Isaiah - यशायाह 25 | View All

1. हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियां की हैं।

1. O LORD, I will honor and praise your name, for you are my God. You do such wonderful things! You planned them long ago, and now you have accomplished them.

2. तू ने नगर को डीह, और उस गढ़वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा।

2. You turn mighty cities into heaps of ruins. Cities with strong walls are turned to rubble. Beautiful palaces in distant lands disappear and will never be rebuilt.

3. इस कारण बलवन्त राज्य के लोग तेरी महिमा करेंगे; भयंकर अन्यजातियों के नगरों में तेरा भय माना जाएगा।

3. Therefore, strong nations will declare your glory; ruthless nations will fear you.

4. क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ।

4. But you are a tower of refuge to the poor, O LORD, a tower of refuge to the needy in distress. You are a refuge from the storm and a shelter from the heat. For the oppressive acts of ruthless people are like a storm beating against a wall,

5. जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठण्डी होती है वेैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों को जयजयकार बन्द करता है।।

5. or like the relentless heat of the desert. But you silence the roar of foreign nations. As the shade of a cloud cools relentless heat, so the boastful songs of ruthless people are stilled.

6. सेनाओं का यहोवा इसी पर्वत पर सब देशों के लोगों के लिये ऐसी जेवनार करेगा जिस में भांति भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा; उत्तम से उत्तम चिकना भोजन और बहुत ही निथरा हुआ दाखमधु होगा।

6. In Jerusalem, the LORD of Heaven's Armies will spread a wonderful feast for all the people of the world. It will be a delicious banquet with clear, well-aged wine and choice meat.

7. और जो पर्दा सब देशों के लोगों पर पड़ा है, जो घूंघट सब अन्यजातियों पर लटका हुआ है, उसे वह इसी पर्वत पर नाश करेगा।
लूका 2:32, 2 कुरिन्थियों 3:16

7. There he will remove the cloud of gloom, the shadow of death that hangs over the earth.

8. वह मृत्यु को सदा के लिये नाश करेगा, और प्रभु यहोवा सभों के मुख पर से आंसू पोंछ डालेगा, और अपनी प्रजा की नामधराई सारी पृथ्वी पर से दूर करेगा; क्योंकि यहोवा ने ऐसा कहा है।।
1 कुरिन्थियों 15:54, प्रकाशितवाक्य 7:17, प्रकाशितवाक्य 21:4

8. He will swallow up death forever! The Sovereign LORD will wipe away all tears. He will remove forever all insults and mockery against his land and people. The LORD has spoken!

9. और उस समय यह कहा जाएगा, देखो, हमारा परमेश्वर यही है; हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं। हम उस से उद्धार पाकर मगन और आनन्दित होंगे।

9. In that day the people will proclaim, 'This is our God! We trusted in him, and he saved us! This is the LORD, in whom we trusted. Let us rejoice in the salvation he brings!'

10. क्योंकि इस पर्वत पर यहोवा का हाथ सर्वदा बना रहेगा और मोआब अपने ही स्थान में ऐसा लताड़ा जाएगा जैसा घूरे में पुआल लताड़ा जाता है।

10. For the LORD's hand of blessing will rest on Jerusalem. But Moab will be crushed. It will be like straw trampled down and left to rot.

11. और वह उस में अपने हाथ इस प्रकार फैलाएगा, जैसे कोई तैरते हुए फैलाए; परन्तु वह उसके गर्व को तोड़ेगा; और उसकी चतुराई को निष्फल कर देगा।

11. God will push down Moab's people as a swimmer pushes down water with his hands. He will end their pride and all their evil works.

12. और उसकी ऊंची ऊंची औश्र दृढ़ शहरपनाहों को वह झुकाएगा और नीचा करेगा, वरन भूमि पर गिराकर मिट्टी में मिला देगा।।

12. The high walls of Moab will be demolished. They will be brought down to the ground, down into the dust.



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