7. वे उसको कन्धे पर उठाकर लिए फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है।।
7. Yet must he be taken on mens shoulders and borne, and set in his place, that he may stande, and not moue out of his place: And if one crye vnto hym, he geueth no aunswere, and deliuereth not the man that calleth vpon hym from his trouble.