3. शत्रुओं के बलवन्त घोड़ों की टाप, रथों के वेग चलने और उनके पहियों के चलने का कोलाहल सुनकर पिता के हाथ- पांव ऐसे ढीले पड़ जाएंगे, कि वह मुंह मोड़कर अपने लड़कों को भी न देखेगा।
3. At the noise of the stamping hooves of his strong horses, At the rushing of his chariots, [At] the rumbling of his wheels, The fathers will not look back for [their] children, Lacking courage,