Isaiah - यशायाह 29 | View All

1. हाय, अरीएल, अरीएल, हाय उस नगर पर जिस में दाऊद छावनी किए हुए रहा! वर्ष पर वर्ष जाड़ते जाओ, उत्सव के पर्व अपने अपने समय पर मनाते जाओ।

1. Woe to you, Ariel, Ariel, the city where David settled! Add year to year and let your cycle of festivals go on.

2. तौभी मैं तो अरीएल को सकेती में डालूंगा, वहां रोना पीटना रहेगा, और वह मेरी दृष्टि में सचमुच अरीएल सा ठहरेगा।

2. Yet I will besiege Ariel; she will mourn and lament, she will be to me like an altar hearth.

3. और मैं चारों ओर तेरे विरूद्ध छावनी करके तुझे कोटों से घेर लूंगा, और तेरे विरूद्ध गढ़ भी बनाऊंगा।

3. I will encamp against you all around; I will encircle you with towers and set up my siege works against you.

4. तब तू गिराकर भूमि में डाला जाएगा, और धूल पर से बोलेगा, और तेरी बात भूमि से धीमी धीमी सुनाई देगी; तेरा बोल भूमि पर से प्रेत का सा होगा, और तू धूल से गुनगुनाकर बोलेगा।।

4. Brought low, you will speak from the ground; your speech will mumble out of the dust. Your voice will come ghostlike from the earth; out of the dust your speech will whisper.

5. तब तेरे परदेशी बैरियों की भीड़ सूक्ष्म धूलि की नाईं, और उन भयानक लोागों की भीड़ भूसे की नाई उड़ाईं जाएगी।

5. But your many enemies will become like fine dust, the ruthless hordes like blown chaff. Suddenly, in an instant,

6. और सेनाओं का यहोवा अचानक बादल गरजाता, भूमि को कम्पाता, और महाध्वनि करता, बवण्डर और आंधी चलाता, और नाश करनेवाली अग्नि भड़काता हुआ उसके पास आएगा।

6. the LORD Almighty will come with thunder and earthquake and great noise, with windstorm and tempest and flames of a devouring fire.

7. और जातियों की सारी भीड़ जो अरीएल से युद्ध करेगी, ओर जितने लोग उसके और उसके गढ़ के विरूद्ध लड़ेंगे और उसको सकेती में डालेंगे, वे सब रात के देखे हुए स्वप्न के समान ठहरेंगे।

7. Then the hordes of all the nations that fight against Ariel, that attack her and her fortress and besiege her, will be as it is with a dream, with a vision in the night--

8. और जैसा कोई भूखा स्वपन में तो देखता है कि वह खा रहा है, परन्तु जागकर देखता है कि उसका पेट भूखा ही है, वा कोई प्यासा स्वपन में देखें की वह पी रहा है, परन्तु जागकर देखता है कि उसका गला सूखा जाता है और वह प्यासा मर रहा है; वैसी ही उन सब जातियों की भीड़ की दशा होगी जो सिरयोन पर्वत से युद्ध करेंगी।।

8. as when a hungry man dreams that he is eating, but he awakens, and his hunger remains; as when a thirsty man dreams that he is drinking, but he awakens faint, with his thirst unquenched. So will it be with the hordes of all the nations that fight against Mount Zion.

9. ठहर जाओ और चकित होओ! वे मतवाले तो हैं, परन्तु दाखमधु से नहीं, वे डगमगाते तो हैं, परन्तु मदिरा पीने से नहीं!

9. Be stunned and amazed, blind yourselves and be sightless; be drunk, but not from wine, stagger, but not from beer.

10. यहोवा ने तुम को भारी नींद में डाल दिया है और उस ने तुम्हारी नबीरूपी आंखों को बन्द कर दिया है और तुम्हारे दर्शीरूपी सिरों पर पर्दा डाला है।
रोमियों 11:8

10. The LORD has brought over you a deep sleep: He has sealed your eyes (the prophets); he has covered your heads (the seers).

11. इसलिये सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहर की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पढ़े- लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, इसे पढ़, और वह कहे, मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहर की हुई है।
प्रकाशितवाक्य 5:1

11. For you this whole vision is nothing but words sealed in a scroll. And if you give the scroll to someone who can read, and say to him, 'Read this, please,' he will answer, 'I can't; it is sealed.'

12. तब वही पुस्तक अनपढ़े को यह कहकर दी जाए, इसे पढ़, और वह कहे, मैं तो अनपढ़ हूं।।

12. Or if you give the scroll to someone who cannot read, and say, 'Read this, please,' he will answer, 'I don't know how to read.'

