Exodus - निर्गमन 25 | View All

1. यहोवा ने मूसा से कहा,
प्रेरितों के काम 7:44

1. And the LORD spoke unto Moses, saying,

2. इस्त्राएलियों से यह कहना, कि मेरे लिये भेंट लाएं; जितने अपनी इच्छा से देना चाहें उन्हीं सभों से मेरी भेंट लेना।

2. Speak unto the sons of Israel that they bring me an offering; of every man that gives it willingly with his heart ye shall take my offering.

3. और जिन वस्तुओं की भेंट उन से लेनी हैं वे ये हैं; अर्थात् सोना, चांदी, पीतल,

3. And this [shall be] the offering which ye shall take of them: gold and silver and brass

4. नीले, बैंजनी और लाल रंग का कपड़ा, सूक्ष्म सनी का कपड़ा, बकरी का बाल,

4. and blue and purple and scarlet and fine linen and goats' [hair]

5. लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालें, सुइसों की खालें, बबूल की लकड़ी,

5. and rams' skins dyed red and badgers' skins and cedar wood,

6. उजियाले के लिये तेल, अभिषेक के तेल के लिये और सुगन्धित धूप के लिये सुगन्ध द्रव्य,

6. oil for the light, spices for the anointing oil and for the sweet incense,

7. एपोद और चपरास के लिये सुलैमानी पत्थर, और जड़ने के लिये मणि।

7. onyx stones and stones to be set in the ephod and in the pectoral.

8. और वे मेरे लिये एक पवित्रास्थान बनाए, कि मैं उनके बीच निवास करूं।

8. And let them make me a sanctuary, that I may dwell among them.

9. जो कुछ मैं तुझे दिखाता हूं, अर्थात् निवासस्थान और उसके सब सामान का नमूना, उसी के अनुसार तुम लोग उसे बनाना।।

9. According to all that I show thee, [after] the pattern of the tabernacle and the pattern of all its vessels, even so shall ye make [it].

10. बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाया जाए; उसकी लम्बाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई और ऊंचाई डेढ़ डेढ़ हाथ की हों।
इब्रानियों 9:4

10. And they shall make an ark [of] cedar wood; two cubits and a half [shall be] its length, and a cubit and a half its breadth, and a cubit and a half its height.

11. और उसको चोखे सोने से भीतर और बाहर मढ़वाना, और सन्दूक के ऊपर चारों ओर सोने की बाड़ बनवाना।

11. And thou shalt cover it with pure gold; within and without shalt thou cover it and shalt make upon it a moulding of gold round about.

12. और सोने के चार कड़े ढलवाकर उसके चारों पायों पर, एक अलंग दो कड़े और दूसरी अलंग भी दो कड़े लगवाना।

12. And thou shalt cast four rings of gold for it and put [them] in the four corners thereof, and two rings [shall be] in the one side of it and two rings in the other side of it.

13. फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हे भी सोने से मढ़वाना।

13. And thou shalt make staves [of] cedar wood and overlay them with gold.

14. और डण्डों को सन्दूक की दोनों अलंगों के कड़ों में डालना जिस से उनके बल सन्दूक उठाया जाए।

14. And thou shalt put the staves into the rings by the sides of the ark, that the ark may be borne with them.

15. वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उस से अलग न किए जाएं।

15. The staves shall be in the rings of the ark; they shall not be taken from it.

16. और जो साक्षीपत्रा मैं तुझे दूंगा उसे उसी सन्दूक में रखना।

16. And thou shalt put into the ark the testimony which I shall give thee.

17. फिर चोखे सोने का एक प्रायश्चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो।

17. And thou shalt make a seat of reconciliation [of] pure gold; two cubits and a half [shall be] its length and a cubit and a half its breadth.

18. और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना।
इब्रानियों 9:5

18. And thou shalt make two cherubim [of] gold; [of] beaten work shalt thou make them, in the two ends of the seat of reconciliation.

19. एक करूब तो एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्चित्त के ढकने को उसके ही टुकडे से बनाकर उसके दोनो सिरों पर लगवाना।

19. And make one cherub on the one end and the other cherub on the other end: [even] of the seat of reconciliation shall ye make the cherubim on the two ends thereof.

20. और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित्त का ढकना उन से ढंपा रहे, और उनके मुख आम्हने- साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर रहें।

20. And the cherubim shall stretch forth [their] wings on high, covering the seat of reconciliation with their wings, and their faces [shall look] one to another; toward the seat of reconciliation shall the faces of the cherubim be.

21. और प्रायश्चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्रा मैं तुझे दूंगा उसे सन्दूक के भीतर रखना।

21. And thou shalt put the seat of reconciliation above upon the ark, and in the ark thou shalt put the testimony that I shall give thee.

