Proverbs - नीतिवचन 29 | View All

1. जो बार बार डांटे जाने पर भी हठ करता है, वह अचानक नाश हो जाएगा और उसका कोई भी उपाय काम न आएगा।

1. ಅನೇಕ ಸಲ ಗದರಿಸಲ್ಪಟ್ಟರೂ ಬಗ್ಗದಕುತ್ತಿಗೆಯವನು ಏಳದ ಹಾಗೆ ಫಕ್ಕನೆ ಮುರಿದು ಬೀಳುವನು.

2. जब धर्मी लोग शिरोमणि होते हैं, तब प्रजा आनन्दित होती है; परन्तु जब दुष्ट प्रभुता करता है तब प्रजा हाय मारती है।

2. ನೀತಿವಂತರು ಅಧಿಕಾರದಲ್ಲಿ ದ್ದಾಗ ಜನರು ಹರ್ಷಿಸುತ್ತಾರೆ; ದುಷ್ಟನು ಆಳಿದರೆ ಜನರು ಶೋಕಿಸುತ್ತಾರೆ.

3. जो पुरूष बुद्धि से प्रीति रखता है, अपने पिता को आनन्दित करता है, परन्तु वेश्याओं की संगति करनेवाला धन को उड़ा देता है।
लूका 15:13

3. ಜ್ಞಾನವನ್ನು ಪ್ರೀತಿಸುವವನು ತನ್ನ ತಂದೆಯನ್ನು ಹರ್ಷಗೊಳಿಸುತ್ತಾನೆ; ವೇಶ್ಯೆಯ ರೊಂದಿಗೆ ಸಹವಾಸ ಮಾಡುವವನು ತನ್ನ ಆಸ್ತಿಯನ್ನು ವೆಚ್ಚಮಾಡುತ್ತಾನೆ.

4. राजा न्याय से देश को स्थिर करता है, परन्तु जो बहुत घूस लेता है उसको उलट देता है।

4. ನ್ಯಾಯತೀರ್ಪಿನಿಂದ ಅರಸನು ದೇಶವನ್ನು ಸ್ಥಿರಗೊಳಿಸುತ್ತಾನೆ; ಲಂಚಗಳನ್ನು ಸ್ವೀಕರಿಸು ವವನು ಅದನ್ನು ಕೆಡವಿಹಾಕುತ್ತಾನೆ.

5. जो पुरूष किसी से चिकनी चुपड़ी बातें करता है, वह उसके पैरों के लिये जाल लगाता है।

5. ತನ್ನ ನೆರೆಯವ ನನ್ನು ಮುಖಸ್ತುತಿ ಮಾಡುವವನು ಅವನ ಪಾದಗಳಿಗೆ ಬಲೆಯನ್ನು ಒಡ್ಡುತ್ತಾನೆ.

6. बुरे मनुष्य का अपराध फन्दा होता है, परन्तु धर्मी आनन्दित होकर जयजयकार करता है।

6. ಕೆಟ್ಟವನ ದೋಷದಲ್ಲಿ ಉರ್ಲು ಇದೆ; ನೀತಿವಂತನು ಹಾಡಿ ಹರ್ಷಿಸುತ್ತಾನೆ.

7. धर्मी पुरूष कंगालों के मुक में में मन लगाता है; परन्तु दुष्ट जन उसे जानने की समझ नहीं रखता।

7. ಬಡವರ ನಿಮಿತ್ತ ನೀತಿವಂತನು ಯೋಚಿಸುತ್ತಾನೆ; ದುಷ್ಟನು ಅದನ್ನು ತಿಳುಕೊಳ್ಳುವಂತೆ ಲಕ್ಷ್ಯಕ್ಕೆ ತರುವ ದಿಲ್ಲ.

8. ठट्ठा करनेवाले लोग नगर को फूंक देते हैं, परन्तु बुद्धिमान लोग क्रोध को ठण्डा करते हैं।

8. ಪರಿಹಾಸ್ಯಗಾರರು ಪಟ್ಟಣಕ್ಕೆ ಉರ್ಲನ್ನು ಒಡ್ಡು ತ್ತಾರೆ; ಜ್ಞಾನಿಗಳು ಕೋಪವನ್ನು ತಿರುಗಿಸುವರು.

9. जब बुद्धिमान मूढ़ के साथ वादविवाद करता है, तब वह मूढ़ क्रोधित होता और ठट्ठा करता है, और वहां शान्ति नहीं रहती।

9. ಜ್ಞಾನಿಯು ಬುದ್ಧಿಹೀನನೊಂದಿಗೆ ವ್ಯಾಜ್ಯ ಮಾಡಿ ದರೆ ಅವನು ರೇಗಿದರೂ ನಕ್ಕರೂ ಶಮನವಾಗುವು ದಿಲ್ಲ.

