2. सब बातें सभों को एक समान होती है, धर्मी हो या दुष्ट, भले, शुद्ध या अशुद्ध, यज्ञ करने और न करनेवाले, सभों की दशा एक ही सी होती है। जैसी भले मनुष्य की दशा, वैसी ही पापी की दशा; जैसी शपथ खानेवाले की दशा, वैसी ही उसकी जो शपथ खाने से डरता है।
2. All [things come] alike to all: [there is] one event to the righteous, and to the wicked; to the good and to the clean, and to the unclean; to him that sacrificeth, and to him that sacrificeth not: as [is] the good, so [is] the sinner; [and] he that sweareth, as [he] that feareth an oath.