Exodus - निर्गमन 29 | View All

1. और उन्हें पवित्रा करने को जो काम तुझे उन से करना है, कि वे मेरे लिये याजक का काम करें वह यह है। एक निर्दोष बछड़ा और दो निर्दोष मेंढ़े लेना,

1. আর আমার যাজন কর্ম্ম করণার্থে তাহাদিগকে পবিত্র করিবার জন্য তুমি তাহাদের প্রতি এই সকল কর্ম্ম করিবে; নির্দ্দোষ একটী পুংগোবৎস ও দুইটী মেষ লইবে;

2. और अखमीरी रोटी, और तेल से सने हुए मैदे के अखमीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी पपड़ियां भी लेना। ये सब गेहूं के मैदे के बनवाना।

2. আর তাড়ীশূন্য রুটী, তৈলমিশ্রিত তাড়ীশূন্য পিষ্টক ও তৈলাক্ত তাড়ীশূন্য সরুচাকলী গোমের ময়দা দ্বারা প্রস্তুত করিবে;

3. इनको एक टोकरी में रखकर उस टोकरी को उस बछड़े और उन दोनों मेंढ़ो समेत समीप ले आना।

3. এবং সেইগুলি এক ডালিতে রাখিবে, আর সেই ডালিতে করিয়া আনিবে, এবং ঐ গোবৎস ও দুই মেষ আনিবে।

4. फिर हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार के समीप ले आकर जल से नहलाना।

4. আর হারোণকে ও তাহার পুত্রগণকে সমাগম-তাম্বুর দ্বার-সমীপে আনিয়া জলে স্নান করাইবে।

5. तब उन वस्त्रों को लेकर हारून को अंगरखा ओर एपोद का बागा पहिनाना, और एपोद और चपरास बान्धना, और एपोद का काढ़ा हुआ पटुका भी बान्धना;

5. আর সেই সকল বস্ত্র লইয়া হারোণকে অঙ্গরক্ষিণী, এফোদের পরিচ্ছদ, এফোদ ও বুকপাটা পরাইবে, এবং এফোদের বুনানি করা পটুকা তাহাতে আবদ্ধ করিবে।

6. और उसके सिर पर पगड़ी को रखना, और पगड़ी पर पवित्रा मुकुट को रखना।

6. আর তাহার মস্তকে উষ্ণীষ দিবে, ও উষ্ণীষের উপরে পবিত্র মুকুট দিবে।

7. तब अभिषेक का तेल ले उसके सिर पर डालकर उसका अभिषेक करना।

7. পরে অভিষেকার্থ তৈল লইয়া তাহার মস্তকের উপরে ঢালিয়া তাহাকে অভিষিক্ত করিবে।

8. फिर उसके पुत्रों को समीप ले आकर उनको अंगरखे पहिनाना,

8. আর তুমি তাহার পুত্রগণকে আনিয়া অঙ্গরক্ষক বস্ত্র পরাইবে।

9. और उसके अर्थात् हारून और उसके पुत्रों के कमर बान्धना और उनके सिर पर टोपियां रखना; जिस से याजक के पद पर सदा उनका हक रहे। इसी प्रकार हारून और उसके पुत्रों का संस्कार करना।

9. আর হারোণকে ও তাহার পুত্রগণকে কটিবন্ধন পরাইবে, ও তাহাদের মস্তকে শিরোভূষণ বাঁধিয়া দিবে; তাহাতে যাজকত্বপদে তাহাদের চিরস্থায়ী অধিকার থাকিবে। আর তুমি হারোণের ও তাহার পুত্রগণের হস্তপূরণ করিবে।

10. और बछड़े को मिलापवाले तम्बू के साम्हने समीप ले आना। और हारून और उसके पुत्रा बछड़े के सिर पर अपने अपने हाथ रखें,

10. পরে তুমি সমাগম-তাম্বুর সম্মুখে সেই গোবৎসকে আনাইবে, এবং হারোণ ও তাহার পুত্রগণ গোবৎসটীর মস্তকে হস্তার্পণ করিবে।

11. तब उस बछड़े को यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बलिदान करना,

11. তখন তুমি সমাগম-তাম্বুর দ্বারসমীপে সদাপ্রভুর সম্মুখে ঐ গোবৎস হনন করিবে।

12. और बछड़े के लोहू में से कुछ लेकर अपनी उंगली से वेदी के सींगों पर लगाना, और शेष सब लोहू को वेदी के पाए पर उंडेल देना