10. हत्यारे लोग खरे पुरूष से बैर रखते हैं, और सीधे लोगों के प्राण की खोज करते हैं।

10. ಕೊಲೆಪಾತಕರು ನೀತಿವಂತರನ್ನು ದ್ವೇಷಿಸು ತ್ತಾರೆ; ಯಥಾರ್ಥವಂತರು ಅವನ ಪ್ರಾಣವನ್ನು ಹುಡು ಕುತ್ತಾರೆ.

11. मूर्ख अपने सारे मन की बात खोल देता है, परन्तु बुद्धिमान अपने मन को रोकता, और शान्त कर देता है।

11. ಮೂಢನು ತನ್ನ ಮನಸ್ಸನ್ನೆಲ್ಲಾ ಹೊರ ಪಡಿಸುತ್ತಾನೆ; ಜ್ಞಾನಿಯು ಅದನ್ನು ಕಾಯುತ್ತಾನೆ.

12. जब हाकिम झूठी बात की ओर कान लगाता है, तब उसके सब सेवक दुष्ट हो जाते हैं।

12. ಸುಳ್ಳಿಗೆ ಕಿವಿಗೊಡುವ ಅಧಿಕಾರಿಗೆ ಕಿವಿಗೊಟ್ಟರೆ ಅವನ ಸೇವಕರೆಲ್ಲರೂ ದುಷ್ಟರೇ.

13. निर्धन और अन्धेर करनेवाला पुरूष एक समान है; और यहोवा दोनों की आंखों में ज्योति देता है।

13. ಬಡವರೂ ಮೋಸಗಾರರೂ ಒಟ್ಟಾಗಿ ಸಂಧಿಸುತ್ತಾರೆ; ಕರ್ತನು ಅವರಿಬ್ಬರ ಕಣ್ಣುಗಳನ್ನು ಬೆಳಗಿಸುತ್ತಾನೆ.

14. जो राजा कंगालों का न्याय सच्चाई से चुकाता है, उसकी गद्दी सदैव स्थिर रहती है।

14. ಬಡವರಿಗೆ ನಂಬಿಕೆಯಿಂದ ನ್ಯಾಯತೀರಿಸುವ ಅರಸನ ಸಿಂಹಾ ಸನವು ಎಂದೆಂದಿಗೂ ಸ್ಥಿರಗೊಳ್ಳುವದು.

15. छड़ी और डांट से बुद्धि प्राप्त होती है, परन्तु जो लड़का योंइी छोड़ा जाता है वह अपनी माता की लज्जा का कारण होता है।

15. ಬೆತ್ತ ಬೆದ ರಿಕೆಗಳು ಜ್ಞಾನವನ್ನುಂಟುಮಾಡುತ್ತವೆ; ಶಿಕ್ಷಿಸದೆ ಬಿಟ್ಟ ಹುಡುಗನು ತನ್ನ ತಾಯಿಗೆ ಅವಮಾನವನ್ನು ತರುತ್ತಾನೆ.

16. दुष्टों के बड़ने से अपराध भी बढ़ता है; परन्तु अन्त में धर्मी लोग उनका गिरना देख लेते हैं।

16. ದುಷ್ಟರು ವೃದ್ಧಿಯಾದಾಗ ದೋಷವು ಹೆಚ್ಚುತ್ತದೆ; ನೀತಿವಂತರು ಅವರ ಬೀಳುವಿಕೆಯನ್ನು ಕಣ್ಣಾರೆ ನೋಡುವರು.

17. अपने बेटे की ताड़ना कर, तब उस से तुझे चैन मिलेगा; और तेरा मन सुखी हो जाएगा।

17. ನಿನ್ನ ಮಗನನ್ನು ಶಿಕ್ಷಿಸಿದರೆ ಅವ ನಿಂದ ನಿನಗೆ ನೆಮ್ಮದಿಯಾಗುವದು; ಹೌದು, ಅವನು ನಿನ್ನ ಪ್ರಾಣಕ್ಕೆ ಆನಂದವನ್ನುಂಟು ಮಾಡುವನು.

18. जहां दर्शन की बात नहीं होती, वहां लोग निरंकुश हो जाते हैं, और जो व्यवस्था को मानता है वह धन्य होता है।

18. ದರ್ಶನವಿಲ್ಲದಿರುವಲ್ಲಿ ಜನರು ನಾಶವಾಗುತ್ತಾರೆ; ನ್ಯಾಯಪ್ರಮಾಣವನ್ನು ಕೈಕೊಳ್ಳುವವನು ಧನ್ಯನು.

