22. तब मेढ़े को संस्कारवाला जानकर उस में से चरबी और मोटी पूंछ को, और जिस चरबी से अंतड़ियां ढपी रहती हैं उसको, और कलेजे पर की झिल्ली को, और चरबी समेत दोनों गुर्दों को, और दहिने पुट्ठे को लेना,
22. পরে তুমি সেই মেষের মেদ, লাঙ্গুল ও অন্ত্রের উপরিস্থ মেদ ও যকৃতের উপরিস্থ অন্ত্রাপ্লাবক ও দুই মেটিয়া ও তদুপরিস্থ মেদ ও দক্ষিণ জঙ্ঘা লইবে, কেননা সে হস্তপূরণার্থক মেষ।