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World English Bible
Wycliffe Bible (1395)
Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. हे मेरे पुत्रा, मेरी शिक्षा को न भूलना; अपने हृदय में मेरी आज्ञाओं को रखे रहना;
1. বৎস, তুমি আমার ব্যবস্থা ভুলিও না; তোমার চিত্ত আমার আজ্ঞা সকল পালন করুক।
2. क्योंकि ऐसा करने से तेरी आयु बढ़ेगी, और तू अधिक कुशल से रहेगा।
2. কারণ তদ্দ্বারা তুমি আয়ুর দীর্ঘতা, জীবনের বৎসর-বাহুল্য, এবং শান্তি, প্রাপ্ত হইবে।
3. कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएं; वरन उनको अपने गले का हार बनाना, और अपनी हृदयरूपी पटिया पर लिखना।2 कुरिन्थियों 3:3
3. দয়া ও সত্য তোমাকে ত্যাগ না করুক; তুমি তদুভয় তোমার কণ্ঠদেশে বাঁধিয়া রাখ, তোমার হৃদয়-ফলকে লিখিয়া রাখ।
4. और तू परमेश्वर और मनुष्य दोनों का अनुग्रह पाएगा, तू अति बुद्धिमान होगा।।लूका 2:52, रोमियों 12:17, 2 कुरिन्थियों 8:21
4. তাহা করিলে অনুগ্রহ ও সুবুদ্ধি পাইবে, ঈশ্বরের ও মনুষ্যের দৃষ্টিতে পাইবে।
5. तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।
5. তুমি সমস্ত চিত্তে সদাপ্রভুতে বিশ্বাস কর; তোমার নিজ বিবেচনায় নির্ভর করিও না;
6. उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वे तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।
6. তোমার সমস্ত পথে তাঁহাকে স্বীকার কর; তাহাতে তিনি তোমার পথ সকল সরল করিবেন।
7. अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न होना; यहोवा का भय मानना, और बुराई से अलग रहना।रोमियों 12:16
7. আপনার দৃষ্টিতে জ্ঞানবান হইও না; সদাপ্রভুকে ভয় কর, মন্দ হইতে দূরে যাও।
8. ऐसा करने से तेरा शरीर भला चंगा, और तेरी हडि्डयां पुष्ट रहेंगी।
8. ইহা তোমার নাভির স্বাস্থ্যস্বরূপ হইবে, তোমার অস্থির মজ্জাস্বরূপ হইবে।
9. अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना;
9. তুমি সদাপ্রভুর সম্মান কর আপনার ধনে, আর তোমার সমস্ত দ্রব্যের অগ্রিমাংশে;
10. इस प्रकार तेरे खत्ते भरे और पूरे रहेंगे, और तेरे रसकुण्डों से नया दाखमधु उमण्डता रहेगा।।
10. তাহাতে তোমার গোলাঘর সকল বহু শস্যে পূর্ণ হইবে, তোমার কুণ্ডে নূতন দ্রাক্ষারস উথলিয়া পড়িবে।
11. हे मेरे पुत्रा, यहोवा की शिक्षा से मुंह न मोड़ना, और जब वह तुझे डांटे, तब तू बुरा न मानना,इफिसियों 6:4, इब्रानियों 12:5-7
11. বৎস, সদাপ্রভুর শাসন তুচ্ছ করিও না, তাঁহার অনুযোগে ক্লান্ত হইও না;
12. क्योंकि यहोवा जिस से प्रेम रखता है उसको डांटता है, जैसे कि बाप उस बेटे को जिसे वह अधिक चाहता है।।प्रकाशितवाक्य 3:19, इफिसियों 6:4, इब्रानियों 12:5-7
12. কেননা সদাপ্রভু যাহাকে প্রেম করেন, তাহাকেই শাস্তি প্রদান করেন, যেমন পিতা প্রিয় পুত্রের প্রতি করেন।
13. क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्त करे,
13. ধন্য সেই ব্যক্তি যে প্রজ্ঞা পায়, সেই ব্যক্তি যে বুদ্ধি লাভ করে;
14. क्योंकि बुद्धि की प्राप्ति चान्दी की प्राप्ति से बड़ी, और उसका लाभ चोखे सोने के लाभ से भी उत्तम है।
14. কেননা রৌপ্যের বাণিজ্য অপেক্ষাও তাহার বাণিজ্য উত্তম, সুবর্ণ অপেক্ষাও প্রজ্ঞা-লাভ উত্তম।
15. वह मूंगे से अधिक अनमोल है, और जितनी वस्तुओं की तू लालसा करता है, उन में से कोई भी उसके तुल्य न ठहरेगी।
15. তাহা মুক্তা হইতেও বহুমূল্য; তোমার অভীষ্ট কোন বস্তু তাহার সমান নয়।
16. उसके दहिने हाथ में दीर्घायु, और उसके बाएं हाथ में धन और महिमा है।
16. তাহার দক্ষিণ হস্তে দীর্ঘ পরমায়ু, তাহার বাম হস্তে ধন ও সম্মান থাকে।
17. उसके मार्ग मनभाऊ हैं, और उसके सब मार्ग कुशल के हैं।
