9. हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों के मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आंखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय में परमेश्वर तेरा न्याय करेगा।।
9. Rejoice therefore, O young man, in thy youth, and let thy heart be in that which is good in the days of thy youth, and walk in the ways of thy heart, and in the sight of thy eyes: and know that for all these God will bring thee into judgment.