16. जब तीसरा दिन आया तब भोर होते बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, और पर्वत पर काली घटा छा गई, फिर नरसिंगे का शब्द बड़ा भरी हुआ, और छावनी में जितने लोग थे सब कांप उठे।इब्रानियों 12:19 और तुरही की ध्वनि, और बोलनेवाले के ऐसे शब्द के पास नहीं आए, जिस के सुननेवालों ने बिनती ही, कि अब हम से और बातें न की जाएं।
प्रकाशितवाक्य 4:1-5 इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझै दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघधनुष दिखाई देता है।और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्रा पहिने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के साम्हने आग के सात दीपक जल रहे हैं, ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं।
प्रकाशितवाक्य 8:5 और स्वर्गदूत ने धूपदान लेकर उस में वेदी की आग भरी, और पृथ्वी पर डाल दी, और गर्जन और शब्द और बिजलियां और भूईडोल होने लगा।।
प्रकाशितवाक्य 11:19 और परमेश्वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है, वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उस की वाचा का सन्दूक दिखाई दिया, और बिजलियां और शब्द और गर्जन और भुइंडोल हुए, और बड़े बड़े ओले पड़े।।
प्रकाशितवाक्य 16:18 फिर बिजलियां, और शब्द, और गर्जन हुए, और एक ऐसा बड़ा भुइंडोल हुआ, कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भुइंडोल कभी न हुआ था।