Psalms - भजन संहिता 65 | View All

1. हे परमेश्वर, सिरयोन में स्तुति तेरी बाट जोहती है; और तेरे लिये मन्नतें पूरी की जाएंगी।

1. Praise waits for thee, O God, in Zion. And to thee the vow shall be performed.

2. हे प्रार्थना के सुननेवाले! सब प्राणी तेरे ही पास आएंगे।
प्रेरितों के काम 10:34-35

2. O thou who hear prayer, to thee all flesh shall come.

3. अर्धम के काम मुझ पर प्रबल हुए हैं; हमारे अपराधों को तू ढांप देगा।

3. Iniquities prevail against me. As for our transgressions, thou will forgive them.

4. क्या ही धन्य है वह; जिसको तू चुनकर अपने समीप आने देता है, कि वह तेरे आंगनों में बास करे! हम तेरे भवन के, अर्थात् तेरे पवित्रा मन्दिर के उत्तम उत्तम पदार्थों से तृप्त होंगे।।

4. Blessed is the man whom thou choose and cause to approach, that he may dwell in thy courts. We shall be satisfied with the goodness of thy house, thy holy temple.

5. हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, हे पृथ्वी के सब दूर दूर देशों के और दूर के समुद्र पर के रहनेवालों के आधार, तू धर्म से किए हुए भयानक कामों के द्वारा हमारा मुंह मांगा वर देगा;

5. By awesome things thou will answer us in righteousness, O God of our salvation, thou who are the confidence of all the ends of the earth, and of those who are afar off upon the sea,

6. तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है;

6. who by his strength sets firm the mountains, being girded about with might,

7. तू जो समुद्र का महाशब्द, उसकी तरंगो का महाशब्द, और देश देश के लोगों का कोलाहल शन्त करता है;
लूका 21:25

7. who stills the roaring of the seas, the roaring of their waves, and the tumult of the peoples.

8. इसलिये दूर दूर देशों के रहनेवाले तेरे चिन्ह देखकर डर गए हैं; तू उदयाचल और अस्ताचल दोनों से जयजयकार कराता है।।

8. They also who dwell in the outermost parts are afraid at thy signs. Thou make the outgoings of the morning and evening to rejoice.

9. तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता हैं, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नहर जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है।

9. Thou visit the earth, and water it; thou greatly enrich it. The river of God is full of water. Thou provide them grain when thou have so prepared the earth.

10. तू रेघारियों को भली भांति सींचता है, और उनके बीच की मिट्टी को बैठाता है, तू भूमि को मेंह से नरम करता है, और उसकी उपज पर आशीष देता है।

10. Thou water its furrows abundantly. Thou settle the ridges of it. Thou make it soft with showers. Thou bless the springing of it.

11. अपनी भलाई से भरे हुए वर्ष पर तू ने मानो मुकुट धर दिया है; तेरे मार्गों में उत्तम उत्तम पदार्थ पाए जाते हैं।

11. Thou crown the year with thy goodness, and thy paths drop fatness.

12. वे जंगल की चराइयों में पाए जाते हैं; और पहाड़ियां हर्ष का फेंटा बान्धे हुए है।।

12. They drop upon the pastures of the wilderness, and the hills are girded with joy.

13. चराइयां भेड़- बकरियों से भरी हुई हैं; और तराइयां अन्न से ढंपी हुई हैं, वे जयजयकार करतीं और गाती भी हैं।।

13. The pastures are clothed with flocks. The valleys also are covered over with grain. They shout for joy; they also sing.



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