12. পরে গোবৎসের কিঞ্চিৎ রক্ত লইয়া অঙ্গুলি দ্বারা বেদির শৃঙ্গের উপরে দিবে, এবং বেদির মূলে সমস্ত রক্ত ঢালিয়া দিবে।

13. और जिस चरबी से अंतड़ियां ढपी रहती हैं, और जो झिल्ली कलेजे के ऊपर होती है, उनको और दोनो गुर्दों को उनके ऊपर की चरबी समेत लेकर सब को वेदी पर जलाना।

13. আর তাহার অন্ত্রের উপরিস্থিত সমস্ত মেদ ও যকৃতের উপরিস্থ অন্ত্রাপ্লাবক ও দুই মেটিয়া ও তদুপরিস্থ মেদ লইয়া বেদিতে দগ্ধ করিবে।

14. और बछड़े का मांस, और खाल, और गोबर, छावनी से बाहर आग में जला देना; क्योंकि यह पापबलि होगा।

14. কিন্তু গোবৎসটীর মাংস ও তাহার চর্ম্ম ও গোময় শিবিরের বাহিরে অগ্নিতে পোড়াইয়া দিবে; তাহা পাপার্থক বলি।

15. फिर एक मेढ़ा लेना, और हारून और उसके पुत्रा उसके सिर पर अपने अपने हाथ रखें,

15. পরে তুমি প্রথম মেষটী আনিবে, এবং হারোণ ও তাহার পুত্রগণ সেই মেষের মস্তকে হস্তার্পণ করিবে।

16. तब उस मेढ़ें को बलि करना, और उसका लोहू लेकर वेदी पर चारों ओर छिड़कना।

16. পরে তুমি সেই মেষ হনন করিয়া তাহার রক্ত লইয়া বেদির উপরে চারিদিকে ছিটাইয়া দিবে।

17. और उस मेढ़े को टुकडे टुकडे काटना, और उसकी अंतड़ियों और पैरों को धोकर उसके टुकड़ों और सिर के ऊपर रखना,

17. পরে তুমি মেষটী খণ্ড খণ্ড করিবে, তাহার অন্ত্র ও পদ ধৌত করিবে, আর ঐ খণ্ড সকলের ও মস্তকের উপরে রাখিবে।

18. तब उस पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाना; वह तो यहोवा के लिये होमबलि होगा; वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन होगा।
इफिसियों 5:2, फिलिप्पियों 4:18

18. পরে সমস্ত মেষটী বেদিতে দগ্ধ করিবে; তাহা সদাপ্রভুর উদ্দেশে হোমবলি, সদাপ্রভুর উদ্দেশে সৌরভার্থক অগ্নিকৃত উপহার।

19. फिर दूसरे मेढ़े को लेना; और हारून और उसके पुत्रा उसके सिर पर अपने अपने हाथ रखें,

19. পরে তুমি দ্বিতীয় মেষটী লইবে, এবং হারোণ ও তাহার পুত্রগণ ঐ মেষের মস্তকে হস্তার্পণ করিবে।

20. तब उस मेंड़े को बलि करना, और उसके लोहू में से कुछ लेकर हारून और उसके पुत्रों के दहिने कान के सिरे पर, और उनके दहिने हाथ और दहिने पांव के अंगूठों पर लगाना, और लोहू को वेदी पर चारों ओर छिड़क देना।

20. পরে তুমি সেই মেষ হনন করিয়া তাহার কিঞ্চিৎ রক্ত লইয়া হারোণের দক্ষিণ কর্ণের প্রান্তে ও তাহার পুত্রগণের দক্ষিণ কর্ণের প্রান্তে ও তাহাদের দক্ষিণ হস্তের অঙ্গুষ্ঠের উপরে ও দক্ষিণ পদের অঙ্গুষ্ঠের উপরে দিবে, এবং বেদির উপরে চারিদিকে রক্ত ছিটাইয়া দিবে।

21. फिर वेदी पर के लोहू, और अभिषेक के तेल, इन दोनो में से कुछ कुछ लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़क देना; तब वह अपने वस्त्रों समेत और उसके पुत्रा भी अपने अपने वस्त्रों समेत पवित्रा हो जाएंगे।

