Exodus - निर्गमन 9 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, फिरोन के पास जाकर कह, कि इब्रियों का परमेश्वर यहोवा तुझ से इस प्रकार कहता है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, कि मेरी उपासना करें।

1. Then the LORD said to Moses, 'Go to Pharaoh and tell him, 'Thus says the LORD, the God of the Hebrews, 'Release my people that they may serve me!

2. और यदि तू उन्हें जाने न दे और अब भी पकड़े रहे,

2. For if you refuse to release them and continue holding them,

3. तो सुन, तेरे जो घोड़े, गदहे, ऊंट, गाय- बैल, भेड़- बकरी आदि पशु मैदान में हैं, उन पर यहोवा का हाथ ऐसा पड़ेगा कि बहुत भारी मरी होगी।

3. then the hand of the LORD will surely bring a very terrible plague on your livestock in the field, on the horses, the donkeys, the camels, the herds, and the flocks.

4. और यहोवा इस्राएलियों के पशुओं में और मिस्त्रियों के पशुओं में ऐसा अन्तर करेगा, कि जो इस्राएलियों के हैं उन में से कोई भी न मरेगा।

4. But the Lord will distinguish between the livestock of Israel and the livestock of Egypt, and nothing will die of all that the Israelites have.'''

5. फिर यहोवा ने यह कहकर एक समय ठहराया, कि मैं यह काम इस देश में कल करूंगा।

5. The LORD set an appointed time, saying, 'Tomorrow the LORD will do this in the land.'

6. दूसरे दिन यहोवा ने ऐसा ही किया; और मि के तो सब पशु मर गए, परन्तु इस्राएलियों का एक भी पशु न मरा।

6. And the LORD did this on the next day; all the livestock of the Egyptians died, but of the Israelites' livestock not one died.

7. और फिरौन ने लोगों को भेजा, पर इस्राएलियों के पशुओं में से एक भी नहीं मरा था। तौभी फिरौन का मन सुन्न हो गया, और उस ने उन लोगों को जाने न दिया।

7. Pharaoh sent representatives to investigate, and indeed, not even one of the livestock of Israel had died. But Pharaoh's heart remained hard, and he did not release the people.

8. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, कि तुम दोनों भट्टी में से एक एक मुट्ठी राख ले लो, और मूसा उसे फिरौन के साम्हने आकाश की ओर उड़ा दे।

8. Then the LORD said to Moses and Aaron, 'Take handfuls of soot from a furnace, and have Moses throw it into the air while Pharaoh is watching.

9. तब वह सूक्ष्म धूल होकर सारे मि देश में मनुष्यों और पशुओं दोनों पर फफोले और फोड़े बन जाएगी।
रोमियों 16:2

9. It will become fine dust over the whole land of Egypt and will cause boils to break out and fester on both people and animals in all the land of Egypt.'

10. सो वे भट्टी में की राख लेकर फिरौन के साम्हने खड़े हुए, और मूसा ने उसे आकाश की ओर उड़ा दिया, और वह मनुष्यों और पशुओं दोनों पर फफोले और फोड़े बन गई।
रोमियों 16:2

10. So they took soot from a furnace and stood before Pharaoh, Moses threw it into the air, and it caused festering boils to break out on both people and animals.

11. और उन फोड़ों के कारण जादूगर मूसा के साम्हने खड़े न रह सके, क्योंकि वे फोड़े जैसे सब मिस्त्रियों के वैसे ही जादूगरों के भी निकले थे।

11. The magicians could not stand before Moses because of the boils, for boils were on the magicians and on all the Egyptians.