13. और प्रभु ने कहा, ये लोग जो मुंह से मेरा आदर करते हुए समीप आते परन्तु अपना मन मुझ से दूर रखते हैं, और जो केवल मनुष्यों की आज्ञा सुन सुनकर मेरा भय मानते हैं।
मत्ती 15:8-9, मरकुस 7:6-7

13. The Lord says: 'These people come near to me with their mouth and honour me with their lips, but their hearts are far from me. Their worship of me is made up only of rules taught by men.

14. इस कारण सुन, मैं इनके साथ अद्भुत काम वरन अति अद्भुत और अचम्भे का काम करूंगा; तब इनके बुद्धिमानों की बुद्धि नष्ट होगी, और इनके प्रवीणों की प्रवीणता जाती रहेगी।।
1 कुरिन्थियों 1:19

14. Therefore once more I will astound these people with wonder upon wonder; the wisdom of the wise will perish, the intelligence of the intelligent will vanish.'

15. हाय उन पर जो अपनी युक्ति को यहोवा से छिपाने का बड़ा यत्न करते, और अपने काम अन्धेरे में करके कहते हैं, हम को कौन देखता है? हम को कौन जानता है?

15. Woe to those who go to great depths to hide their plans from the LORD, who do their work in darkness and think, 'Who sees us? Who will know?'

16. तुम्हारी कैसी उलटी समझ है! क्या कुम्हार मिट्टी के तुल्य गिना जाएगा? क्या बनाई हुई वस्तु अपने कर्त्ता के विषय कहे कि उस ने मुझे नहीं बनाया, वा रची हुई वस्तु अपने रचनेवाले के विषय कहे, कि वह कुछ समझ नहीं रखता?
रोमियों 9:20-21

16. You turn things upside down, as if the potter were thought to be like the clay! Shall what is formed say to him who formed it, 'He did not make me'? Can the pot say of the potter, 'He knows nothing'?

17. क्या अब थोड़े ही दिनों के बीतने पर लबानोन फिर फलदाई बारी न बन जाएगा, और फलदाई बारी जंगल न गिनी जएगी?

17. In a very short time, will not Lebanon be turned into a fertile field and the fertile field seem like a forest?

18. उस समय बहिरे पुस्तक की बातें सुनने लेगेंगे, और अन्धे जिन्हें अब कुछ नहीं सूझता, वे देखने लेगेंगे।
मत्ती 11:5

18. In that day the deaf will hear the words of the scroll, and out of gloom and darkness the eyes of the blind will see.

19. नम्र लोग यहोवा के कारण फिर आनन्दित होंगे, और दरिद्र मनुष्य इस्राएल के पवित्रा के कारण मगन होंगे।

19. Once more the humble will rejoice in the LORD; the needy will rejoice in the Holy One of Israel.

20. क्योंकि उपद्रवी फिर न रहेंगे और ठट्ठा करनेवालों का अन्त होगा, और जो अनर्थ करने के लिये जागते रहते हैं, जो मनुष्यों को वचन में फंसाते हैं,

20. The ruthless will vanish, the mockers will disappear, and all who have an eye for evil will be cut down--

21. और जो सभा में उलहना देते उनके लिये फंदा लगाते, और धर्म को व्यर्थ बात के द्वारा बिगाड़ देते हैं, वे सब मिट जाएंगे।।

21. those who with a word make a man out to be guilty, who ensnare the defender in court and with false testimony deprive the innocent of justice.

22. इस कारण इब्राहीम का छुड़ानेवाला यहोवा, याकूब के घराने के विषय यों कहता है, याकूब को फिर लज्जित होना न पड़ेगा, उसका मुख फिर नीचा न होगा।

22. Therefore this is what the LORD, who redeemed Abraham, says to the house of Jacob: 'No longer will Jacob be ashamed; no longer will their faces grow pale.

23. क्योंकि जब उसके सन्तान मेरा काम देखेंगे, जो मैं उनके बीच में करूंगा, तब वे मेरे नाम को पवित्रा मानेंगे, और इस्राएल के परमेश्वर को अति भय मानेंगे।

23. When they see among them their children, the work of my hands, they will keep my name holy; they will acknowledge the holiness of the Holy One of Jacob, and will stand in awe of the God of Israel.

24. उस समय जिनका मन भटका हो वे बुद्धि प्राप्त करेंगे, और जो कुड़कुड़ाते हैं वह शिक्षा ग्रहण करेंगे।।

24. Those who are wayward in spirit will gain understanding; those who complain will accept instruction.'



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