Psalms - भजन संहिता 51 | View All

1. हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
लूका 18:13

1. For the Chief Musician. A Psalm of David; when Nathan the prophet came to him, after he had gone in to Bathsheba. Have mercy on me, O God, according to your loving-kindness: According to the multitude of your tender mercies blot out my transgressions.

2. मुझे भलीं भांति धोकर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ाकर मुझे शुद्ध कर!

2. Wash me thoroughly from my iniquity, And cleanse me from my sin.

3. मैं तो अपने अपराधों कों जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।

3. For I know my transgressions; And my sin is ever before me.

4. मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
लूका 15:18, रोमियों 3:4

4. Against you, you only, I have sinned, And done that which is evil in your sight; That you may be justified when you speak, And be clear when you judge.

5. देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।।
यूहन्ना 9:34, रोमियों 7:14

5. Look, I was brought forth in iniquity; And in sin did my mother conceive me.

6. देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।

6. Look, you desire truth in the inward parts; And in the hidden part you will make me to know wisdom.

7. जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्रा हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।

7. Purify me with hyssop, and I will be clean: Wash me, and I will be whiter than snow.

8. मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।

8. Make me to hear joy and gladness, That the bones which you have broken may rejoice.

9. अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।।

9. Hide your face from my sins, And blot out all my iniquities.

10. हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।

10. Create in me a clean heart, O God; And renew a right spirit inside me.

11. मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्रा आत्मा को मुझ से अलग न कर।

11. Don't cast me away from your presence; And don't take your holy Spirit from me.

12. अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे सम्भाल।।

12. Restore to me the joy of your salvation; And uphold me with a willing spirit.

13. जब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।

13. Then I will teach transgressors your ways; And sinners will be converted to you.

14. हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।।

14. Deliver me from bloodguiltiness, O God, God of my salvation; [And] my tongue will sing aloud of your righteousness.

15. हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।

15. O Lord, open my lips; And my mouth will show forth your praise.

16. क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।

16. For you do not delight in sacrifice; or else I would give it: You have no pleasure in burnt-offering.

17. टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।।

17. The sacrifices of God are a broken spirit: A broken and a contrite heart, O God, you will not despise.

18. प्रसन्न होकर सिरयोन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,

18. Do good in your good pleasure to Zion: Build the walls of Jerusalem.

19. तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात् सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा; तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।।

19. Then you will delight in the sacrifices of righteousness, In burnt-offering and whole burnt-offering: Then they will offer bullocks on your altar.



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