12. तब यहोवा ने फिरौन के मन को कठोर कर दिया, और जैसा यहोवा ने मूसा से कहा था, उस ने उसकी न सुनी।।
रोमियों 9:18

12. But the LORD hardened Pharaoh's heart, and he did not listen to them, just as the LORD had predicted to Moses.

13. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, बिहान को तड़के उठकर फिरौन के साम्हने खड़ा हो, और उस से कह इब्रियों का परमेश्वर यहोवा इस प्रकार कहता है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, कि वे मेरी उपासना करें।

13. The LORD said to Moses, 'Get up early in the morning, stand before Pharaoh, and tell him, 'Thus says the LORD, the God of the Hebrews: 'Release my people so that they may serve me!

14. नहीं तो अब की बार मैं तुझ पर, और तेरे कर्मचारियों और तेरी प्रजा पर सब प्रकार की विपत्तियां डालूंगा, जिससे तू जान ले कि सारी पृथ्वी पर मेरे तुल्य कोई दूसरा नहीं है।

14. For this time I will send all my plagues on your very self and on your servants and your people, so that you may know that there is no one like me in all the earth.

15. मैं ने तो अभी हाथ बढ़ाकर तुझे और तेरी प्रजा को मरी से मारा होता, और तू पृथ्वी पर से सत्यनाश हो गया होता;

15. For by now I could have stretched out my hand and struck you and your people with plague, and you would have been destroyed from the earth.

16. परन्तु सचमुच मैं ने इसी कारण तुझे बनाए रखा है, कि तुझे अपना सामर्थ्य दिखाऊं, और अपना नाम सारी पृथ्वी पर प्रसिद्ध करूं।
प्रकाशितवाक्य 9:17

16. But for this purpose I have caused you to stand: to show you my strength, and so that my name may be declared in all the earth.

17. क्या तू अब भी मेरी प्रजा के साम्हने अपने आप को बड़ा समझता है, और उन्हें जाने नहीं देता ?

17. You are still exalting yourself against my people by not releasing them.

18. सुन, कल मैं इसी समय ऐसे भारी भारी ओले बरसाऊंगा, कि जिन के तुल्य मि की नेव पड़ने के दिन से लेकर अब तक कभी नहीं पड़े।

18. I am going to cause very severe hail to rain down about this time tomorrow, such hail as has never occurred in Egypt from the day it was founded until now.

19. सो अब लोगों को भेजकर अपने पशुओं को अपने मैदान में जो कुछ तेरा है सब को फुर्ती से आड़ में छिपा ले; नहीं तो जितने मनुष्य वा पशु मैदान में रहें और घर में इकट्ठे न किए जाएं उन पर ओले गिरेंगे, और वे मर जाएंगे।

19. So now, send instructions to gather your livestock and all your possessions in the fields to a safe place. Every person or animal caught in the field and not brought into the house the hail will come down on them, and they will die!'''

20. इसलिये फिरौन के कर्मचारियों में से जो लोग यहोवा के वचन का भय मानते थे उन्हों ने तो अपने अपने सेवकों और पशुओं को घर में हाँक दिया।

20. Those of Pharaoh's servants who feared the word of the LORD hurried to bring their servants and livestock into the houses,

21. पर जिन्हों ने यहोवा के वचन पर मन न लगाया उन्हों ने अपने सेवकों और पशुओं को मैदान में रहने दिया।।

21. but those who did not take the word of the LORD seriously left their servants and their cattle in the field.

22. तक यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा, कि सारे मि देश के मनुष्यों पशुओं और खेतों की सारी उपज पर ओले गिरें।

22. Then the LORD said to Moses, 'Extend your hand toward the sky that there may be hail in all the land of Egypt, on people and on animals, and on everything that grows in the field in the land of Egypt.'

23. तब मूसा ने अपनी लाठी को आकाश की ओर उठाया; और यहोवा मेघ गरजाने और ओले बरसाने लगा, और आग पृथ्वी तक आती रही। इस प्रकार यहोवा ने मि देश पर ओले बरसाए।

23. When Moses extended his staff toward the sky, the LORD sent thunder and hail, and fire fell to the earth; so the LORD caused hail to rain down on the land of Egypt.

