19. जब इस्राएलियों के सरदारों ने यह बात सुनी कि उनकी ईंटों की गिनती न घटेगी, और प्रतिदिन उतना ही काम पूरा करना पड़ेगा, तब वे जान गए कि उनके दुर्भाग्य के दिन आ गए हैं।
19. তখন ইস্রায়েল-সন্তানদের অধ্যক্ষেরা দেখিল, তাহারা বিপাকে পড়িয়াছে, কারণ বলা হইয়াছিল, তোমরা প্রত্যেক দিনের কার্য্যের, নিরূপিত ইষ্টকের, কিছু কম করিতে পাইবে না।