Exodus - निर्गमन 19 | View All

1. इस्त्राएलियों को मि देश से निकले हुए जिस दिन तीन महीने बीत चुके, उसी दिन वे सीनै के जंगल में आए।

प्रेरितों के काम 7:38 यह वही है, जिस ने जंगल में कलीसिया के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उस से बातें की, और हमारे बापदादों के साथ था: उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुंचाए।

2. और जब वे रपीदीम से कूच करके सीनै के जंगल में आए, तब उन्हों ने जंगल में डेरे खड़े किए; और वहीं पर्वत के आगे इस्त्राएलियों ने छावनी डाली।

3. तब मूसा पर्वत पर परमेश्वर के पास चढ़ गया, और यहोवा ने पर्वत पर से उसको पुकारकर कहा, याकूब के घराने से ऐसा कह, और इस्त्राएलियों को मेरा यह वचन सुना,

4. कि तुम ने देखा है कि मै ने मिस्त्रियों से क्या क्या किया; तुम को मानो उकाब पक्षी के पंखों पर चढ़ाकर अपने पास ले आया हूं।

5. इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे; समस्त पृथ्वी तो मेरी है।

तीतुस 2:14 जिस ने अपने आप को हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले भले कामों में सरगर्म हो।।

1 पतरस 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज- पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्रा लोग, और ( परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।

6. और तुम मेरी दृष्टि में याजकों का राज्य और पवित्रा जाति ठहरोगे। जो बातें तुझे इस्त्राएलियों से कहनी हैं वे ये ही है।

1 पतरस 2:5-9 तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाई आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्रा समाज बनकर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हो।इस कारण पवित्रा शास्त्रा में भी आया है, कि देखो, मैं सिरयोन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्जित नहीं होगा।सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिद्दीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया।और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मानकर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे।पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज- पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्रा लोग, और ( परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।

प्रकाशितवाक्य 1:6 और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन।

प्रकाशितवाक्य 5:10 और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।

प्रकाशितवाक्य 20:6 धन्य और पवित्रा वह है, जो इस पहिले पुनरूत्थान का भागी है, ऐसों पर दूसरी मृत्यु का कुछ भी अधिकार नहीं, पर वे परमेश्वर और मसीह के याजक होंगे, और उसके साथ हजार वर्ष तक राज्य करेंगे।।

7. तब मूसा ने आकर लोगों के पुरनियों को बुलवाया, और ये सब बातें, जिनके कहने की आज्ञा यहोवा ने उसे दी थी, उनको समझा दीं।

8. और सब लोग मिलकर बोल उठे, जो कुछ यहोवा ने कहा है वह सब हम नित करेंगे। लोगों की यह बातें मूसा ने यहोवा को सुनाईं।

9. तब यहोवा ने मूसा से कहा, सुन, मैं बादल के अंधियारे में होकर तेरे पास आता हूं, इसलिये कि जब मैं तुझ से बातें करूं तब वे लोग सुनें, और सदा तेरी प्रतीति करें। और मूसा ने यहोवा से लोगों की बातों का वर्णन किया।

10. तब यहोवा ने मूसा से कहा, लोगों के पास जा और उन्हें आज और कल पवित्रा करना, और वे अपने वस्त्रा धो लें,

11. और वे तीसरे दिन तक तैयार हो रहें; क्योंकि तीसरे दिन यहोवा सब लोगों के देखते सीनै पर्वत पर उतर आएगा।

12. और तू लोगों के लिये चारों ओर बाड़ा बान्ध देना, और उन से कहना, कि तुम सचेत रहों कि पर्वत पर न चढ़ो और उसके सिवाने को भी न छूओ; और जो कोई पहाड़ को छूए वह निश्चय मार डाला जाए।

इब्रानियों 12:20 क्योंकि वे उस आज्ञा को न सह सके, कि यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो पत्थरवाह किया जाए।

13. उसको कोई हाथ से तो न छूए, परन्तु वह निश्चय पत्थरवाह किया जाए, वा तीर से छेदा जाए; चाहे पशु हो चाहे मनुष्य, वह जीवित न बचे। जब महाशब्द वाले नरसिंगे का शब्द देर तक सुनाई दे, तब लोग पर्वत के पास आएं।

इब्रानियों 12:20 क्योंकि वे उस आज्ञा को न सह सके, कि यदि कोई पशु भी पहाड़ को छूए, तो पत्थरवाह किया जाए।

