Psalms - भजन संहिता 65 | View All

1. हे परमेश्वर, सिरयोन में स्तुति तेरी बाट जोहती है; और तेरे लिये मन्नतें पूरी की जाएंगी।

1. For the choir director. A Psalm of David. A Song. There will be silence before You, [and] praise in Zion, O God, And to You the vow will be performed.

2. हे प्रार्थना के सुननेवाले! सब प्राणी तेरे ही पास आएंगे।
प्रेरितों के काम 10:34-35

2. O You who hear prayer, To You all men come.

3. अर्धम के काम मुझ पर प्रबल हुए हैं; हमारे अपराधों को तू ढांप देगा।

3. Iniquities prevail against me; As for our transgressions, You forgive them.

4. क्या ही धन्य है वह; जिसको तू चुनकर अपने समीप आने देता है, कि वह तेरे आंगनों में बास करे! हम तेरे भवन के, अर्थात् तेरे पवित्रा मन्दिर के उत्तम उत्तम पदार्थों से तृप्त होंगे।।

4. How blessed is the one whom You choose and bring near [to You] To dwell in Your courts. We will be satisfied with the goodness of Your house, Your holy temple.

5. हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, हे पृथ्वी के सब दूर दूर देशों के और दूर के समुद्र पर के रहनेवालों के आधार, तू धर्म से किए हुए भयानक कामों के द्वारा हमारा मुंह मांगा वर देगा;

5. By awesome [deeds] You answer us in righteousness, O God of our salvation, You who are the trust of all the ends of the earth and of the farthest sea;

6. तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है;

6. Who establishes the mountains by His strength, Being girded with might;

7. तू जो समुद्र का महाशब्द, उसकी तरंगो का महाशब्द, और देश देश के लोगों का कोलाहल शन्त करता है;
लूका 21:25

7. Who stills the roaring of the seas, The roaring of their waves, And the tumult of the peoples.

8. इसलिये दूर दूर देशों के रहनेवाले तेरे चिन्ह देखकर डर गए हैं; तू उदयाचल और अस्ताचल दोनों से जयजयकार कराता है।।

8. They who dwell in the ends [of the earth] stand in awe of Your signs; You make the dawn and the sunset shout for joy.

9. तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता हैं, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नहर जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है।

9. You visit the earth and cause it to overflow; You greatly enrich it; The stream of God is full of water; You prepare their grain, for thus You prepare the earth.

10. तू रेघारियों को भली भांति सींचता है, और उनके बीच की मिट्टी को बैठाता है, तू भूमि को मेंह से नरम करता है, और उसकी उपज पर आशीष देता है।

10. You water its furrows abundantly, You settle its ridges, You soften it with showers, You bless its growth.

11. अपनी भलाई से भरे हुए वर्ष पर तू ने मानो मुकुट धर दिया है; तेरे मार्गों में उत्तम उत्तम पदार्थ पाए जाते हैं।

11. You have crowned the year with Your bounty, And Your paths drip [with] fatness.

12. वे जंगल की चराइयों में पाए जाते हैं; और पहाड़ियां हर्ष का फेंटा बान्धे हुए है।।

12. The pastures of the wilderness drip, And the hills gird themselves with rejoicing.

13. चराइयां भेड़- बकरियों से भरी हुई हैं; और तराइयां अन्न से ढंपी हुई हैं, वे जयजयकार करतीं और गाती भी हैं।।

13. The meadows are clothed with flocks And the valleys are covered with grain; They shout for joy, yes, they sing.



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