Exodus - निर्गमन 30 | View All

1. फिर धूप जलाने के लिये बबूल की लकड़ी की वेदी बनाना।
प्रकाशितवाक्य 8:3, प्रकाशितवाक्य 9:13, इब्रानियों 9:4

1. And thou shalt make an altar to burn incense upon: of acacia wood shalt thou make it.

2. उसकी लम्बाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ की हो, वह चौकोर हो, और उसकी ऊंचाई दो हाथ की हो, और उसके सींग उसी टुकडे से बनाए जाएं।

2. A cubit shall be the length thereof, and a cubit the breadth thereof; foursquare shall it be: and two cubits shall be the height thereof: the horns thereof shall be of one piece with it.

3. और वेदी के ऊपरवाले पल्ले और चारों ओर की अलंगों और सींगों को चोखे सोने से मढ़ना, और इसकी चारों ओर सोने की एक बाड़ बनाना।

3. And thou shalt overlay it with pure gold, the top thereof, and the sides thereof round about, and the horns thereof; and thou shalt make unto it a crown of gold round about.

4. और इसकी बाड़ के नीचे इसके दानों पल्ले पर सोने के दो दो कड़े बनाकर इसके दोनों ओर लगाना, वे इसके उठाने के डण्डों के खानों का काम देंगे।

4. And two golden rings shalt thou make for it under the crown thereof, upon the two ribs thereof, upon the two sides of it shalt thou make them; and they shall be for places for staves to bear it withal.

5. और डण्डों को बबूल की लकड़ी के बनाकर उनको सोने से मढ़ना।

5. And thou shalt make the staves of acacia wood, and overlay them with gold.

6. और तू उसको उस पर्दे के आगे रखना जो साक्षीपत्रा के सन्दूक के साम्हने है, अर्थात् प्रायश्चित्त वाले ढकने के आगे जो साक्षीपत्रा के ऊपर है, वहीं मैं तुझ से मिला करूंगा।

6. And thou shalt put it before the veil that is by the ark of the testimony, before the mercy�seat that is over the testimony, where I will meet with thee.

7. और उसी वेदी पर हारून सुगन्धित धूप जलाया करे; प्रतिदिन भोर को जब वह दीपक को ठीक करे तब वह धूप को जलाए,
लूका 1:9

7. And Aaron shall burn thereon incense of sweet spices: every morning, when he dresseth the lamps, he shall burn it.

8. तब गोधूलि के समय जब हारून दीपकों को जलाए तब धूप जलाया करे, यह धूप यहोवा के साम्हने तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में नित्य जलाया जाए।

8. And when Aaron lighteth the lamps at even, he shall burn it, a perpetual incense before the LORD throughout your generations.

9. और उस वेदी पर तुम और प्रकार का धूप न जलाना, और न उस पर होमबलि और न अन्नबलि चढ़ाना; और न इस पर अर्घ देना।

9. Ye shall offer no strange incense thereon, nor burnt offering, nor meal offering; and ye shall pour no drink offering thereon.

10. और हारून वर्ष में एक बार इसके सींगों पर प्रायश्चित्त करे; और तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में वर्ष में एक बार प्रायश्चित्त लिया जाए; यह यहोवा के लिये परमपवित्रा है।।
इब्रानियों 9:7

10. And Aaron shall make atonement upon the horns of it once in the year: with the blood of the sin offering of atonement once in the year shall he make atonement for it throughout your generations: it is most holy unto the LORD.

11. और तब यहोवा ने मूसा से कहा,

11. And the LORD spake unto Moses, saying,

12. जब तू इस्त्राएलियों कि गिनती लेने लगे, तब वे गिनने के समय जिनकी गिनती हुई हो अपने अपने प्राणों के लिये यहोवा को प्रायश्चित्त दें, जिस से जब तू उनकी गिनती कर रहा हो उस समय कोई विपत्ति उन पर न आ पड़े।

12. When thou takest the sum of the children of Israel, according to those that are numbered of them, then shall they give every man a ransom for his soul unto the LORD, when thou numberest them; that there be no plague among them, when thou numberest them.

13. जितने लोग गिने जाएं वे पवित्रास्थान के शेकेल के लिये आधा शेकेल दें, यह शेकेल बीस गेरा का होता है, यहोवा की भेंट आधा शेकेल हो।
मत्ती 17:24

13. This they shall give, every one that passeth over unto them that are numbered, half a shekel after the shekel of the sanctuary: (the shekel is twenty gerahs:) half a shekel for an offering to the LORD.

14. बीस वर्ष के वा उस से अधिक अवस्था के जितने गिने जाएं उन में से एक एक जन यहोवा की भेंट दे।

14. Every one that passeth over unto them that are numbered, from twenty years old and upward, shall give the offering of the LORD.

15. जब तुम्हारे प्राणों के प्रायश्चित्त के निमित्त यहोवा की भेंट दी जाए, तब न तो धनी लोग आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल लोग उस से कम दें।

15. The rich shall not give more, and the poor shall not give less, than the half shekel, when they give the offering of the LORD, to make atonement for your souls.

17. और यहोवा ने मूसा से कहा,

17. And the LORD spake unto Moses, saying,

18. धोने के लिये पीतल की एक हौदी और उसका पाया पीतल का बनाना। और उसके मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच में रखकर उस में जल भर देना;

18. Thou shalt also make a laver of brass, and the base thereof of brass, to wash withal: and thou shalt put it between the tent of meeting and the altar, and thou shalt put water therein.