17. তাহার পথ সকল মনোরঞ্জনের পথ, তাহার সমস্ত মার্গ শান্তিময়।
18. जो बुद्धि को ग्रहण कर लेते हैं, उनके लिये वह जीवन का वृक्ष बनती है; और जो उसको पकड़े रहते हैं, वह धन्य हैं।।
18. যাহারা তাহাকে ধরিয়া রাখে, তাহাদের কাছে তাহা জীবনবৃক্ষ; যে কেহ তাহা গ্রহণ করে, সে ধন্য।
19. यहोवा ने पृथ्वी की नेव बुद्धि ही से डाली; और स्वर्ग को समझ ही के द्वारा स्थिर किया।
19. সদাপ্রভু প্রজ্ঞা দ্বারা পৃথিবীর মূল স্থাপন করিয়াছেন, বুদ্ধি দ্বারা আকাশমণ্ডল অটল করিয়াছেন;
20. उसी के ज्ञान के द्वारा गहिरे सागर फूट निकले, और आकाशमण्डल से ओस टपकती है।।
20. তাঁহার জ্ঞান দ্বারা জলধি সকল উদঘাটিত হইল, আর আকাশ ফোঁটা ফোঁটা শিশির বর্ষণ করে।
21. हे मेरे पुत्रा, ये बातें तेरी दृष्टि की ओट न हाने पाएं; खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर,
21. বৎস, এ সকল তোমার দৃষ্টি-বহির্ভূত না হউক, তুমি সূক্ষ্ম বুদ্ধি ও পরিণামদর্শিতা রক্ষা কর।
22. तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे।
22. তাহাতে সে সকল তোমার প্রাণের জীবনস্বরূপ হইবে, তোমার কণ্ঠের শোভাস্বরূপ হইবে।
23. और तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पांव में ठेस न लगेगी।
23. তখন তুমি নিজ পথে নির্ভয়ে গমন করিবে, তোমার পায়ে উছোট লাগিবে না।
24. जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी।
24. শয়নকালে তুমি ভয় করিবে না, তুমি শয়ন করিবে, তোমার নিদ্রা সুখদায়িনী হইবে।
25. अचानक आनेवाले भय से न डरना, और जब दुष्टों पर विपत्ति आ पड़े, तब न घबराना;1 पतरस 3:6
25. আকস্মিক বিপদ হইতে ভীত হইও না, দুষ্টের বিনাশ আসিলে তাহা হইতে ভীত হইও না;
26. क्योंकि यहोवा तुझे सहारा दिया करेगा, और तेरे पांव को फन्दे में फंसने न देगा।
26. কেননা সদাপ্রভু তোমার বিশ্বাসভূমি হইবেন ফাঁদ হইতে তোমার চরণ রক্ষা করিবেন।
27. जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रूकना।।2 कुरिन्थियों 8:12
27. যাহাদের মঙ্গল করা উচিত, তাহাদের মঙ্গল করিতে অস্বীকার করিও না, যখন তাহা করিবার ক্ষমতা তোমার হাতে থাকে।
28. यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूंगा।2 कुरिन्थियों 8:12
28. তোমার প্রতিবাসীকে বলিও না, ‘যাও, আবার আসিও, আমি কল্য দিব’, যখন দ্রব্য তোমার হস্তে থাকে।
29. जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरूद्ध बुरी युक्ति न बान्धना।
29. তোমার প্রতিবাসীর বিরুদ্ধে কুসঙ্কল্প করিও না, সে ত তোমার নিকটে নির্ভয়ে বাস করে।
30. जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उस से अकारण मुक मा खड़ा न करना।
30. অকারণে কোন ব্যক্তির সহিত বিরোধ করিও না, যদি সে তোমার অপকার না করিয়া থাকে।
31. उपद्रवी पुरूष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना;
31. উপদ্রবীর প্রতি ঈর্ষা করিও না, আর তাহার কোন পথ মনোনীত করিও না;
32. क्योंकि यहोवा कुटिल से घृणा करता है, परन्तु वह अपना भेद सीधे लोगों पर खोलता है।।
32. কেননা খল সদাপ্রভুর ঘৃণার পাত্র; কিন্তু সরলগণের সহিত তাঁহার গূঢ় মন্ত্রণা।
33. दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है।
33. দুষ্টের গৃহে সদাপ্রভুর অভিশাপ থাকে, কিন্তু তিনি ধার্ম্মিকদের নিবাসকে আশীর্ব্বাদ করেন।
34. ठट्ठा करनेवालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है और दीनों पर अनुग्रह करता है।याकूब 4:6, 1 पतरस 5:5
34. নিশ্চয়ই তিনি নিন্দকদিগের নিন্দা করেন, কিন্তু নম্রদিগকে অনুগ্রহ প্রদান করেন।
35. बुद्धिमान महिमा को पाएंगे, और मूर्खों की बढ़ती अपमान ही की होगी।।
35. জ্ঞানবানেরা সম্মানের অধিকারী হইবে, কিন্তু অবজ্ঞাই হীনবুদ্ধিদের উন্নতি।