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1. यहोवा ने मूसा से कहा,
1. Then the Lord said to Moses,
2. इस्राएलियों को आज्ञा दे, कि वे लौटकर मिगदोल और समुद्र के बीच पीहहीरोत के सम्मुख, बालसपोन के साम्हने अपने डेरे खड़े करें, उसी के साम्हने समुद्र के तट पर डेरे खड़े करें।
2. Tell the people to go back to Pi Hahiroth. Tell them to spend the night between Migdol and the Red Sea, near Baal Zephon.
3. तब फिरौन इस्राएलियों के विषय में सोचेगा, कि वे देश के उलझनों में बझे हैं और जंगल में घिर गए हैं।
3. Pharaoh will think that the Israelites are lost in the desert and that the people will have no place to go.
4. तब मैं फिरौन के मन को कठोर कर दूंगा, और वह उनका पीछा करेगा, तब फिरौन और उसकी सारी सेना के द्वारा मेरी महिमा होगी; और मिद्दी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूं। और उन्हों ने वैसा ही किया।रोमियों 9:18
4. I will make Pharaoh brave, and he will chase you. But I will defeat Pharaoh and his army. This will bring honor to me. Then the people of Egypt will know that I am the Lord.' So the Israelites did what he told them.
5. जब मि के राजा को यह समाचार मिला कि वे लोग भाग गए, तब फिरौन और उसके कर्मचारियों का मन उनके विरूद्ध पलट गया, और वे कहने लगे, हम ने यह क्या किया, कि इस्राएलियों को अपनी सेवकाई से छुटकारा देकर जाने दिया ?
5. Pharaoh received a report that the Israelites had escaped. When he heard this, he and his officials changed their minds about what they had done. Pharaoh said, 'Why did we let the Israelites leave? Why did we let them run away? Now we have lost our slaves!'
6. तब उस ने अपना रथ जुतवाया और अपनी सेना को संग लिया।
6. So Pharaoh prepared his chariot and took his men with him.
7. उस ने छ: सौ अच्दे से अच्छे रथ वरन मि के सब रथ लिए और उन सभों पर सरदार बैठाए।
7. He took 600 of his best men and all of his chariots. There was an officer in each chariot.
8. और यहोवा ने मि के राजा फिरौन के मन को कठोर कर दिया। सो उस ने इस्राएलियों का पीछा किया; परन्तु इस्राएली तो बेखटके निकले चले जाते थे।
8. The Israelites were leaving with their arms raised in victory. But the Lord caused Pharaoh, the king of Egypt, to become brave. And Pharaoh chased the Israelites.
9. पर फिरौन के सब घोड़ों, और रथों, और सवारों समेत मिद्दी सेना ने उनका पीछा करके उन्हें, जो पीहहीरोत के पास, बालसपोन के साम्हने, समुद्र के तीर पर डेरे डाले पड़े थे, जा लिया।।
9. The Egyptian army had many horse soldiers and chariots. They chased the Israelites and caught up with them while they were camped near the Red Sea at Pi Hahiroth, east of Baal Zephon.
10. जब फिरौन निकट आया, तब इस्राएलियों ने आंखे उठाकर क्या देखा, कि मिद्दी हमारा पीछा किए चले आ रहे हैं; और इस्राएली अत्यन्त डर गए, और चिल्लाकर यहोवा की दोहाई दी।
10. When the Israelites saw Pharaoh and his army coming toward them, they were very frightened and cried to the Lord for help.
11. और वे मूसा से कहने लगे, क्या मि में कबरें न थीं जो तू हम को वहां से मरने के लिये जंगल में ले आया है ? तू ने हम से यह क्या किया, कि हम को मि से निकाल लाया ?
11. They said to Moses, 'Why did you bring us out of Egypt? Did you bring us out here in the desert to die? We could have died peacefully in Egypt; there were plenty of graves in Egypt.
12. क्या हम तुझ से मि में यही बात न कहते रहे, कि हमें रहने दे कि हम मिस्त्रियों की सेवा करें ? हमारे लिये जंगल में मरने से मिस्त्रियों कि सेवा करनी अच्छी थी।
12. We told you this would happen! In Egypt we said, 'Please don't bother us. Let us stay and serve the Egyptians.' It would have been better for us to stay and be slaves than to come out here and die in the desert.'
13. मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत, खड़े खड़े वह उद्धार का काम देखो, जो यहोवा आज तुम्हारे लिये करेगा; क्योंकि जिन मिस्त्रियों को तुम आज देखते हो, उनको फिर कभी न देखोगे।
13. But Moses answered, 'Don't be afraid! Don't run away! Stand where you are and watch the Lord save you today. You will never see these Egyptians again.
14. यहोवा आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा, इसलिये तुम चुपचाप रहो।।
14. You will not have to do anything but stay calm. The Lord will do the fighting for you.'
15. तब यहोवा ने मूसा से कहा, तू क्यों मेरी दोहाई दे रहा है? इस्राएलियों को आज्ञा दे कि यहां से कूच करें।
15. Then the Lord said to Moses, 'Why are you still crying to me? Tell the Israelites to start moving.
16. और तू अपनी लाठी उठाकर अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा, और वह दो भाग हो जाएगा; तब इस्राएली समुद्र के बीच होकर स्थल ही स्थल पर चले जाएंगे।
16. Raise the walking stick in your hand over the Red Sea, and the sea will split. Then the people can go across on dry land.