19. दास बातों ही के द्वारा सुधारा नहीं जाता, क्योंकि वह समझदार भी नहीं मानता।

19. ಮಾತುಗಳಿಂದ ಸೇವಕನು ಶಿಕ್ಷಿಸಲ್ಪಡುವದಿಲ್ಲ; ಅವನು ತಿಳಿದುಕೊಂಡರೂ ಉತ್ತರಿಸುವದಿಲ್ಲ.

20. क्या तू बातें करने में उतावली करनेवाले मनुष्य को देखता है? उस से अधिक तो मूर्ख ही से आशा है।

20. ತನ್ನ ಮಾತುಗಳಲ್ಲಿ ದುಡುಕುವವನನ್ನು ನೀನು ನೋಡಿದ್ದೀಯೋ? ಅವನಿಗಿಂತಲೂ ಬುದ್ದಿಹೀನನ ವಿಷಯ ದಲ್ಲಿ ಹೆಚ್ಚು ನಿರೀಕ್ಷೆ ಇದೆ.

21. जो अपने दास को उसके लड़कपन से सुकुमारपन में पालता है, वह दास अन्त में उसका बेटा बन बैठता है।

21. ಬಾಲ್ಯದಿಂದ ತನ್ನ ಸೇವಕನನ್ನು ಕೋಮಲವಾಗಿ ಸಾಕುವವನು ತರುವಾಯ ತನಗೆ ಮಗನಂತೆ ಆಗುವನು.

22. क्रोध करनेवाला मनुष्य झगड़ा मचाता है और अत्यन्त क्रोध करनेवाला अपराधी होता है।

22. ಕೋಪಿಷ್ಠನು ಜಗಳ ವನ್ನೆಬ್ಬಿಸುತ್ತಾನೆ; ರೋಷಗೊಂಡವನು ದೋಷದಲ್ಲಿ ತುಂಬಿರುತ್ತಾನೆ.

23. मनुष्य गर्व के कारण नीचा खाता है, परन्तु नम्र आत्मावाला महिमा का अधिकारी होता है।
मत्ती 23:12

23. ಮನುಷ್ಯನ ಗರ್ವವು ತನ್ನನ್ನು ಹೀನಸ್ಥಿತಿಗೆ ತರುವದು; ಆತ್ಮದಲ್ಲಿ ದೀನರಾಗಿರುವವರು ಸನ್ಮಾನಹೊಂದುವರು.

24. जो चोर की संगति करता है वह अपने प्राण का बैरी होता है; शपथ खाने पर भी वह बात को प्रगट नहीं करता।

24. ಕಳ್ಳರೊಂದಿಗೆ ಪಾಲು ಗಾರನು ತನ್ನನ್ನು ತಾನೇ ಹಗೆಮಾಡುತ್ತಾನೆ; ಅವನು ಶಾಪವನ್ನು ಕೇಳಿತಿಳಿಸುವದಿಲ್ಲ.

25. मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है।

25. ಮನುಷ್ಯನ ಭಯವು ಉರುಲನ್ನು ತರುತ್ತದೆ; ಕರ್ತನಲ್ಲಿ ಭರವಸ ವಿಡುವವನು ಕ್ಷೇಮದಿಂದಿರುವನು.

26. हाकिम से भेंट करना बहुत लोग चाहते हैं, परन्तु मनुष्य का न्याय यहोवा की करता है।

26. ಅನೇಕರು ಅಧಿ ಪತಿಯ ದಯೆಯನ್ನು ಹುಡುಕುತ್ತಾರೆ; ಕರ್ತನಿಂದಲೇ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬನ ನ್ಯಾಯತೀರ್ಪು ಬರುತ್ತದೆ.ಅನೀತಿ ವಂತನು ನೀತಿವಂತರಿಗೆ ಅಸಹ್ಯ; ತನ್ನ ಮಾರ್ಗದಲ್ಲಿ ಯಥಾರ್ಥವಾಗಿರುವವನು ದುಷ್ಟರಿಗೆ ಅಸಹ್ಯ.

27. धर्मी लोग कुटिल मनुष्य से घृणा करते हैं और दुष्ट जन भी सीधी चाल चलनेवाले से घृणा करता है।।

27. ಅನೀತಿ ವಂತನು ನೀತಿವಂತರಿಗೆ ಅಸಹ್ಯ; ತನ್ನ ಮಾರ್ಗದಲ್ಲಿ ಯಥಾರ್ಥವಾಗಿರುವವನು ದುಷ್ಟರಿಗೆ ಅಸಹ್ಯ.



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