1. तब यहोवा ने मूसा से कहा, सुन, मैं तुझे फिरौन के लिये परमेश्वर सा ठहराता हूं; और तेरा भाई हारून तेरा नबी ठहरेगा।
1. And the Lord said to Moses, See I have made you a god to Pharaoh, and Aaron your brother will be your prophet.
4. तौभी फिरौन तुम्हारी न सुनेगा; और मैं मि देश पर अपना हाथ बढ़ाकर मिस्त्रियों को भारी दण्ड देकर अपनी सेना अर्थात् अपनी इस्राएली प्रजा को मि देश से निकाल लूंगा।
4. But Pharaoh will not give ear to you, and I will put my hand on Egypt, and take my armies, my people, the children of Israel, out of Egypt, after great punishments.
9. कि जब फिरौन तुम से कहे, कि अपने प्रमाण का कोई चमत्कार दिखाओ, तब तू हारून से कहना, कि अपनी लाठी को लेकर फिरौन के साम्हने डाल दे, कि वह अजगर बन जाए।
9. If Pharaoh says to you, Let me see a wonder: then say to Aaron, Take your rod and put it down on the earth before Pharaoh so that it may become a snake.
15. इसलिये बिहान को फिरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सर्प बन गई थी, उसको हाथ में लिए हुए नील नदी के तट पर उस से भेंट करने के लिये खड़ा रहना।
15. Go to Pharaoh in the morning; when he goes out to the water, you will be waiting for him by the edge of the Nile, with the rod which was turned into a snake in your hand;
16. और उस से इस प्रकार कहना, कि इब्रियों के परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह कहने के लिये तेरे पास भेजा है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे कि जिस से वे जंगल में मेरी उपासना करें; और अब तक तू ने मेरा कहना नहीं माना।
16. And say to him, The Lord, the God of the Hebrews, has sent me to you, saying, Let my people go so that they may give me worship in the waste land; but up to now you have not given ear to his words.
17. यहोवा यों कहता है, इस से तू जान लेगा कि मैं ही परमेश्वर हूं; देख, मै अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूंगा, और जल लोहू बन जाएगा,
प्रकाशितवाक्य 11:6
17. So the Lord says, By this you may be certain that I am the Lord; see, by the touch of this rod in my hand the waters of the Nile will be turned to blood;
18. और जो मछलियां नील नदी में हैं वे मर जाएंगी, और नील नदी बसाने लगेगी, और नदी का पानी पीने के लिये मिस्त्रियों का जी न चाहेगा।
18. And the fish in the Nile will come to destruction, and the river will send up a bad smell, and the Egyptians will not be able, for disgust, to make use of the water of the Nile for drinking.
19. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून से कह, कि अपनी लाठी लेकर मि देश में जितना जल है, अर्थात् उसकी नदियां, नहरें, झीलें, और पोखरे, सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा कि उनका जल लोहू बन जाए; और सारे मि देश में काठ और पत्थर दोनों भांति के जलपात्रों में लोहू ही लोहू हो जाएगा।
प्रकाशितवाक्य 8:8, प्रकाशितवाक्य 11:6
19. And the Lord said, Say to Aaron, Let the rod in your hand be stretched out over the waters of Egypt, and over the rivers and the streams and the pools, and over every stretch of water, so that they may be turned to blood; and there will be blood through all the land of Egypt, in vessels of wood and in vessels of stone.
20. तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा ही के अनुसार किया, अर्थात् उस ने लाठी को उठाकर फिरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लोहू बन गया।
प्रकाशितवाक्य 16:3
20. And Moses and Aaron did as the Lord had said; and when his rod had been lifted up and stretched out over the waters of the Nile before the eyes of Pharaoh and his servants, all the water in the Nile was turned to blood;