14. तब मूसा ने पर्वत पर से उतरकर लोगों के पास आकर उनको पवित्रा कराया; और उन्हों ने अपने वस्त्रा धो लिए।

15. और उस ने लोगों से कहा, तीसरे दिन तक तैयार हो रहो; स्त्री के पास न जाना।

16. जब तीसरा दिन आया तब भोर होते बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, और पर्वत पर काली घटा छा गई, फिर नरसिंगे का शब्द बड़ा भरी हुआ, और छावनी में जितने लोग थे सब कांप उठे।

इब्रानियों 12:19 और तुरही की ध्वनि, और बोलनेवाले के ऐसे शब्द के पास नहीं आए, जिस के सुननेवालों ने बिनती ही, कि अब हम से और बातें न की जाएं।

प्रकाशितवाक्य 4:1-5 इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझै दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघधनुष दिखाई देता है।और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्रा पहिने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के साम्हने आग के सात दीपक जल रहे हैं, ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं।

प्रकाशितवाक्य 8:5 और स्वर्गदूत ने धूपदान लेकर उस में वेदी की आग भरी, और पृथ्वी पर डाल दी, और गर्जन और शब्द और बिजलियां और भूईडोल होने लगा।।

प्रकाशितवाक्य 11:19 और परमेश्वर का जो मन्दिर स्वर्ग में है, वह खोला गया, और उसके मन्दिर में उस की वाचा का सन्दूक दिखाई दिया, और बिजलियां और शब्द और गर्जन और भुइंडोल हुए, और बड़े बड़े ओले पड़े।।

प्रकाशितवाक्य 16:18 फिर बिजलियां, और शब्द, और गर्जन हुए, और एक ऐसा बड़ा भुइंडोल हुआ, कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भुइंडोल कभी न हुआ था।

17. तब मूसा लोगों को परमेश्वर से भेंट करने के लिये छावनी से निकाल ले गया; और वे पर्वत के नीचे खड़े हुए।

18. और यहोवा जो आग में होकर सीनै पर्वत पर उतरा था, इस कारण समस्त पर्वत धुएं से भर गया; और उसका धुआं भट्टे का सा उठ रहा था, और समस्त पर्वत बहुत कांप रहा था

इब्रानियों 12:26 उस समय तो उसके शब्द ने पृथ्वी को हिला दिया पर अब उस ने यह प्रतिज्ञा की है, कि एक बार फिर मैं केवल पृथ्वी को नहीं, बरन आकाश को भी हिला दूंगा।

प्रकाशितवाक्य 9:2 और उस ने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी का सा धुआं उठा, और कुण्ड के धुएं से सूर्य और वायु अन्धयारी हो गई।

19. फिर जब नरसिंगे का शब्द बढ़ता और बहुत भारी होता गया, तब मूसा बोला, और परमेश्वर ने वाणी सुनाकर उसको उत्तर दिया।

20. और यहोवा सीनै पर्वत की चोटी पर उतरा; और मूसा को पर्वत की चोटी पर बुलाया और मूसा ऊपर चढ़ गया।

प्रकाशितवाक्य 4:1 इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझै दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।

21. तब यहोवा ने मूसा से कहा, नीचे उतरके लोगों को चितावनी दे, कहीं ऐसा न हो कि वे बाड़ा तोड़के यहोवा के पास देखने को घुसें, और उन में से बहुत नाश हों जाएं।

22. और याजक जो यहोवा के समीप आया करते हैं वे भी अपने को पवित्रा करें, कहीं ऐसा न हो कि यहोवा उन पर टूट पड़े।

23. मूसा ने यहोवा से कहा, वे लोग सीनै पर्वत पर नहीं चढ़ सकते; तू ने तो आप हम को यह कहकर चिताया, कि पर्वत के चारों और बाड़ा बान्धकर उसे पवित्रा रखो।

24. यहोवा ने उस से कहा, उतर तो जा, और हारून समेत ऊपर आ; परन्तु याजक और साधारण लोग कहीं यहोवा के पास बाड़ा तोड़के न चढ़ आएं, कहीं ऐसा न हो कि वह उन पर टूट पड़े।

प्रकाशितवाक्य 4:1 इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझै दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।

25. ये ही बातें मूसा ने लोगों के पास उतरके उनको सुनाईं।।



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