22. और मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूंगा; और इस्त्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएं मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्रा के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूंगा।।

22. And there I will meet with thee, and I will speak with thee from above the seat of reconciliation, from between the two cherubim which [are] upon the ark of the testimony, of all [things] which I will give thee in commandment unto the sons of Israel.

23. फिर बबूल की लकड़ी की एक मेज बनवाना; उसकी लम्बाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ, और ऊंचाई डेढ़ हाथ की हो।
इब्रानियों 9:2

23. Thou shalt likewise make a table [of] cedar wood; two cubits [shall be] its length and a cubit its breadth, and a cubit and a half its height.

24. उसे चोखे सोने से मढ़वाना, और उसके चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना।

24. And thou shalt cover it with pure gold and make a moulding of gold round about it.

25. और उसके चारों ओर चार अंगुल चौड़ी एक पटरी बनवाना, और इस पटरी के चारों ओर सोने की एक बाड़ बनवाना।

25. And thou shalt make unto it a border of a handbreadth round about, and thou shalt make a golden moulding to its border round about.

26. और सोने के चार कड़े बनवाकर मेज के उन चारों कोनों में लगवाना जो उसके चारों पायों में होंगे।

26. And thou shalt make for it four rings of gold and put the rings in the four corners that [are] on the four feet thereof.

27. वे कड़े पटरी के पास ही हों, और डण्डों के घरों का काम दें कि मेंज़ उन्हीं के बल उठाई जाए।

27. Over against the border shall the rings be for places of the staves to bear the table.

28. और डण्डों को बबूल की लकड़ी के बनवाकर सोने से मढ़वाना, और मेज़ उन्हीं से उठाई जाए।

28. And thou shalt make the staves [of] cedar wood and cover them with gold, that the table may be borne with them.

29. और उसके परात और धूपदान, और चमचे और उंडेलने के कटोरे, सब चोखे सोने के बनवाना।

29. And thou shalt make the dishes thereof and spoons thereof and covers thereof and bowls thereof to [cover the bread]; of pure gold shalt thou make them.

30. और मेज़ पर मेरे आगे भेंट की रोटियां नित्य रखा करना।।

30. And thou shalt set the showbread upon the table before me always.

31. फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट, पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गांठ और फूल, सब एक ही टुकडे के बनें;

31. And thou shalt make a candlestick [of] pure gold; [of] beaten work shall the candlestick be made; its base and its branches its bowls its knops and its flowers shall be of the same.

32. और उसकी अलंगों से छ: डालियां निकलें, तीन डालियां तो दीवट की एक अलंग से और तीन डालियां उसकी दूसरी अलंग से निकली हुई हों;

32. And six branches shall come out of the sides of it, three branches of the candlestick out of the one side and three branches of the candlestick out of the other side,

33. एक एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन तीन पुष्पकोष, एक एक गांठ, और एक एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो;

33. three bowls made like unto almonds [with] a knop and a flower in one branch, and three bowls made like almonds in the other branch [with] a knop and a flower; thus in the six branches that come out of the candlestick.

34. और दीवट की डण्डी में बादाम के फूल के समान चार पुष्पकोष अपनी अपनी गांठ और फूल समेत हों;

34. And in the candlestick [shall be] four bowls made like unto almonds [with] their knops and their flowers.

35. और दीवट से निकली हुई छहों डालियों में से दो दो डालियों के नीचे एक एक गांठ हो, वे दीवट समेत एक ही टुकडे के बने हुए हों।

35. And [there shall be] a knop under two branches of the same, and another knop under two branches of the same, and another knop under two branches of the same, according to the six branches that proceed out of the candlestick.

36. उनकी गांठे और डालियां, सब दीवट समेत एक ही टुकडे की हों, चोखा सोना ढलवाकर पूरा दीवट एक ही टुकडे का बनवाना।

36. Their knops and their branches shall be of the same; all [of] it [shall be] one beaten work [of] pure gold.

37. और सात दीपक बनवाना; और दीपक जलाए जाएं कि वे दीवट के साम्हने प्रकाश दें।

37. And thou shalt make its seven lamps; and they shall light its lamps, that they may give light over against it.

38. और उसके गुलतराश और गुलदान सब चोखे सोने के हों।

38. And its tongs, and its snuffdishes, [shall be of] pure gold.

39. वह सब इन समस्त सामान समेत किक्कार भर चोखे सोने का बने।

39. [Of] a talent of pure gold shall he make it, with all these vessels.

40. और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है।।
प्रेरितों के काम 7:44, इब्रानियों 8:5

40. And look that thou make [them] after their pattern, which was showed thee in the mount.:



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