17. इस कारण प्रभु न तो इनके जवानों से प्रसन्न होगा, और न इनके अनाथ बालकों और विधवाओं पर दया करेगा; क्योंकि हर एक के मुख से मूर्खता की बातें निकलती हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है।।
17. That's why the Master lost interest in the young men, had no feeling for their orphans and widows. All of them were godless and evil, talking filth and folly. And even after that, he was still angry, his fist still raised, ready to hit them again.