11. फिर मैं ने धरती पर देखा कि न तो दौड़ में वेग दौड़नेवाले और न युद्ध में शूरवीर जीतते; न बुद्धिमान लोग रोटी पाते न समझवाले धन, और न प्रवीणों पर अनुग्रह होता है, वे सब समय और संयोग के वश में है।
11. আমি ফিরিলাম, ও সূর্য্যের নীচে দেখিলাম যে, দ্রুতগামীদের দ্রুতগমন, কি বীরদের যুদ্ধ, কি জ্ঞানবানদের অন্ন, কি বুদ্ধিমানদের ধন, কি বিজ্ঞদেরই অনুগ্রহলাভ হয়, এমন নয়, কিন্তু সকলের প্রতি কাল ও দৈব ঘটে।