बंधुओं को बता दीं।
25. Then I told the exiles all the things that the LORD had shown me.