21. পরে বেদির উপরিস্থিত রক্তের ও অভিষেকার্থ তৈলের কিঞ্চিৎ লইয়া হারোণের উপরে ও তাহার বস্ত্রের উপরে এবং তাহার সহিত তাহার পুত্রদের উপরে ও তাহাদের বস্ত্রের উপরে ছিটাইয়া দিবে; তাহাতে সে ও তাহার বস্ত্র এবং তাহার সহিত তাহার পুত্রগণ ও তাহাদের বস্ত্র পবিত্র হইবে।

22. तब मेढ़े को संस्कारवाला जानकर उस में से चरबी और मोटी पूंछ को, और जिस चरबी से अंतड़ियां ढपी रहती हैं उसको, और कलेजे पर की झिल्ली को, और चरबी समेत दोनों गुर्दों को, और दहिने पुट्ठे को लेना,

22. পরে তুমি সেই মেষের মেদ, লাঙ্গুল ও অন্ত্রের উপরিস্থ মেদ ও যকৃতের উপরিস্থ অন্ত্রাপ্লাবক ও দুই মেটিয়া ও তদুপরিস্থ মেদ ও দক্ষিণ জঙ্ঘা লইবে, কেননা সে হস্তপূরণার্থক মেষ।

23. और अखमीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे धरी होगी उस में से भी एक रोटी, और तेल से सने हुए मैदे का एक फुलका, और एक पपड़ी लेकर,

23. পরে তুমি সদাপ্রভুর সম্মুখস্থিত তাড়ীশূন্য রুটীর ডালি হইতে এক রুটী ও তৈলমিশ্রিত এক পিষ্টক ও এক সরুচাকলী লইবে;

24. इन सब को हारून और उसके पुत्रों के हाथों में रखकर हिलाए जाने की भेंट ठहराके यहोवा के आगे हिलाया जाए।

24. এবং হারোণের হস্তে ও তাহার পুত্রগণের হস্তে তৎসমুদয় দিয়া দোলনীয় উপহারার্থে সদাপ্রভুর সম্মুখে তাহা দোলাইবে।

25. तब उन वस्तुओं को उनके हाथों से लेकर होमबलि की वेदी पर जला देना, जिस से वह यहोवा के साम्हने सुखदायक सुगन्ध ठहरे; वह तो यहोवा के लिये हवन होगा।

25. পরে তুমি তাহাদের হস্ত হইতে তাহা লইয়া সদাপ্রভুর সম্মুখে সৌরভার্থে বেদিতে হোমার্থক বলির উপরে দগ্ধ করিবে; তাহা সদাপ্রভুর উদ্দেশে অগ্নিকৃত উপহার।

26. फिर हारून के संस्कार को जो मेंढ़ा होगा उसकी छाती को लेकर हिलाए जाने की भेंट के लिये यहोवा के आगे हिलाना; और वह तेरा भाग ठहरेगा।

26. পরে তুমি হারোণের হস্তপূরণার্থক মেষের বক্ষঃস্থল লইয়া দোলনীয় উপহারার্থে সদাপ্রভুর সম্মুখে দোলাইবে; তাহা তোমার অংশ হইবে।

27. और हारून और उसके पुत्रों के संस्कार का जो मेढ़ा होगा, उस में से हिलाए जाने की भेंटवाली छाती जो हिलाई जाएगी, और उठाए जाने का भेंटवाला पुट्ठा जो उठाया जाएगा, इन दोनों को पवित्रा ठहराना।

27. পরে হারোণের ও তাহার পুত্রগণের হস্তপূরণার্থক মেষের যে দোলনীয় উপহার বক্ষঃস্থল দোলায়িত ও যে, উত্তোলনীয় উপহার জঙ্ঘা উত্তোলিত হইল, তাহা তুমি পবিত্র করিবে।

28. और ये सदा की विधि की रीति पर इस्त्राएलियों की ओर से उसका और उसके पुत्रों का भाग ठहरे, कयोंकि ये उठाए जाने की भेंटें ठहरी हैं; और यह इस्त्राएलियों की ओर से उनके मेलबलियों में से यहोवा के लिये उठाऐ जाने की भेंट होगी।

28. তাহাতে ইস্রায়েল-সন্তানগণ হইতে তাহা হারোণের ও তাহার সন্তানগণের চিরস্থায়ী অধিকার হইবে, কেননা তাহাই উত্তোলনীয় উপহার; ইস্রায়েল-সন্তানগণের এই উত্তোলনীয় উপহার তাহাদের মঙ্গলার্থক বলি হইতে দেয়; ইহা সদাপ্রভুর উদ্দেশে তাহাদের উত্তোলনীয় উপহার।