17. और सुन, मैं आप मिस्त्रियों के मन को कठोर करता हूं, और वे उनका पीछा करके समुद्र में घुस पड़ेंगे, तब फिरौन और उसकी सेना, और रथों, और सवारों के द्वारा मेरी महिमा होगी, तब मिद्दी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूं।रोमियों 9:18
17. I have made the Egyptians brave, so they will chase you. But I will show you that I am more powerful than Pharaoh and all of his horses and chariots.
18. और जब फिरौन, और उसके रथों, और सवारों के द्वारा मेरी महिमा होगी, तब मिद्दी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूं।
18. Then Egypt will know that I am the Lord. They will honor me when I defeat Pharaoh and his horse soldiers and chariots.'
19. तब परमेश्वर का दूत जो इस्राएली सेना के आगे आगे चला करता था जाकर उनके पीछे हो गया; और बादल का खम्भा उनके आगे से हटकर उनके पीछे जा ठहरा।
19. Then the angel of God moved to the back of the people. (The angel was usually in front of the people, leading them.) So the tall cloud moved from in front of the people and went to the back of the people.
20. इस प्रकार वह मिस्त्रियों की सेना और इस्राएलियों की सेना के बीच में आ गया; और बादल और अन्धकार तो हुआ, तौभी उससे रात को उन्हें प्रकाश मिलता रहा; और वे रात भर एक दूसरे के पास न आए।
20. In this way the cloud stood between the Egyptians and the Israelites. There was light for the Israelites. But there was darkness for the Egyptians. So the Egyptians did not come any closer to the Israelites that night.
21. और मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ाया; और यहोवा ने रात भर प्रचण्ड पुरवाई चलाई, और समुद्र को दो भाग करके जल ऐसा हटा दिया, जिससे कि उसके बीच सूखी भूमि हो गई।प्रेरितों के काम 7:36, इब्रानियों 11:29
21. Moses raised his hand over the Red Sea, and the Lord caused a strong wind to blow from the east. The wind blew all night long. The sea split, and the wind made the ground dry.
22. तब इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर होकर चले, और जल उनकी दाहिनी और बाईं ओर दीवार का काम देता था।1 कुरिन्थियों 10:1
22. The Israelites went through the sea on dry land. The water was like a wall on their right and on their left.
23. तब मिद्दी, अर्थात् फिरौन के सब घोड़े, रथ, और सवार उनका पीछा किए हुए समुद्र के बीच में चले गए।
23. Then all of Pharaoh's chariots and horse soldiers followed them into the sea.
24. और रात के पिछले पहर में यहोवा ने बादल और आग के खम्भे में से मिस्त्रियों की सेना पर दृष्टि करके उन्हें घबरा दिया।
24. Early that morning the Lord looked down from the tall cloud and column of fire at the Egyptian army. Then he made them panic.
25. और उस ने उनके रथों के पहियों को निकाल डाला, जिससे उनका चलना कठिन हो गया; तब मिद्दी आपस में कहने लगे, आओ, हम इस्राएलियों के साम्हने से भागें; क्योंकि यहोवा उनकी ओर से मिस्त्रियों के विरूद्ध युद्ध कर रहा है।।
25. The wheels of the chariots became stuck. It was very hard to control the chariots. The Egyptians shouted, 'Let's get out of here! The Lord is fighting against us. He is fighting for the Israelites.'
26. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा, कि जल मिस्त्रियों, और उनके रथों, और सवारों पर फिर बहने लगे।
26. Then the Lord told Moses, 'Raise your hand over the sea to make the water fall and cover the Egyptian chariots and horse soldiers.'
27. तब मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ाया, और भोर होते होते क्या हुआ, कि समुद्र फिर ज्यों का त्यों अपने बल पर आ गया; और मिद्दी उलटे भागने लगे, परन्तु यहोवा ने उनको समुद्र के बीच ही में झटक दिया।
27. So just before daylight, Moses raised his hand over the sea. And the water rushed back to its proper level. The Egyptians were running as fast as they could from the water, but the Lord swept them away with the sea.
28. और जल के पलटने से, जितने रथ और सवार इस्राएलियों के पीछे समुद्र में आए थे, सो सब वरन फिरौन की सारी सेना उस में डूब गई, और उस में से एक भी न बचा।
28. The water returned to its normal level and covered the chariots and horse soldiers. Pharaoh's army had been chasing the Israelites, but that army was destroyed. None of them survived!
29. परन्तु इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर होकर चले गए, और जल उनकी दाहिनी और बाईं दोनों ओर दीवार का काम देता था।
29. But the Israelites crossed the sea on dry land. The water was like a wall on their right and on their left.
30. और यहोवा ने उस दिन इस्राएलियों को मिस्त्रियों के वश से इस प्रकार छुड़ाया; और इस्राएलियों ने मिस्त्रियों को समुद्र के तट पर मरे पड़े हुए देखा।
30. So that day the Lord saved the Israelites from the Egyptians. Later, the Israelites saw the dead bodies of the Egyptians on the shore of the Red Sea.
31. और यहोवा ने मिस्त्रियों पर जो अपना पराक्रम दिखलाता था, उसको देखकर इस्राएलियों ने यहोवा का भय माना और यहोवा की और उसके दास मूसा की भी प्रतीति की।।
31. The Israelites saw the great power of the Lord when he defeated the Egyptians. So the people feared and respected the Lord, and they began to trust him and his servant Moses.