19. और उस में हारून और उसके पुत्रा अपने अपने हाथ पांव धोया करें।

19. And Aaron and his sons shall wash their hands and their feet thereat:

20. जब जब वे मिलापवाले तम्बू में प्रवेश करें तब तब वे हाथ पांव जल से धोएं, नहीं तो मर जाएंगे; और जब जब वे वेदी के पास सेवा टहल करने, अर्थात् यहोवा के लिये हव्य जलाने को आएं तब तब वे हाथ पांव धोएं, न हो कि मर जाएं।

20. when they go into the tent of meeting, they shall wash with water, that they die not; or when they come near to the altar to minister, to burn an offering made by fire unto the LORD:

21. यह हारून और उसके पीढ़ी पीढ़ी के वंश के लिये सदा की विधि ठहरे।।

21. so they shall wash their hands and their feet, that they die not: and it shall be a statute for ever to them, even to him and to his seed throughout their generations.

22. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

22. Moreover the LORD spake unto Moses, saying,

23. तू मुख्य मुख्य सुगन्ध द्रव्य, अर्थात् पवित्रास्थान के शेकेल के अनुसार पांच सौ शेकेल अपने आप निकला हुआ गन्धरस, और उसका आधा, अर्थात् अढ़ाई सौ शेकेल सुगन्धित अगर,

23. Take thou also unto thee the chief spices, of flowing myrrh five hundred shekels, and of sweet cinnamon half so much, even two hundred and fifty, and of sweet calamus two hundred and fifty,

24. और पांच सौ शेकेल तज, और एक हीन जलपाई का तेल लेकर

24. and of cassia five hundred, after the shekel of the sanctuary, and of olive oil an hin:

25. उन से अभिषेक का पवित्रा तेल, अर्थात् गन्धी की रीति से तैयार किया हुआ सुगन्धित तेल बनवाना; यह अभिषेक का पवित्रा तेल ठहरे।

25. and thou shalt make it an holy anointing oil, a perfume compounded after the art of the perfumer: it shall be an holy anointing oil.

26. और उस से मिलापवाले तम्बू का, और साक्षीपत्रा के सन्दूक का,

26. And thou shalt anoint therewith the tent of meeting, and the ark of the testimony,

27. और सारे सामान समेत मेज़ का, और सामान समेत दीवट का, और धूपवेदी का,

27. and the table and all the vessels thereof, and the candlestick and the vessels thereof, and the altar of incense,

28. और सारे सामान समेत होमवेदी का, और पाए समेत हौदी का अभिषेक करना।

28. and the altar of burnt offering with all the vessels thereof, and the laver and the base thereof.

29. और उनको पवित्रा करना, जिस से वे परमपवित्रा ठहरें; और जो कुछ उन से छू जाएगा वह पवित्रा हो जाएगा।

29. And thou shalt sanctify them, that they may be most holy: whatsoever toucheth them shall be holy.

30. फिर हारून का उसके पुत्रों के साथ अभिषेक करना, और इस प्रकार उन्हें मेरे लिये याजक का काम करने के लिये पवित्रा करना।

30. And thou shalt anoint Aaron and his sons, and sanctify them, that they may minister unto me in the priest's office.

31. और इस्त्राएलियों को मेरी यह आज्ञा सुनाना, कि वह तेल तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में मेरे लिये पवित्रा अभिषेक का तेल होगा।

31. And thou shalt speak unto the children of Israel, saying, This shall be an holy anointing oil unto me throughout your generations.

32. वह किसी मनुष्य की देह पर न डाला जाए, और मिलावट में उसके समान और कुछ न बनाना; वह तो पवित्रा होगा, वह तुम्हारे लिये पवित्रा होगा।

32. Upon the flesh of man shall it not be poured, neither shall ye make any like it, according to the composition thereof: it is holy, and it shall be holy unto you.

33. जो कोई उसके समान कुछ बनाए, वा जो कोई उस में से कुछ पराए कुलवाले पर लगाए, वह अपने लोगों में से नाश किया जाए।।

33. Whosoever compoundeth any like it, or whosoever putteth any of it upon a stranger, he shall be cut off from his people.

34. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, बोल, नखी और कुन्दरू, ये सुगन्ध द्रव्य निर्मल लोबान समेत ले लेना, ये सब एक तौल के हों,

34. And the LORD said unto Moses, Take unto thee sweet spices, stacte, and onycha, and galbanum; sweet spices with pure frankincense: of each shall there be a like weight;

35. और इनका धूप अर्थात् लोन मिलाकर गन्धी की रीति के अनुसार चोखा और पवित्रा सुगन्ध द्रव्य बनवाना;

35. and thou shalt make of it incense, a perfume after the art of the perfumer, seasoned with salt, pure and holy:

36. फिर उस में से कुछ पीसकर बुकनी कर डालना, तब उस में से कुछ मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्रा के आगे, जहां पर मैं तुझ से मिला करूंगा वहां रखना; वह तुम्हारे लिये परमपवित्रा होगा।

36. and thou shalt beat some of it very small, and put of it before the testimony in the tent of meeting, where I will meet with thee: it shall be unto you most holy.

37. और जो धूप तू बनवाएगा, मिलावट में उसके समान तुम लोग अपने लिये और कुछ न बनवाना; वह तुम्हारे आगे यहोवा के लिये पवित्रा होगा।

37. And the incense which thou shalt make, according to the composition thereof ye shall not make for yourselves: it shall be unto thee holy for the LORD.

38. जो कोई सूंघने के लिये उसके समान कुछ बनाए वह अपने लोगों में से नाश किया जाए।।

38. Whosoever shall make like unto that, to smell thereto, he shall be cut off from his people.



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