24. जो ओले गिरते थे उनके साथ आग भी मिली हुई थी, और वे ओले इतने भारी थे कि जब से मि देश बसा था तब से मि भर में ऐसे ओले कभी न गिरे थे।
प्रकाशितवाक्य 8:7, प्रकाशितवाक्य 11:19

24. Hail fell and fire mingled with the hail; the hail was so severe that there had not been any like it in all the land of Egypt since it had become a nation.

25. इसलिये मि भर के खेतों में क्या मनुष्य, क्या पशु, जितने थे सब ओलों से मारे गए, और ओलों से खेत की सारी उपज नष्ट हो गई, और मैदान के सब वृक्ष टूट गए।

25. The hail struck everything in the open fields, both people and animals, throughout all the land of Egypt. The hail struck everything that grows in the field, and it broke all the trees of the field to pieces.

26. केवल गोशेन देश में जहां इस्राएली बसते थे ओले नहीं गिरे।

26. Only in the land of Goshen, where the Israelites lived, was there no hail.

27. तब फिरौन ने मूसा और हारून को बुलवा भेजा और उन से कहा, कि इस बार मैं ने पाप किया है; यहोवा धर्मी है, और मैं और मेरी प्रजा अधर्मी हैं।

27. So Pharaoh sent and summoned Moses and Aaron and said to them, 'I have sinned this time! The LORD is righteous, and I and my people are guilty.

28. मेघों का गरजना और ओलों का बरसना तो बहुत हो गया; अब भविष्य में यहोवा से बिनती करो; तब मैं तुम लोगों को जाने दूंगा, और तुम न रोके जाओगे।
प्रेरितों के काम 8:24

28. Pray to the LORD, for the mighty thunderings and hail are too much! I will release you and you will stay no longer.'

29. मूसा ने उस से कहा, नगर से निकलते ही मैं यहोवा की ओर हाथ फैलाऊंगा, तब बादल का गरजना बन्द हो जाएगा, और ओले फिर न गिरेंगे, इस से तू जान लेगा कि पृथ्वी यहोवा ही की है।

29. Moses said to him, 'When I leave the city I will spread my hands to the LORD, the thunder will cease, and there will be no more hail, so that you may know that the earth belongs to the LORD.

30. तौभी मैं जानता हूं, कि न तो तू और न तेरे कर्मचारी यहोवा परमेश्वर का भय मानेंगे।

30. But as for you and your servants, I know that you do not yet fear the LORD God.'

31. सन और जव तो ओलों से मारे गए, क्योंकि जव की बालें निकल चुकी थीं और सन में फूल लगे हुए थे।

31. (Now the flax and the barley were struck by the hail, for the barley had ripened and the flax was in bud.

32. पर गेहूं और कठिया गेहूं जो बढ़े न थे, इस कारण वे मारे न गए।

32. But the wheat and the spelt were not struck, for they are later crops.)

33. जब मूसा ने फिरौन के पास से नगर के बाहर निकलकर यहोवा की ओर हाथ फैलाए, तब बादल का गरजना और ओलों का बरसना बन्द हुआ, और फिर बहुत मेंह भूमि पर न पड़ा।

33. So Moses left Pharaoh, went out of the city, and spread out his hands to the LORD, and the thunder and the hail ceased, and the rain stopped pouring on the earth.

34. यह देखकर कि मेंह और ओलों और बादल का गरजना बन्द हो गया फिरौन ने अपने कर्मचारियों समेत फिर अपने मन को कठोर करके पाप किया।

34. When Pharaoh saw that the rain and hail and thunder ceased, he sinned again: both he and his servants hardened their hearts.

35. और फिरौन का मन हठीला होता गया, और उस ने इस्राएलियों को जाने न दिया; जैसा कि यहोवा ने मूसा के द्वारा कहलवाया था।।

35. So Pharaoh's heart remained hard, and he did not release the Israelites, as the LORD had predicted through Moses.



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