29. और हारून के जो पवित्रा वस्त्रा होंगे वह उसके बाद उसके बेटे पोते आदि को मिलते रहें, जिस से उन्हीं को पहिने हुए उनका अभिषेक और संस्कार किया जाए।

29. আর হারোণের পরে তাহার পবিত্র বস্ত্র সকল তাহার পুত্রগণের হইবে; অভিষেক ও হস্তপূরণ সময়ে তাহারা তাহা পরিধান করিবে।

30. उसके पुत्रों के जो उसके स्थान पर याजक होगा, वह जब पवित्रास्थान में सेवा टहल करने को मिलाप वाले तम्बू में पहिले आए, तब उन वस्त्रों को सात दिन तक पहिने रहें।

30. তাহার পুত্রদের মধ্যে যে তাহার পদে যাজক হইয়া পবিত্র স্থানে পরিচর্য্যা করিতে সমাগম-তাম্বুতে প্রবেশ করিবে, সে সেই বস্ত্র সাত দিন পরিবে।

31. फिर याजक के संस्कार का जो मेढ़ा होगा उसे लेकर उसका मांस किसी पवित्रा स्थान में पकाना;

31. পরে তুমি সেই হস্তপূরণার্থক মেষের মাংস লইয়া কোন পবিত্র স্থানে পাক করিবে,

32. तब हारून अपने पुत्रों समेत उस मेढे का मांस और टोकरी की रोटी, दोनों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खाए।

32. এবং হারোণ ও তাহার পুত্রগণ সমাগম-তাম্বুর দ্বারে সেই মেষমাংস ও ডালিতে স্থিত সেই রুটী ভোজন করিবে।

33. और जिन पदार्थों से उनका संस्कार और उन्हें पवित्रा करने के लिये प्रायश्चित्त किया जाएगा उनको तो वे खाएं, परन्तु पराए कुल का कोई उन्हें न खाने पाए, क्योंकि वे पवित्रा होंगे।

33. আর হস্তপূরণ দ্বারা তাহাদিগকে পবিত্র করণার্থে যাহা দিয়া প্রায়শ্চিত্ত করা হইল, তাহা তাহারা ভোজন করিবে; কিন্তু অপর কোন লোক তাহা ভোজন করিবে না, কারণ সে সকল পবিত্র বস্তু।

34. और यदि संस्कारवाले मांस वा रोटी में से कुछ बिहान तक बचा रहे, तो उस बचे हुए को आग में जलाना, वह खाया न जाए; क्योंकि वह पवित्रा होगा।

34. আর ঐ হস্তপূরণার্থক মাংস ও রুটী হইতে যদি প্রাতঃকাল পর্য্যন্ত কিছু অবশিষ্ট থাকে, তবে সেই অবশিষ্ট অংশ অগ্নিতে পোড়াইয়া দিবে; কেহ তাহা ভোজন করিবে না, কারণ তাহা পবিত্র বস্তু।

35. और मैं ने तुझे जो जो आज्ञा दी हैं, उन सभों के अनुसार तू हारून और उसके पुत्रों से करना; और सात दिन तक उनका संस्कार करते रहना,

35. আমি তোমাকে এই যে সকল আজ্ঞা করিলাম, তদনুসারে হারোণের প্রতি ও তাহার পুত্রগণের প্রতি করিবে; সাত দিন তাহাদের হস্তপূরণ করিবে।

36. अर्थात् पापबलि का एक बछड़ा प्रायश्चित्त के लिये प्रतिदिन चढ़ाना। और वेदी को भी प्रायश्चित्त करने के समय शुद्ध करना, और उसे पवित्रा करने के लिये उसका अभिषेक करना।

36. আর তুমি প্রায়শ্চিত্তের জন্য প্রতিদিন পাপার্থক বলিরূপে এক একটী পুংগোবৎস উৎসর্গ করিবে, এবং প্রায়শ্চিত্ত করিয়া বেদিকে মুক্ত-পাপ করিবে, আর তাহা পবিত্র করণার্থে অভিষেক করিবে।

37. सात दिन तक वेदी के लिये प्रायश्चित्त करके उसे पवित्रा करना, और वेदी परम पवित्रा ठहरेगी; और जो कुछ उस से छू जाएगा वह भी पवित्रा हो जाएगा।।
मत्ती 23:19

