Isaiah - यशायाह 26 | View All

1. उस समय यहूदा देश में यह गीत गाया जाएगा, हमारा एक दृढ़ नगर है; उद्धार का काम देने के लिये वह उसकी शहरपनाह और गढ़ को नियुक्त करता है।

1. সেই দিন যিহূদা দেশে এই গীত গান করা হইবে; আমাদের এক দৃঢ় নগর আছে; তিনি পরিত্রাণকে প্রাচীর ও পরিখাস্বরূপ করিবেন।

2. फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करनेवाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे।

2. তোমরা পুরদ্বার সকল মুক্ত কর, বিশ্বস্ততা-পালনকারী ধার্ম্মিক জাতি প্রবেশ করিবে।

3. जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।
फिलिप्पियों 4:7

3. যাহার মন তোমাতে সুস্থির, তুমি তাহাকে শান্তিতে, শান্তিতেই রাখিবে, কেননা তোমাতেই তাহার নির্ভর।

4. यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है।

4. তোমরা চিরকাল সদাপ্রভুতে নির্ভর রাখ; কেননা সদাপ্রভু যিহোবাতেই যুগসমূহের শৈল।

5. वह ऊंचे पदवाले को झुका देता, जो नगर ऊंचे पर बसा है उसको वह नीचे कर देता। वह उसको भूमि पर गिराकर मिट्टी में मिला देता है।

5. কারণ তিনি ঊর্দ্ধলোক-নিবাসীদিগকে, উন্নত নগরকে, অবনত করিয়াছেন; তিনি তাহা অবনত করেন অবনত করিয়া ভূমিসাৎ করেন, ধূলিশায়ী পর্য্যন্ত করেন।

6. वह पांवों से, वरन दरिद्रों के पैरों से रौंदा जाएगा।।

6. লোকদের চরণ—দুঃখীদের পদ ও দরিদ্রদের পাদবিক্ষেপ—তাহা দলিত করিবে।

7. धर्मी का मार्ग सच्चाई है; तू जो स्वयं सच्चाई है, तू धर्मी की अगुवाई करता है।

7. ধার্ম্মিকের পথ সরলতায়, তুমি ধার্ম্মিকের মার্গ সমান করিয়া সরল করিতেছ।

8. हे यहोवा, तेरे न्याय के मार्ग में हम लोग तेरी बाट जोहते आए हैं; तेरे नाम के स्मरण की हमारे प्राणों में लालसा बनी रहती है।

8. হাঁ, আমরা তোমার শাসন-পথেই, হে সদাপ্রভু, তোমার অপেক্ষায় রহিয়াছি; আমাদের প্রাণ তোমার নামের ও তোমার স্মরণচিহ্নের আকাঙ্ক্ষা করে।

9. रात के समय मैं जी से तरी लालसा करता हूं, मेरा सम्पूर्ण मन से यत्न के साथ तुझे ढूंढ़ता है। क्योंकि जब तेरे न्याय के काम पृथ्वी पर प्रगट होते हैं, तब जगत के रहनेवाले धर्म की सीखते हैं।

9. রাত্রিকালে আমি প্রাণের সহিত তোমার আকাঙ্ক্ষা করিয়াছি; হাঁ, সযত্নে আমার অন্তরস্থ আত্মা দ্বারা তোমার অন্বেষণ করিব, কেননা পৃথিবীতে তোমার শাসনকলাপ প্রচলিত হইলে, জনন্নিবাসীরা ধার্ম্মিকতা শিক্ষা করিবে।

10. दुष्ट पर चाहे दया भी की जाए तौभी वह धर्म को न सीखेगा; धर्मराज्य में भी वह कुटिलता करेगा, और यहोवा को महात्म्य उसे सूझ न पड़ेगा।।

10. দুষ্ট লোক কৃপা পাইলেও ধার্ম্মিকতা শিখে না; সরলতার দেশে সে অন্যায় করে, সদাপ্রভুর মহিমা দেখে না।

11. हे यहोवा, तेरा हाथ बढ़ा हुआ है, पर वे नहीं देखते। परन्तु वे जानेंगे कि तुझे प्रजा के लिये कैसी जलन है, और लजाएंगे।
इब्रानियों 10:27

11. হে সদাপ্রভু, তোমার হস্ত উত্তোলিত হইয়াছে, তবু তাহারা দেখে না; কিন্তু তাহারা প্রজাগণের পক্ষে তোমার উদ্যোগ দেখিবে ও লজ্জা পাইবে, হাঁ, অগ্নি তোমার বিপক্ষদিগকে দদ্ধ করিবে।

12. तेरे बैरी आग से भस्म होंगे। हे यहोवा, तू हमारे लिये शान्ति ठहराएगा, हम ने जो कुछ किया है उसे तू ही ने हमारे लिये किया है।

12. হে সদাপ্রভু, তুমি আমাদের নিমিত্ত শান্তি নিরূপণ করিবে, কেননা আমাদের সমস্ত কার্য্যই তুমি আমাদের নিমিত্ত সাধন করিয়া আসিতেছ।

13. हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तेरे सिवाय और स्वामी भी हम पर प्रभुता करते थे, परन्तु तेरी कृपा से हम केवल तेरे ही नाम का गुणानुवाद करेंगे।
2 तीमुथियुस 2:19

13. হে আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু, তুমি ব্যতীত অন্য প্রভুরা আমাদের উপরে কর্ত্তৃত্ব করিয়াছিল; কিন্তু কেবল তোমারই সাহায্যে আমরা তোমার নামের কীর্ত্তন করিব।

14. वे मर गए हैं, फिर कभी जीवित नहीं होंगे; उनको मरे बहुत दिन हुए, वे फिर नहीं उठने के; तू ने उनका विचार करके उनको ऐसा नाश किया कि वे फिर स्मरण में न आएंगे।

14. মৃতেরা আর জীবিত হইবে না, প্রেতগণ আর উঠিবে না; এই জন্য তুমি প্রতিফল দিয়া উহাদিগকে সংহার করিয়াছ, উহাদের নাম পর্য্যন্ত লুপ্ত করিয়াছ।

15. परन्तु तू ने जाति को बढ़ाया; हे यहोवा, तू ने जाति को बढ़ाया है; तू ने अपनी महिमा दिखाई है और उस देश के सब सिवानों को तू ने बढ़ाया है।।

15. তুমি এই জাতির বৃদ্ধি করিয়াছ, হে সদাপ্রভু, তুমি এই জাতির বৃদ্ধি করিয়াছ; তুমি গৌরবান্বিত হইয়াছ, তুমি দেশের সকল সীমা বিস্তার করিয়াছ।

16. हे यहोवा, दु:ख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।

16. হে সদাপ্রভু, সঙ্কটের সময়ে লোকেরা তোমার অপেক্ষায় ছিল, তোমা হইতে শাস্তি পাইবার সময়ে মৃদু স্বরে বিনয় করিত।

17. जैसे गर्भवती स्त्री जनने के समय एेंठती और पीड़ों के कारण चिल्ला उठती है, हम लोग भी, हे यहोवा, तेरे साम्हने वैसे ही हो गए हैं।
यूहन्ना 16:21

17. গর্ভবতী স্ত্রী আসন্নপ্রসবকালে ব্যথা খাইতে খাইতে যেমন ক্রন্দন করে, হে সদাপ্রভু, আমরা তোমার সাক্ষাতে তাহার ন্যায় হইয়াছি।

18. हम भी गर्भवती हुए, हम भी एेंठें, हम ने मानो वायु ही को जन्म दिया। हम ने देश के लिये कोई उद्धार का काम नहीं किया, और न जगत के रहनेवाले उत्पन्न हुए।

18. আমরা গর্ভিণী হইয়াছি, আমরা ব্যথা খাইয়াছি, যেন বায়ু প্রসব করিয়াছি; আমাদের দ্বারা দেশে পরিত্রাণ সিদ্ধ হয় নাই, জগন্নিবাসীরা ভূমিষ্ঠ হয় নাই।

19. तेरे मरे हुए लोग जीवित होंगे, मुर्दे उठ खड़े होंगे। हे मिट्टी में बसनेवालो, जागकर जयजयकार करो! क्योंकि तेरी ओस ज्योति से उत्पन्न होती है, और पृथ्वी मुर्दो को लौटा देगी।।

19. তোমার মৃতেরা জীবিত হইবে, আমার শবসমূহ উঠিবে; হে ধূলি-নিবাসীরা, তোমরা জাগ্রত হও, আনন্দ গান কর; কেননা তোমার শিশির দীপ্তির শিশির তুল্য, এবং ভূমি প্রেতদিগকে ভূমিষ্ঠ করিবে।

20. हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी में प्रवेश करके किवाड़ों को बन्द करो; थोड़ी देर तक जब तक क्रोध शान्त न हो तब तक अपने को छिपा रखो।
मत्ती 6:6

20. হে আমার জাতি, চল, তোমার অন্তরাগারে প্রবেশ কর, তোমার দ্বার সকল রুদ্ধ কর; অল্পক্ষণ মাত্র লুক্কায়িত থাক, যে পর্য্যন্ত ক্রোধ অতীত না হয়।

21. क्योंकि देखो, यहोवा पृथ्वी निवासियों को अधर्म का दण्ड देने के लिये अपने स्थान से चला आता है, और पृथ्वी अपना खून प्रगट करेगी और घात किए हुओं को और अधिक न छिपा रखेगी।।

21. কেননা দেখ, সদাপ্রভু আপন স্থান হইতে নির্গমন করিতেছেন, পৃথিবী-নিবাসীদের অপরাধের প্রতিফল দিবার নিমিত্ত; পৃথিবী আপনার [উপরে পাতিত] রক্ত প্রকাশ করিবে, আপনার নিহতদিগকে আর আচ্ছাদিত রাখিবে না।



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