5. हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम से चिकारियों और मैदान की हरिणियों की शपथ धराकर कहती हूं, कि जब तक प्रेम आप से न उठे, तब तक उसको न उसकाओ और न जगाओ।।
5. I charge you, daughters of Jerusalem, By the gazelles, or by the hinds of the field, That ye stir not up, nor awake [my] love, till he please.