37. তুমি বেদির নিমিত্তে সাত দিন প্রায়শ্চিত্ত করিয়া তাহা পবিত্র করিবে; তাহাতে বেদি অতি পবিত্র হইবে; যে কেহ বেদি স্পর্শ করে, তাহার পবিত্র হওয়া চাই।

38. जो तुझे वेदी पर नित्य चढ़ाना होगा वह यह है; अर्थात् प्रतिदिन एक एक वर्ष के दो भेड़ी के बच्चे।
इब्रानियों 10:11

38. সেই বেদির উপরে তুমি এই বলি উৎসর্গ করিবে;

39. एक भेड़ के बच्चे को तो भोर के समय, और दूसरे भेड़ के बच्चे को गोधूलि के समय चढ़ाना।

39. নিয়ত প্রতিদিন একবর্ষীয় দুইটী মেষশাবক; একটী মেষশাবক প্রাতঃকালে উৎসর্গ করিবে, ও অন্যটী সন্ধ্যাকালে উৎসর্গ করিবে।

40. और एक भेड़ के बच्चे के संग हीन की चौथाई कूटके निकाले हुए तेल से सना हुआ एपा का दसवां भाग मैदा, और अर्घ के लिये ही की चौथाई दाखमधु देना।

40. আর প্রথম মেষশাবকের সহিত উখলিতে প্রস্তুত হিন পাত্রের চতুর্থাংশ তৈলে মিশ্রিত [ঐফা] পাত্রের দশমাংশ ময়দা, এবং পেয় নৈবেদ্যের কারণ হিনের চতুর্থাংশ দ্রাক্ষারস দিবে।

41. और दूसरे भेड़ के बच्चे को गोधूलि के समय चढ़ाना, और उसके साथ भोर की रीति अनुसार अन्नबलि और अर्घ दोनों देना, जिस से वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन ठहरे।

41. পরে দ্বিতীয় মেষশাবকটী সন্ধ্যাকালে উৎসর্গ করিবে, এবং প্রাতঃকালের মতানুসারে ভক্ষ্য ও পেয় নৈবেদ্যের সহিত তাহাও সদাপ্রভুর উদ্দেশে সৌরভার্থক অগ্নিকৃত উপহার বলিয়া উৎসর্গ করিবে।

42. तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर नित्य ऐसा ही होमबलि हुआ करे; यह वह स्थान है जिस में मैं तुम लोगों से इसलिये मिला करूंगा, कि तुझ से बातें करूं।

42. ইহা তোমাদের পুরুষানুক্রমে নিয়ত [কর্ত্তব্য] হোম; সমাগম-তাম্বুর দ্বারসমীপে সদাপ্রভুর সম্মুখে, যে স্থানে আমি তোমার সহিত আলাপ করিতে তোমাদের কাছে দেখা দিব, সেই স্থানে [ইহা কর্ত্তব্য]।

43. और मैं इस्त्राएलियों से वहीं मिला करूंगा, और वह तम्बू मेरे तेज से पवित्रा किया जाएगा।

43. সেখানে আমি ইস্রায়েল-সন্তানগণের কাছে দেখা দিব, এবং আমার প্রতাপে তাম্বু পবিত্রীকৃত হইবে।

44. और मैं मिलापवाले तम्बू और वेदी को पवित्रा करूंगा, और हारून और उसके पुत्रों को भी पवित्रा करूंगा, कि वे मेरे लिये याजक का काम करें।

44. আর আমি সদামগ-তাম্বু ও বেদি পবিত্র করিব, এবং আমার যাজনকর্ম্ম করণার্থে হারোণকে ও তাহার পুত্রগণকে পবিত্র করিব।

45. और मैं इस्त्राएलियों के मध्य निवास करूंगा, और उनका परमेश्वर ठहरूंगा।

45. আর আমি ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে বাস করিব, ও তাহাদের ঈশ্বর হইব।

46. तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूं, जो उनको मि देश से इसलिये निकाल ले आया, कि उनके मध्य निवास करूं; मैं ही उनका परमेश्वर यहोवा हूं।।

46. তাহাতে তাহারা জানিবে যে, আমি সদাপ্রভু, তাহাদের ঈশ্বর, আমি তাহাদের মধ্যে বাস করণার্থে মিসর দেশ হইতে তাহাদিগকে বাহির করিয়া আনিয়াছি; আমিই সদাপ্রভু, তাহাদের ঈশ্বর।



Shortcut Links
निर्गमन - Exodus : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |